बदल रही जिले की राजनीति: भाजपा के दो युवाओं ने राजनीति के दिग्गजो को दी शिकस्त, गौरव ने वोटों से बढ़ाया गौरव तो राजकुमार ने दस साल से काबिज कांग्रेस को किया बाहर

बालाघाट. हालिया विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर चर्चाओं का दौर, अब भी जारी है, हार और जीत का आंकलन हो रहा है तो उसके मायने भी निकाले जा रहे है. मीडिया से लेकर चौक, चौराहो और सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली चर्चा मंे मतगणना पर चर्चा होती है. चूंकि इस बार जिले में मतगणना के बाद जो परिणाम आए है, उसमें जहां कई राजनीतिक दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है, वहीं राजनीतिक जानकारों इसे जिले की बदलती राजनीति मान रहे है, वही परिणामो से यह भी साबित होता है कि विकास को लेकर अब मतदाता, दावो से ज्यादा मैदानी हकीकत देखना चाहता है, यही कारण है कि भले ही करोड़ो रूपए के विकास कराने का दावा करने वाले नेताओं का विकास धरातल पर नजर नहीं आने के कारण, जनता ने उन्हें मैदान से ही बाहर कर दिया.  

जहां इस बार तीन विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशियों ने मंत्रियों को हराकर वाहवाही बटोरी है, वहीं बैहर में लगातार तीन बार विधायक बनने संजय उइके ने जीत की हेट्रिक लगा ली और उस मिथ्थक को भी तोड़ दिया, जिसमें कहा जाता था कि दो बार से ज्यादा कोई, विधानसभा में चुनाव नहीं जीतता है. जहां कांग्रेस की चर्चा हो रही है तो लाजिमी है कि भाजपा के युवा प्रत्याशियों की जीत को भी यह नहीं माना जा सकता है कि उनकी जीत महत्वपूर्ण नहीं है. जिले के राजनीति इतिहास में कटंगी से गौरव पारधी और लांजी से राजकुमार कर्राहे की जीत ने साबित कर दिया कि हवा में उड़ने वाले नेताओं को जनता ज्यादा बर्दाश्त नहीं करती है और उन्हें हवा से सीधे जमीन पर लाकर पटक देती है.  

दोनो ही युवा भाजपा विधायक गौरव पारधी और राजकुमार ने भी चुनाव में राजनीति के दिग्गज कहे जाने वाले नेताओं को हराया है. जहां गौरव पारधी ने पूर्व सांसद और विधायक बोधसिंह भगत को बड़े अंतर से हराकर, बड़े वोटो से जीतने का गौरव हासिल किया. वहीं राजकुमार कर्राहे ने प्रदेश सहित जिले की बड़े कांग्रेस नेता दो बार की विधायक हीना कावरे को हराकर, विधानसभा में 10 सालांे से काबिज कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखाया है. विपरित हालत में भी राजकुमार ने अपनी नेतृत्व क्षमता और धैर्य के साथ संगठनात्मक तौर से कांग्रेस प्रत्याशी की ऐसी घेराबंदी की कि स्वयं को जीत का पर्याय मानने वाली कांग्रेस विधायिका को विधायक पद से ही बेदखल कर दिया. जहां जिले में भाजपा राजनीति के दिग्गजो को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. वहीं इन दोनो युवाओं ने इन शब्दों को चरितार्थ कर दिया ‘‘संघर्षों के साये मंे इतिहास हमारा पलता है! जिस ओर जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता हैं!! युवा हूंॅ, बदलाव कर सकता हूं!!!


Web Title : CHANGING DISTRICT POLITICS: TWO BJP YOUTHS DEFEAT POLITICAL VETERANS, GAURAV INCREASED PRIDE BY VOTES, RAJKUMAR OUSTED CONGRESS FROM 10 YEARS