बालाघाट को मिली आराध्या एमआरआई डायग्नोस्टिक सेंटर की सौगात, डॉ. शुक्ला परिवार की एक और पहल, जिले की प्रथम डॉ. शुक्ला की प्रेरणा से खुला सेंटर

बालाघाट. जिले में डॉ. शुक्ला परिवार ने न केवल बालाघाट जिले में प्रथम महिला डॉक्टर दी, बल्कि चिकित्सा सुविधा की हर तकनीकि की नई शुरूआत करने वाले डॉ. शुक्ला परिवार ने जिले को एक और बड़ी सौगात दी है और वह सौगात है, आराध्या एमआरआई डायग्नोस्टिक सेंटर, नगर के गोंदिया रोड मार्ग पर खुले इस डायग्नोस्टिक सेंटर के खुलने की प्रेरणा भी जिले की प्रथम डॉ. कुसुमलता शुक्ला से ही परिवार को मिली. जिससे अब तक जिले के लोगों को गोंदिया और नागपुर जैसे महानगरों की ओर समय और धन खर्च करवाने एमआरआई करवाने जाना पड़ता था. वह अब बालाघाट में ही करवा सकते है, सबसे खास बात यह है कि 1. 5 टेसला 96 चैनल, सिमिन्स मेगनोटॉक की जर्मनी से मंगाई गई इस अत्याधुनिक मशीन में शरीर के सिर से लेकर पांव तक के हर पार्ट की बीमारियों की एमआरआई हो सकती है, जिससे न केवल तत्काल मरीज की बीमारी का पता चल पायेगा बल्कि त्वरित ईलाज होने से मरीज, जल्दी स्वस्थ्य भी हो सकेंगे. आर्थो और कार्डियक से संबंधित बीमारियों के ईलाज के लिए एमआईआर एक वरदान साबित होगी. सबसे खुशी की बात यह है कि बालाघाट में महंगी अत्याधुनिक मशीन से होने वाले एमआईआर की दरें भी बीमारियों से संबंधित जांचो के आधार पर और गोंदिया एवं नागपुर जैसे महानगरों में होने वाले एमआरआई दरों की तरह ही है, जिससे बीमार मरीज के एमआरआई कराने समय और धन खर्च करके जाने वाले परिजनों को बड़ी राहत होगी.  

बालाघाट नगर के गोंदिया रोड में प्रारंभ किये गये आराध्या डायग्नोस्टिक सेंटर के शुभारंभ पर जिले की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अर्चना शुक्ला और एम. डी. रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अक्षत शुक्ला ने डायग्नोस्टिक सेंटर की सुविधाओं को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा आयोजित प्रेसवार्ता में की और इससे जुड़ी बारिक से बारिक जांच से अवगत कराया.

डॉ. अक्षत शुक्ला ने बताया कि अत्याधुनिक यह लेटेस्ट मशीन पूरी तरह सो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के साथ है, जबकि कई डायग्नोस्टिक मशीन में एमआरआई के दौरान ह्रयूमन एरर आ जाता है और शरीर के कुछ पार्ट का स्केन नहीं हो पाता है, लेकिन इस मशीन की खासियत यह है कि इसमें ह्रयूमन एरर नहीं होता है और आर्थो एवं कार्डियेक के सभी प्रोटोकॉल इसमें लोड है. जिससे ब्रेन, स्पाईनल, नीक अर्थात ज्वाईंट से लेकर शरीर के जितने भी पार्ट होते है, उसकी स्केनिंग करने की क्षमता इस मशीन में है.  

डॉ. अक्षत शुक्ला ने कहना है कि यह रेडियोबेस्ट और मैगनेटिक फिल्ड के साथ है जिससे यह मशीन, मरीज के अंदरूनी हिस्सो की इमेज बना सकती है, चूंकि सिटीस्केन में ब्रेन, ब्लड और बोन ही सही नजर आते है जबकि साफ्ट इश्यु का पता नहीं चल पाता है, लेकिन इसमें लिंगामेंट, मसल्स और कैंडल्स को अच्छे से देखा जा सकता है. अक्सर देखा जाता है कि स्लिप डिस्क बीमारी होने पर स्पाईन में तकलीफ होने से मरीज चल नहीं पाते है, उन्हें एमआरआई के लिए गोंदिया और नागपुर जाना पड़ता था, ईलाज में परेशानी होती थी लेकिन अब इसकी एमआरआई बालाघाट में ही संभव है और उसके आधार पर चिकित्सक द्वारा तत्काल ईलाज मिलने पर मरीज जल्द स्वस्थ्य भी हो सकते है.

उन्होंने बताया कि इस अत्याधुनिक मशीन सिर से लेकर पांव तक में होने वाली बीमारी में एमआरआई की जरूरत को पूरा करती है, दिल और ब्रेन से जुड़ी जांच में एमआरआई जांच की आवश्यकता मंे यह मशीन बहुपयोगी है. डॉ. अक्षत शुक्ला की मानें तो लकवा के पेंशेंट की जांच के दौरान होने वाले सिटीस्केन में 48 घंटे तक नॉर्मल नजर आता है, जिससे यह पता नहीं चल पाता कि ब्रेन पर कितना प्रभाव पड़ा है और उसका उपचार शुरू नहीं हो पाता. जिससे मरीज को सही उपचार मिलने में देरी होती है लेकिन इस अत्याधुनिक मशीन के माध्यम से करवाई गई एमआरआई जांच में महज 3 से 6 घंटे में लकवा की बीमारी कितनी बड़ी है, इसका पता चल जाता है और मरीज को समय पर उपचार मिल जाने से उसमें सुधार होने लगता है. चूंकि किसी भी बीमारी के उपचार में देरी ही सबसे बड़ी वजह होती है. यही नहीं बल्कि कैंसर बीमारी को लेकर भी इस मशीन के माध्यम से करवाई जाने वाली एमआरआई में किस प्रकार का कैंसर है, इसका पता चल जाता है, जबकि सिटीस्केन में इसका पता नहीं चल पाता. वहीं इंजुरी में चिकित्सक को यह नहीं पता होता है कि आखिर इंजुरी से शरीर का कौन सा पार्ट प्रभावित है, जबकि इस मशीन से होने वाले एमआरआई में उसकी जांच सही होने से मरीज का ईलाज हो सकता है.  

