शासन के आदेशो का उल्लंघन कर कलेक्टर एवं सीईओ कर रहे मानसिक रूप से प्रताड़ित-रावतकर, डिप्लोमा इंजीनियर्स एशोसिएशन ने प्रेसवार्ता में लगाया आरोप, इंजीनियर मेश्राम की मानसिक दबाव में बिगड़ी हालत

बालाघाट. मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एशोसिएशन की यांत्रिकी भवन में आयोजित जल संसाधन विभागीय समिति

के प्रांताध्यक्ष अजय रावतकर ने जिला प्रशासन के मुखिया कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा और सीईओ विवेक कुमार पर शासन के निर्देशों का उल्लंघन कर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. प्रेसवार्ता में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कर्मचारियों के लिए जारी आदेश का हवाला देते हुए रावतकर ने बताया कि यह स्पष्ट निर्देश है कि शासकीय कार्यालयों में कार्यदिवस 5 दिनों का होगा. बावजूद इसके अधिकारी शनिवार और रविवार को वीसी आयोजित कर रहे है, जिससे कर्मचारी स्वयं को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित महसुस कर रहे है, उन्होंने बताया कि दिसंबर में सीईओ के दौरे में निर्धारित समय में पहुंचने पर बिरसा के उपयंत्री को रास्ते में बीमार हो गये. जिसका कारण आज भी वह अस्पताल में ईलाजरत है. जिसके परिवार के पास और ईलाज के पैसा नहीं है, जिसकी शिकायत भी उनकी पत्नी सविता मेश्राम ने की है.  

उन्होंने बताया कि जिले में उपयंत्री वर्षो से काम कर रहे है और अच्छा काम कर रहे है लेकिन नवागत अधिकारियों की पदस्थापना के बाद से उपयंत्री स्वयं को मानसिक रूप से प्रताड़ित महसुस कर रहे है. अधिकारीद्वय, शासन के निर्देशों के बावजूद अवकाश और अन्य दिनो में सुबह से लेकर रात तक वीसी और फिल्ड पर पहुंचने के लिए दबाव बना रहे है. जिससे अधिकारियों को अपनी कार्यप्रणाली पर सुधार लाना चाहिये. एक और मामले को लेकर उन्होंने कहा कि सहायक यंत्री के स्थान पर वरिष्ठ उपयंत्री को पदभार दिया जाना है, लेकिन ऐसा नहीं करके जूनियर को सहायक यंत्री को पदभार दे दिया गया है, जिनके अधिनस्थ सीनियर उपयंत्री काम कर रहे है, हमारी प्रशासन से मांग है कि आंदोलन के पूर्व अपनी इस व्यवस्था को सुधार ले अन्यथा इसके खिलाफ एशोसिएशन आंदोलन के लिए बाध्य होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि बिरसा में पदस्थ उपयंत्री रविशंकर मेश्राम की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है, जिसके ईलाज के लिए उसे प्रशासन मदद करें, ताकि उसका ईलाज हो सके. इस दौरान एमपीडीईए जिला समिति अध्यक्ष आर. के. मिश्रा, कोषाध्यक्ष अर्जुन सनोडिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गजेन्द्र कठाने मौजूद थे.  

हालांकि पूर्व भी सामने आये इस मामले में चर्चा में अधिकारी का कहना था कि वह स्वयं भी काम करते है और हम सब शासन के नियमों से बंधे है, ऐसा नहीं है कि केवल अधिनस्थ अमला ही काम कर रहा है, हम भी काम करते है, इसलिए हम चाहते है कि सभी मिलकर शासन का काम करें. जिसमें किसी कर्मचारियों को प्रताड़ित करने जैसा कुछ नहीं है. सवाल यह भी है कि यदि अधिकारी किसी दौरे पर जाये और उससे अधिनस्थ अमले को यदि किसी प्रकार की किसी बीमारी से आघात होता है तो इससे कतई यह साबित नहीं होता कि यह अधिकारी के दौरे के कारण हुआ है, फिर तो सरकार के मुखिया से लेकर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को दौरा करने से भी परहेज करना पड़ेगा. बहरहाल प्रशासनिक हलको में अधिकारी और अधिनस्थ अमलो के बीच कार्यो को लेकर नजर आ रही खाई को अधिकारी और कर्मचारियों को ही पाटना है, जिसके लिए दोनो को समन्वय बनाकर काम करने की जरूरत है, अन्यथा इससे न केवल प्रशासन बल्कि अधिनस्थ अमलो की छवि पर असर पड़ रहा है, जो अब सार्वजनिक होता दिखाई दे रहा है. हालांकि इस संदर्भ में चर्चा का प्रयास किया गया लेकिन मोबाईल कवरेज की समस्या से चर्चा नहीं हो सकी.


Web Title : COLLECTOR AND CEO MENTALLY HARASSED IN VIOLATION OF GOVERNMENT ORDERS RAWATKAR, DIPLOMA ENGINEERS ASSOCIATION ALLEGEIN PRESS CONFERENCE, ENGINEER MESHRAMS MENTAL STRESS WORSENS