पिच्छिका परिवर्तन समारोह में जुटे जैन धर्मावलंबी

बालाघाट. प्राकृतिक संपदा से संपन्न धर्मनगरी बालाघाट का यह सौभाग्य है कि यहां हमेशा साधु-संतो का आगमन होता रहता है. इस भी दिगंबर जैन समाज का सौभाग्य रहा कि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के परमशिष्य पाठशाला प्रेरक मुनी श्री 108 निर्णय सागर जी महाराज ससंघ का मंगलमय वर्षावास का अवसर उन्हें मिला.  

वर्षावास चतुर्मास के समापन पर प्रतिवर्ष होने वाले जीवों की रक्षा करने वाली मोर पंख की पिच्छिका परिवर्तन समारोह 28 अक्टूबर को दिगंबर जैन पंचायत भवन में आयोजित किया गया था. दोपहर एक बजे से आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जैन धर्मावलंबी जुटे थे. प्रातः 6 बजे से आयोजित इस कार्यक्रम में अभिषेक शांतिधारा, आचार्य श्री का पूजन, आहार चर्चा, पिच्छिका जुलुुस, पिच्छिका परिवर्तन समारोह और मंगल प्रवचन के कार्यक्रम आयोजित किये गये.  

दिगंबर जैन पंचायत अध्यक्ष सुशील जैन के नेतृत्व में आयोजित पिच्छिका परिवर्तन समारोह को लेकर सचिव संजय जैन ने बताया कि प्रतिवर्ष चातुर्मास के बाद यह परंपरा रही है कि पुरानी पिच्छिका का त्याग कर जीवों को बचाने में जैन मुनियों के उपयोग में आने वाली पिच्छिका का परिवर्तन किया जाता है. यह सौभाग्य बालाघाट को मिला है. जिसमें सभी सामाजिक लोगो ने भव्य अहिंसोपकरण पिच्छिका परिवर्तन समारोह में हिस्सा लिया.


Web Title : JAINS GATHER AT PICHHIKA PARIVARTAN CEREMONY