आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. रमेश सेवलानी दे रहे व्हाट्सअप के माध्यम से आयुर्वेदिक उपचार, कोरोना वायरस से जागरूक करने के साथ ही 12 सौ लोगों को सेनेटाईजर और 4 सौ लोगों को निःशुल्क मॉस का वितरण

बालाघाट. कोरोना वायरस कोविड-19 से निपटने आगामी 14 अप्रैल तक किये गये लॉक डाउन के कारण अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को चेकअप कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है किन्तु जिले के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. रमेश सेवलानी, इस दौरान भी मरीजो को घर बैठे उपचार सुविधा दे रहे है. वह अपने मरीजों से संचार क्रांति के माध्यम से जुड़कर व्हाट्सअप के माध्यम से जिले के ग्रामीण अंचलों में निवासरत अपने मरीजों को आयुर्वेदिक उपचार एवं औषधी की जानकारी प्रदान कर रहे है. एक जानकारी के अनुसार लॉक डाउन के दौरान अब तक वे लगभग 450 मरीजों की स्वास्थ्य समस्या जानने के बाद उन्हें घर बैठे ही उपचार सुविधा मुहैया करवा रहे है. यही नहीं बल्कि लॉक डाउन के दौरान वह शासन, प्रशासन के कोरोना वायरस की सावधानी के साथ लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए सेनेटाईजर और मॉस्क का भी वितरण कर रहे है. मिली जानकारी अनुसार अब तक उन्होंने लगभग 12 सौ लोगों को सेनेटाईजर और लगभग 4 सौ लोगो को मॉस्क का निःशुल्क वितरण किया है.

रोग प्रतिरोधक क्षमता देती है जीवाणु या विषाणु से लड़ने की ताकत

डॉ. रमेश सेवलानी ने बताया कि जीवाणु या विषाणु रोगों का सीधा कारण नहीं होते. ये वात, कफ, पित्त को विषम कर बीमारियां उत्पन्न करते हैं. ऐसे में आपकी प्रतिरोधक क्षमता और संक्रमण से बचने के एहतियाती उपाय ही रोगों से मुक्त रख सकते हैं. कोरोना के साथ भी कुछ ऐसा ही है. आयुर्वेद के अचूक नुस्खे न केवल इस महामारी से बचाने में कारगर है, बल्कि निपटने में भी पूरी तरह सक्षम हैं.

नाक, मुख और त्वचा है संक्रमण का प्रवेश द्वार

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. रमेश सेवलानी का मानना है कि नाक, मुख और त्वचा को ढंक कर रखना संक्रमण से बचाव का पहला कदम है. यह संक्रमण के प्रवेश द्वार माने जाते हैं. संक्रमण से बचने का दूसरा महत्वपूर्ण तत्व प्रतिरोधक क्षमता है. यह जितनी मजबूत होगी, जीवाणु या विषाणु का प्रभाव उतना ही न्यून होगा. शरीर में इसकी अधिकता जीवाणुओं को शरीर से वापस जाने तक पर मजबूर कर देती है.

मौसम के अनुसार यह कदम भी उठाना जरूरी

उन्‍होंने कहा कि अगर हम कोरोना वायरस की बात करें तो इससे बचने का भी कारगर माध्यम पहले और दूसरे एहतियाती कदम ही हैं. इसके साथ मौसम को देखते हुए वह कदम भी उठाने होंगे, जिससे कि बात, कफ, पित्त में विषमता उत्पन्न न हो और यदि यह हो भी जाए तो उसे सम किया जा सके. जिसके लिए गर्म पानी और दूध पीये, प्राणायाम करें, गले में कफ न होने दे, ठंडा पानी न पिये, ठंडी वस्तु से बचे और इसका उपयोग न करे. नियमित व्यायाम अवश्य करें.  

ऐसे बढ़ेगी प्रतिरोधक क्षमता

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. रमेश सेवलानी ने बताया कि यदि शरीर की प्रतिरोध क्षमता मजबूत होगी तो कोई भी जीवाणु या विषाणु आपके शरीर में प्रवेश नहीं करेगा. शरीर में प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति सुबह-शाम तीन चम्मच आंवले का चूर्ण या रस लें. इसके अलावा गिलोय (गुरुचि) का तीन चम्मच रस या गिलोय घन बटी, तुलसी घनवटी, आंवला कैंडी, त्रिकूट घनवटी भी फायदेमंद है. रोटी, चावल, दाल एवं हरी सब्जियां लें. उन सब्जियों का सेवन करें जो जमीन के ऊपर फलती हैं. खजूर, बादाम, अखरोट, पिस्ता को नाश्ते में शामिल करें. दूध और फलों में सेब ज्यादा फायदेमंद होगा.  

भोजन में यह बरतें सावधानी

यह भी कहा कि दही, बैगन, पत्ता गोभी, उड़द, मछली,तेज मिर्च, मसाले एवं केला का सेवन न करें. भूख से थोड़ा कम खाये. शीतल पेय एवं ठंडी चीजों से परहेज करें. किसी भी तरह का नशा न करें. बासी भोजन भी सेहत के लिए नुकसानदायक है. उन्होंने कहा कि यदि सावधानी के साथ व्यक्ति अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है तो निश्चित ही वह मानव से मानव शरीर में फैलने वाले जीवाणु या विषाणु को खत्म करने की ताकत रखता है और यही ताकत उसे कोरोना वायरस जैसी बीमारी से भी बचाव में मददगार साबित होगी.  


Web Title : AYURVEDIC PHYSICIAN DR. RAMESH SEVLANI GIVING AYURVEDIC TREATMENT THROUGH WHATSAPP, MAKING CORONA VIRUS AWARE AS WELL AS DISTRIBUTING 1200 PEOPLE TO SENATAIRS AND 400 PEOPLE FREE OF COST