कार्डियक एमआरआई भी मशीन से संभव

बताया जाता है कि कार्डियक एमआरआई की सुविधा, गोंदिया में नहीं है, जिसके लिए मरीज को नागपुर जाना होता है, जहां भी कुछ चुनिंदा स्थानो में ही इसकी एमआरआई हो पाती है, जिससे पता चलता है कि दिल से रिलेटेड हार्ट अटैक का असर मरीज पर कैसा है, जिसमें देरी, मरीज के लिए जान का जोखिम बन जाती है लेकिन यह कार्डियक एमआरआई की सुविधा भी इस मशीन में उपलब्ध है, जिससे कई बार ऐसे मरीजों को समय और धन का खर्च करके नागपुर नहीं जाना पडे़गा, ऐसे लोगों के ईलाज के लिए एमआरआई बालाघाट में हो सकेगी. यही नहीं बल्कि बिना इंजेक्शन और डाई के एंजियोग्राफी की सुविधा भी मशीन के माध्यम से मरीजों को मिल पायेगी. सुपर स्पेशलाईज सिक्वेंस, स्पेक्ट्रोस्कोपी और परचूजन ब्लड वाल्युम के बारे मंे मशीन के माध्यम से पहचाना जाना, इस मशीन की खासियत है.

10 डॉक्टरों के पैनल से ले सकते है रिपोर्ट, अतिरिक्त चार्ज होगा पूरी तरह निःशुल्क

आराध्या डायग्नोस्टिक सेंटर की एक और बड़ी खासियत यह है कि यहां एमआरआई करवाने वाले मरीजो को देश के 10 पैनेलिस्ट डॉक्टरों की रिपोर्ट की सुविधा पूरी तरह से निःशुल्क मिलेगी. मसलन यदि कोई मरीज, मुंबई के स्पेशलिस्ट डॉक्टर के परामर्श से अपनी एमआरआई जांच रिपोर्ट चाहता है तो उसे ऑनलाईन के माध्यम से सीधे कनेक्ट कर उसकी जांच रिपोर्ट मरीज को प्रदान की जायेगी. जिसके परामर्श का कोई शुल्क मरीज को नहीं चुकाना होगा, जांच की फिस पर ही उसे यह सुविधा मिलेगी. डॉ. अक्षत शुक्ला की मानें तो देश के नानावती हॉस्पिटल, जसलोक हॉस्पिटल सहित देश के प्रसिद्ध हॉस्पिटल के ख्यातिलब्ध रेडियोलॉजिस्ट हमसे जुड़े है, जिनसे मरीज अपने अनुसार परामर्श लेकर जांच रिपोर्ट ले सकता है.

सास डॉ. श्रीमती कुसुमलता शुक्ला से मिली प्रेरणा-डॉ. अर्चना शुक्ला

जिले की वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना शुक्ला ने बताया कि पति एम. डी. रेडियोलॉजिस्ट डॉ. संजय शुक्ला और पुत्र एम. डी. रेडियोलॉजिस्ट अक्षत शुक्ला के प्रयास से यह एमआरआई डायग्नोस्टिक की सुविधा बालाघाट को मिल सकी है. जिसके पीछे मेरी सास और जिले की प्रथम डॉ. कुसुमलता शुक्ला की प्रेरणा है, उन्हें इसको लेकर अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कोरोना की प्रथम लहर में जब सास बीमारी से प्रभावित हुई तो उनकी एमआरआई के लिए उन्हें नागपुर जाने की आवश्यकता पड़ी, चूंकि उस समय बीमारी अपने पिक पर थी, जिससे दिक्कते तो थी, लेकिन हम चिकित्सीय पेशे से जुड़े थे, इसलिए हमें ज्यादा समस्या नहीं हुई, लेकिन यह जरूर सवाल दिमाग में कौंधा की ऐसी परिस्थिति में आम आदमी का क्या होगा? जिसके बाद से जिले में हमारा प्रयास एमआरआई डायग्नोस्टिक सेंटर खोलने का था, लेकिन महंगी और इतनी बड़ी मशीन को लेकर आर्थिक रूप से सब संभव नहीं था लेकिन हमारा प्रयास अटल था, जिसके चलते सभी बाधायें समय के साथ दूर होती गई और बैंक से लिये गये लोन और स्व-पूंजी से यह सपना साकार हो सका. जिससे आज हमारे गृहनगर में यह सुविधा मिल सकी है.


Web Title : BALAGHAT GETS AARADHYA MRI DIAGNOSTIC CENTRE, ANOTHER INITIATIVE OF DR SHUKLA FAMILY, OPEN CENTRE INSPIRED BY DISTRICTS FIRST DR SHUKLA