भारतीय मजदूर संघ ने मलाजखंड कार्यकारिणी को किया भंग, उपाध्यक्ष अनिमेष खरे को संघ से किया निष्कासित, कार्यकारिणी में शामिल अधिकांश लोगों के दस्तखत फर्जी-शर्मा

बालाघाट. 04 मार्च 2024 को गठित भारतीय खनिज मजदूर संघ मलाजखंड की कार्यकारिणी को भारतीय मजदूर संघ ने भंग कर दिया है. जिस आशय की पुष्टि भारतीय  मजदूर संघ विभाग प्रमुख राजेश वर्मा ने करते हुए बताया कि नियम विरूद्ध तरीके से अध्यक्ष ना होते हुए भी हस्ताक्षर कर समिति गठित करवाने वाले संघ के जिला उपाध्यक्ष अनिमेष खरे को भी संघ से निष्कासित कर दिया गया है. वहीं इस मामले में भारतीय खनिज मजदूर संघ के संस्थापक महामंत्री एन. के. शर्मा ने आरोप लगाया है कि 04 मार्च 2024 को संघ की जो कार्यकारिणी घोषित कर मलाजखंड मैनेजमेंट को प्रदान की गई, उसमें शामिल अधिकांश लोगों के हस्ताक्षर फर्जी है.  

गौरतलब हो कि भारतीय खनिज मजदूर संघ के 2019 में हुए विधिवत निर्वाचन के बाद से निर्धारित कार्यकाल तक जी. एन. राजावत अध्यक्ष थे. जबकि घृतराष्ट्र पटले, महामंत्री थे, लेकिन इस बीच जी. एन. राजावत की मृत्यु उपरांत, कार्यकारिणी का गठन, लंबित था. जिसका गठन किया जाना था, लेकिन इसी बीच भारतीय मजदूर संघ जिला उपाध्यक्ष अनिमेष खरे द्वारा, अध्यक्षीय हस्ताक्षर कर जो कार्यकारिणी गठित कर दी गई है, जिसमें पूर्व अध्यक्ष स्व. जी. एन. राजावत की पत्नी के. एस. राजावत को अध्यक्ष और हेमंत भगत कार्यकारी अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों के साथ पूरी कार्यकारिणी घोषित की गई. जिस कार्यकारिणी को ही एचसीएल मैंनेजमेंट को सौंप दिया गया.  

जिस पर उठ रहे सवालों के बाद इस संबंध में भारतीय मजदूर संघ विभागीय प्रमुख राजेश वर्मा ने चर्चा में बताया कि चूंकि कार्यकारिणी में नियमों का पालन नहीं किया गया. जिसके चलते कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि आगामी दिनो में भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री का आगमन हो रहा है, जिनसे इस विषय पर चर्चा की जाएगी.

इस मामले में भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक पूर्व महामंत्री एन. के. शर्मा ने बताया कि भारतीय खनिज मजदूर संघ मलाजखंड की कार्यकारिणी का गठन दोषपूर्ण एवं पक्षपातपूर्ण है. इस कार्यकारिणी को मान्यता देने से मजदूरों का अहित होगा. चूंकि मजदूर संघ एक राष्ट्रीय संगठन है और राजावत के मरणोपरांत उनकी पत्नी को अध्यक्ष बनाना, परिवारवाद को बढ़ावा देना है. उनका कहना है कि एचसीएल में एक नौकरी के दौरान वह संस्थान की सदस्या थी और जो संस्थान से जुड़ी रही है, उसका उसी संस्थान के मजदूर संगठन का अध्यक्ष बनना भी कई संदेहो को जन्म देता है. यही नहीं बल्कि कार्यकारिणी गठन में आम मजदूरों की भी राय नही ली गई है. उन्होंने बताया कि इस मामले की शिकायत उन्होंने मलाजखंड पुलिस के साथ ही पुलिस अधीक्षक से की है. हमारी मांग है कि कार्यकारिणी गठन में नियमों का पालन किया गया है या नहीं, इसकी जांच की जाए और दोषियों पर कार्यवाही की जाए.


Web Title : BHARATIYA MAZDOOR SANGH DISSOLVES MALAJKHAND EXECUTIVE, EXPELLS VICE PRESIDENT ANIMESH KHARE FROM UNION, FORGED SIGNATURES OF MOST OF THE PEOPLE INVOLVED IN THE EXECUTIVE