केन्द्रीय डिपो प्रभारी धुर्वे जलाऊ चट्टे बिक्री में कर रहा धोखाधड़ी, टेप की जगह डंडे से करता चट्टे की माप, मीडिया की आंखो में कैद कारगुजारी, दिया तले अंधेरा

बालाघाट. मुख्यालय में निवासरत वनविभाग के आला अधिकारियों के हाथ के नीचे काम करने वाला कर्मचारी, जलाऊ लकड़ी बिक्री में उपभोक्ताओं की आंखो में धूल झांेककर धोखाधड़ी कर रहा है. दिया तले अंधेरा वाली यह घटना मीडिया के कैमरे में कैद होते ही केन्द्रीय डिपो प्रभारी कुंजीलाल धुर्वे, बगले झांकने लगा.  मीडिया के पास विगत लंबे समय से केन्द्रीय डिपो प्रभारी कुंजीलाल धुर्वे की शिकायत आ रही थी कि वह जलाऊ लकड़ी के विक्रय के लिए रखे गए चट्टो को माप अनुसार ना विक्रय कर उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी कर रहा है और यह कार्य, वह 2020 से कर रहा है, जब से वह यहां पदस्थ हुआ है. यही नहीं बल्कि प्रभारी के खिलाफ, डिपो से बांस विक्रय को लेकर भी शिकायत है, कि वह भसोड़ जाति के लोगों को कम दर पर मिलने वाले बांस की भसोड़ के पट्टो में चढ़कार अफरातफरी करता है. जिसकी भी जल्द ही शिकायत पीड़ितो द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को की जाने वाली है.  

ताजा मामला जलाउ लकड़ी के चट्टो के विक्रय है, 10 फरवरी की दोपहर जब नगरीय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 03 ताज नगर गढ्ढा मोहल्ला निवासी युवक घर में उपयोग होने वाली जलाऊ लकड़ी लेने, केन्द्रीय डिपो पहुंचा. जहां उसे डिपो प्रभारी द्वारा कथित माप अनुसार एक डंडे से नापकर चट्टा दिया. जो उसे कम लगने पर उसने इसको लेकर आपत्ति जाहिर की. इसी दौरान युवक रोमेश सोनवाने भी चट्टा लेने पहुंचे थे, जिन्होंने दो चट्टे के लिए रसीद कटवाई थी. जब उन्होंने भी देखा तो प्रभारी उन्हें डंडे से मापकर चट्टा दे रहा था. जो निर्धारित 2 मीटर लंबा और 80 सेमीमीटर चौड़ा नहीं होने पर आपत्ति जाहिर की. इसी दौरान घटना की जानकारी मिलने पर विभिन्न पत्र समूह के प्रेस प्रतिनिधि, वहां पहुंचे और घटना को अपने कैमरे में कैद किया.

गढ्ढा मोहल्ला निवासी युवक ने बताया कि पहले जब वह जलाऊ लकड़ी लेकर जाते थे तो ऑटो भर जाता था, लेकिन इस बार ऑटो काफी खाली है. जिससे उन्हें संदेह है कि उन्हें कम लकड़ी प्रदाय की गई है. जब इस बाबत प्रेस प्रतिनिधियों ने जानकारी ली तो डिपो प्रभारी डिप्टी रेंजर की कारगुजारियों की परत-दर-परत खुलने लगी. बताया जाता है कि जिस चट्टो का टेप से माप कर उपभोक्ताओं को दिया जाना चाहिए, उसके स्थान पर डिपो प्रभारी डंडे का उपयोग करता है, जो निर्धारित मापदंड के अनुकुल नहीं है. जिससे साफ है कि डिपा प्रभारी जलाऊ लकड़ी के विक्रय के नाम से डिपो लकड़ी लेने पहुंचने वाले उपभोक्ताओं से धोखाधड़ी कर आर्थिक स्वार्थपूर्ति कर रहा है. यही नहीं बल्कि जंगल से प्रायवेट वाहन और शासकीय वाहनों से आने वाले चट्टो में हेरफेर करता है. एक जानकारी के अनुसार प्रति ट्रक आने वाले 14 से 15 चट्टो के यह 20 से 21 चट्टे, यहां काम करने वाले कर्मियों से बनवाता है. जिससे ना केवल वह उपभोक्ताओं को चट्टे में कम लकड़ी देकर आर्थिक स्वार्थपूर्ति कर रहा हैं बल्कि निर्धारित चट्टो के अधिक चट्टे भी बनाकर विभाग को गुमराह करने का काम कर रहा है.  

इसके अलावा डिपो प्रभारी कुंजीलाल की एक ओर शिकायत का खुलासा वहा काम करने वाले मजदूर ने किया. जिसने मीडियाकर्मियों के पूछे जाने पर बताया कि प्रत्येक चट्टे जमाने का डिपो प्रभारी द्वारा उन्हें दो सालों से 30 रूपए दिया जा रहा है. जिसे इस वर्ष बढ़ाकर 35 रूपए दिया जा रहा है. जबकि नियमानुसार शासकीय वाहनांे से आने वाले चट्टो को जमाने वाले मजदूरो को प्रति चट्टा 60 रूपए ओर निजी वाहनों से आने वाले चट्टो को जमाने का मजदूरों को 45 रूपए दिया जाना चाहिए. जिसमें भी डिपो प्रभारी कुंजीलाल धुर्वे बड़ी राशि की आर्थिक स्वार्थपूर्ति कर रहे है.

सबसे बड़ा सवाल यह है कि विभागीय डिपो का एक कर्मचारी धोखाधड़ी कर स्वलाभ अर्जित करने का काम लंबे समय से कर रहा है और इसकी भनक भी आला अधिकारियों को नहीं है, जो ना केवल चिंतनीय बल्कि सोचनीय है कि आखिर विभागीय अधिकारी, का ध्यान इस ओर नहीं है या फिर वह देखकर भी अनदेखा कर रहे है. हालांकि इस मामले में एसडीओ, डीएफओ और मुख्य वन संरक्षक से संपर्क कर मामले में उनका पक्ष जानने का प्रयास किया लेकिन रिंग जाने के बाद ना तो एसडीओ और ना ही सीसीएफ ने कॉल रिसिव किया. जबकि डीएफओ का नंबर आउट ऑफ कवरेज बता रहा था.  

इस मामले में डिपो प्रभारी कुंजीलाल धुर्वे ने स्वयं मीडिया के सामने स्वीकार किया कि चट्टो की चौड़ाई 80 सेमीमीटर और 2 मीटर लंबाई होनी चाहिए है. जिसे टेप से मापा जाना चाहिए, लेकिन वह इसे डंडे से मापते है. जिसको लेकर भी उनका बहाना कर्मी ना होना बताया गया है, जबकि उनके अधिनस्थ दो विभागीय और दो बाहरी कर्मी काम करते है. जो दर्शाता है कि केन्द्रीय डिपो प्रभारी डिप्टी रेंजर किस तरह से उपभोक्ताओं और विभाग को धोखा देकर आर्थिक स्वार्थपूर्ति कर रहे है.


Web Title : CENTRAL DEPOT IN CHARGE DHURVE IS CHEATING IN THE SALE OF FIREWOOD, MEASURING THE STACK WITH A STICK INSTEAD OF TAPE, CAPTURED IN THE EYES OF THE MEDIA, DARKNESS UNDER THE LAMP