बालाघाट. वारासिवनी थाना अंतर्गत गर्रा तथा उसके आसपास से गांवो में पिछले वर्ष से लगातार ट्रको एवं अन्य वाहनों से बैटरी चोरी होने की शिकायत, वारासिवनी पुलिस को मिल रही थी. जिसमें पुलिस द्वारा अपराध कायम कर विवेचना की जा रही थी, बावजूद इसके बैटरी चोरी की घटना थमने का नाम नहीं ले रही थी. जिसे पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय डावर एवं एसडीओपी के मार्गदर्शन में टीम गठित की गई.
बैटरी चोरी के आरोपियों को पकड़ने गठित पुलिस टीम द्वारा आसपास के सीसीटीव्ही फुटेज खंगाले गये, जिसमें आये संदिग्धों की विवेचना के दौरान मुखबिर सक्रिय किया गया. जिससे पुलिस को जानकारी मिली कि सीसीटीव्ही फुटेज में नजर आ रहे विवेक कोटांगले और उसका छोटा भाई है जो लालबर्रा थाना अंतर्गत बेहरई निवासी है, जिसके बाद टीम बेहरई पहुंची, जहां नाले के पास सीसीटीव्ही फुटेज में नजर आये संदिग्ध मोटर सायकिल में दिखाई दिये, जिनकी मोटर सायकिल में बोरी रखी थी, जो पुलिस को देखने के बाद भागने लगे. जिन्हें पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ा, जिनके पास से पुलिस ने बोरी से 12-12 बोल्ट की बड़ी बैटरी बरामद की. जिनसे पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि दो बैटरियां, गर्रा क्षेत्र से चोरी करना स्वीकार किया. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2021 अक्टूबर से लेकर अभी तक लगभग 30 बैटरी चोरी की है. जिनकी निशानदेही पर घर से 18 बैटरियां और जंगल में छिपाकर रखी गई दो बैटरी पुलिस ने बरामद की. जबकि 18 बैटरी, बालाघाट बस स्टैंड स्थित रजा बेटरी के संचालक जुबेर खान को बेचने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने चोरी की बैटरी के खरीददार रजा नगर निवासी जुबेर पिता रफीक खान को गिरफ्तार किया है, जिसने पूछताछ में बताया कि उसने बैटरी ली और कुछ बैटरी खराब होने पर उसे स्क्रैप में बेच दी है. जबकि 13 नग बैटरी किराये पर दी है. जिससे पुलिस ने 18 नग बैटरी बरामद की. पुलिस ने विवेक कोटांगले और उसके नाबालिग भाई के खिलाफ चोरी तथा आरेापी जुबेर खान के खिलाफ चोरी का माल खरीदने एवं उसका व्यवसायिक उपयोग करने पर धारा 411, 413 भादंवि. के तहत अपराध कायम कर उसे गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने सभी आरोपियों के पास से 30 नग ट्रको की बैटरियां, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 3 लाख रूपये है, बरामद की है. इस कार्यवाही में एसडीओपी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी कैलाश सोलंकी के नेतृत्व में उपनिरीक्षक शशांक राणा, आर. एस. दांगी, एएसआई बिजु माम्मन, सतेन्द्र पटले, तरूण सोनेकर, कपूरचंद बिसेन, प्रधान आरक्षक दारासिंह बघेल, आरक्षक सुनील बिसेन, वीरेन्द्र रावतकर, पप्पु उईके, आलोक बिसेन एवं लक्ष्मण सपाटे का सराहनीय योगदान रहा.