भीख मांगते और हॉटल में काम करते नाबालिगों को चिन्हित करने चल रहा सर्वे, बाल संरक्षण अधिकारी ने शहर में जगह-जगह किया निरीक्षण, तीन नाबालिग मिले

बालाघाट. नाबालिग बच्चों से भीख मंगवाना और हॉटलो में काम करवाना, कानून जुर्म है, बावजूद इसके बच्चों से भीख मंगवाया जा रहा है, तो हॉटलो में काम लिया जा रहा है, यही नहीं बल्कि नाबालिग, पेट पालने या कहे की मजबूरीवश परिवार को चलाने जोखिम भरे कार्य करने भी मजबूर है, ऐसे बच्चों के लिए शासन योजनायें तो चला रही है लेकिन उन योजनाओं की जानकारी का आभाव कहे, या जिम्मेदारों की अनदेखी, कोई परिवार के खातिर तो कोई अपना पेट पालने भीख मांगने और काम करने मजबूर है, हालांकि अब ऐसे बालकों को संरक्षण प्रदान करने महिला एवं बाल विकास विभाग के बाल संरक्षण अधिकारी और उनकी टीम ने पूरे जिले में ऐसे बच्चों को चिन्हित करने के लिए सर्वे अभियान छेड़ दिया है और स्वयं बाल संरक्षण अधिकारी मनोज खरे अपनी टीम के साथ ही चाईल्ड लाईन और विशेष किशोर पुलिस की मदद से चौक, चौराहों, सार्वजनिक स्थलों और दुकानो में पहुंचकर ऐसे 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चो का सर्वे कर रहे है.  

27 नवंबर को बाल संरक्षण अधिकारी की टीम ने बस स्टैंड सहित अन्य स्थलों का निरीक्षण कर ऐसे तीन बच्चों को चिन्हित किया, जो भीख मांग रहे थे. बहरहाल ऐसे बच्चों के नाम, पता टीम ने नोट किया है और परियोजना अधिकारी को निर्देशित किया है कि इन बच्चों को आंगनबाड़ी तक लाये और उन्हें पूरा संरक्षण प्रदान करें.

बाल संरक्षण अधिकारी मनोज खरे ने बताया कि हमारे द्वारा पूरे जिले में 14 वर्ष से कम बच्चों के भीख मांगने, हॉटल या दुकानो में काम करने या 14 वर्ष से ऊपर के बच्चे जोखिम भरा कार्य तो नहीं कर रहे है, इसको लेकर सर्वे किया जा रहा है. जिला मुख्यालय में हमारे द्वारा और परियोजना स्तर पर परियोजना अधिकारी को पर्यवेक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ सर्वे करने के निर्देश दिये गये है. हम ऐसे बच्चो को चिन्हित कर रहे है जो स्ट्रीट चिल्ड्रन, पन्नी चुनने वाले बच्चे है, जिन्हें विभाग के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं से लाभांवित करने के साथ ही उन्हें स्कूल भेजना सुनिश्चित करना है. आज हमें सर्वे के दौरान तीन बच्चे मिले है लेकिन वह 5 वर्ष से कम है, जिनका नाम, पता नोट कर परियोजना अधिकारी को निर्देशित किया है कि इन्हें आंगनबाड़ी में प्रवेशित कराये और यदि वह प्रवेशित है तो यह सुनिश्चित करें कि वह प्रतिदिन आंगनबाड़ी आये. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि यह खानापूर्ति अभियान नहीं है, ऐसे बच्चो की सुरक्षा को लेकर बाल संरक्षण टीम, चाईल्ड लाईन और विशेष किशोर पुलिस संयुक्त रूप से अभियान के तहत बच्चों का सर्वे कर रही है. यदि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भीख मांगते या हॉटल एवं दुकान में काम करते मिलते है तो हम बच्चे और परिजनों की काउंसिलिंग कर उन्हें समझाते है कि बच्चों को अभी पढ़ाये. सर्वे अभियान के तहत हर महिने दो से तीन बच्चे चिन्हित किये जा रहे है. यदि बच्चों के माता-पिता है तो उन्हें समझाते है और यदि किसी बच्चों के माता-पिता नहीं है तो विभाग की ओर से खुला आश्रय गृह है, जहां बच्चांे को रहने, खाने की सारी व्यवस्था के साथ ही शिक्षा के लिए ट्यूशन की सुविधा है. बालकांे के लिए बाल गृह एवं बालिका के लिए बालिका गृह है. हम हर दुकान, चौक, चौराहे और हॉटल में जाकर निरीक्षण कर रहे है. हमारी आमजनों से अपील है कि यदि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भीख मांगते या पन्नी चुनते नजर आते है या फिर 14 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे जोखिम भरा कार्य कर रहे है तो उन्हें भीख न दे और सीधे 1098 पर कॉल करें.  


Web Title : CHILD PROTECTION OFFICER INSPECTS CITY TO IDENTIFY MINORS BEGGING AND WORKING IN HOTEL, THREE MINORS FOUND