डोली उठने से पहले उठ गई अर्थी, विवाह के चार दिन पहले युवती ने जहर खाकर दी जान, मजदूर मां पर विवाह के आर्थिक बोझ से परेशान थे युवती

बालाघाट. आज से चार दिन बाद 25 जून का उसका विवाह होने वाला था. वह मायके से ससुराल अपनी डोली में जाने वाली थी, लेकिन आज घर से उसकी अर्थी उठी. उसके शव को विदा करते हुए न केवल मां रो-रही थी बल्कि हर वह शख्स गमजदा था, जो उस परिवार से जुड़ा और परिचित था.  

लांजी क्षेत्र के बहेला थाना अंतर्गत ग्राम अंधियाटोला की 24 वर्षीय युवती कौशल्या पिता दिलीप चौरागढ़े ने विवाह के चार दिन पहले जहर खाकर जान दे दी. वह मजदूर मां पर विवाह के खर्च के पड़ने वाले आर्थिक बोझ से परेशान थी और इसी परेशानी के चलते उसने 19 जून की रात घर में जहरीली दवा का सेवन कर लिया. जिसे मां सरस्वतीबाई ने उपचारार्थ लांजी अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां से उसकी हालत को देखते हुए उसे जिला चिकित्सालय लाया गया था. जिसकी आज 20 जून को जिला चिकित्सालय में ईलाज के दौरान मौत हो गई. अस्पताल से युवती की मिली तहरीर के बाद अस्पताल चौकी प्रभारी एएसआई लखन भीमटे ने युवती का शव बरामद कर शव पंचनामा कार्यवाही के बाद पीएम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है. मामले की अग्रिम जांच बहेला पुलिस द्वारा की जायेगी.

बेटी की मौत को लेकर पुलिस को दिये गये बयान में महिला सरस्वतीबाई चौरागढ़े ने बताया कि 23 साल पहले, उसके पति से उसका तलाक हो गया है. जिसके बाद वह मजदूरी कर अपनी दो बेटियों के साथ जीवन निर्वाह कर रही. इस दौरान बड़ी बेटी का विवाह हो चुका था, जबकि छोटी बेटी कौशल्या का विवाह आगामी 25 जून को होना था. जिसके विवाह की बारात गोंदिया से आनी थी.  

मां सरस्वतीबाई ने बताया कि 19 जून की रात खाना बनने के बाद बेटी कौशल्या को उसने खाने बोला, लेकिन बेटी ने कहा कि वह खाना खा ले, जिसके बाद उसने खाना खाया. अभी वह खाना खाकर उठी ही थी कि तभी मैंने सामने आंगन से किसी के गिरने की आवाज सुनी. जब मैंने जाकर देखा तो बेटी कौशल्या खड़े-खड़े दिवाल से लड़खड़ा रही थी. जब उसने पूछा तो बेटी ने बताया कि उसने कचरे में डालने वाली जहरीली दवा खा ली है. जिसके बाद उसने आवाज देकर आसपास के लोगों को बुलाया और उनकी मदद से बेटी कौशल्या को लेकर वह ईलाज कराने लांजी अस्पताल पहुंची. जहां से प्राथमिकी उपचार के बाद जहरीली दवा खाने से गंभीर रूप से बीमार कौशल्या को लेकर परिजन रात 1 बजे जिला चिकित्सालय पहुंचे. जिसकी आज 20 जून की सुबह लगभग 11. 55 बजे मौत हो गई.  

मां सरस्वती बाई ने बताया कि बेटी विवाह में होने वाले खर्च को लेकर परेशान थी और संभवतः इसी परेशानी के चलते उसने जहरीली दवा खाकर आत्महत्या कर ली. गौरतलब हो कि प्रतिवर्ष मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह कराये जाते है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवार, इस विवाह समारोह में पुत्र, पुत्रियों का विवाह करा लेता है किन्तु इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण सामूहिक विवाह का आयोजन नहीं हो सका. जिसके कई गरीब परिवारों पर विवाह का आर्थिक बोझ आन पड़ा है. जो किसी तरह अपने बेटे, बेटियों का विवाह करा रहे है.


Web Title : BEFORE THE DOLI GOT UP, THE YOUNG WOMAN WAS POISONED FOUR DAYS BEFORE THE MARRIAGE, AND THE YOUNG WOMAN WAS TROUBLED BY THE ECONOMIC BURDEN OF MARRIAGE ON THE LABOUR MOTHER.