बालाघाट. केंद्र सरकार द्वारा लाये गये नये कृषि बिल का जबरदस्त विरोध हो रहा है. पूरे देश में किसानो द्वारा बिल के विरोध में प्रदर्शन जारी है. कृषि बिल के विरोध में जहां केंद्र सरकार की सहयोगी पार्टी की मंत्री ने स्तीफा दे दिया. वहीं विपक्ष भी लगातार इस बिल का विरोध कर रहा है. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने बिल को काला कानून करार दिया है. बिल को लेकर किसानों और विपक्ष का आरोप है कि इससे मंडी व्यवस्था समाप्त हो जायेगी और किसानों को फसलों की एमएसपी न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पायेगी. किसान संगठनों का आरोप है कि यह बिल किसानों के हित में नहीं है. इस बिल से किसानों के खेतों और मंडियों में बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों का कब्जा हो जायेगा. जबकि सरकार का दावा है कि कृषि में लाए जा रहे बदलावों से किसानों की आमदनी बढ़ेगी. उन्हें नए अवसर मिलेंगे. बिचौलिए खत्म होंगे. इससे सबसे ज्यादा फायदा छोटे किसानों को होगा. किसान मंडी से बाहर भी अपना सामान ले जाकर बेच सकते हैं.
हालांकि प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री बार बार यह कह रहे हैं कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था पहले की तरह ही रहेगी. पर इसे लेकर किसान संगठन चाहते है कि सरकार इसका कानून बना दें. किसान चाहते है कि सरकार एमएसपी को लेकर कानून बना दें. जिससे किसान मंडी या उसके बाहर सरकार द्वारा तय एमएसपी पर अपना उत्पाद बेच पायें. किसानों के आंदोलन और विपक्ष के कृषि बिल से घिरी भाजपा अब सम्मेलनों के माध्यम से किसानों को बिल की उपयोगिता बताने जा रही है. मध्यप्रदेश में इसकी शुरूआत हो चुकी है और प्रदेश के जबलपुर संभाग का किसान सम्मेलन आगामी 16 दिसंबर को आयोजित किया गया है. जिसमें संभाग अंतर्गत 9 जिलो के किसान शामिल हांेगे.
कृषि कानून को लेकर किसान सम्मेलन और कृषि बिल को लेकर किसानो और विपक्ष के विरोध को लेकर मध्यप्रदेश में 14 दिसंबर को एक साथ सभी जिला मुख्यालयों में भाजपा ने प्रेसवार्ता आयोजित कर नये कृषि बिल के फायदे गिनाये.
भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश भटेरे ने कहा कि नये कृषि बिल को लेकर किसान नहीं बल्कि कांग्रेस और अन्य पार्टियां आंदोलन कर रही है और किसानों को भ्रमित करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि नये कृषि बिल को लेकर न केवल किसानी फायदे का सौदा बनेगी अपितु किसान भी आर्थिक रूप से सशक्त होगा. अब वह अपनी फसल को केवल स्वतंत्र होगा और जहां भी उसे ज्यादा दाम मिलेंगे वह बेच पायेगा. नये कृषि बिल ने ई-मंडी की अवधारणा को साकार करने का काम किया है, जिसकी मांग वर्षो से किसान कर रहे थे. उन्होंने कहा कि नया कृषि बिल किसानों के लिए फायदेमंद है. नये कृषि बिल में किसान एमएसपी की बात कर रहे है, जबकि देश के गृहमंत्री, रक्षा मंत्री और कृषि मंत्री यह साफ कर चुके है कि एमएसपी यथावत जारी रहेगी. इस बिल से किसानों को अपनी फसल बेचने में बिचौलियों और अढ़ातियों से छुटकारा मिलेगा और वह अपने मनचाहे दाम में फसल बेच सकेगा.
भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश भटेरे ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही विरोध की राजनीति की है, फिर वह चाहे धारा 370, तीन तलाक, नागरिकता संशोधन कानून या फिर राममंदिर का मामला हो, लेकिन देश की जनता समझदार है. यह बिल भारत देश के किसानों के हितों की सुरक्षा करने वाला बिल है. यह बिल स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर तय किया गया बिल है, जिसका किसान विरोध नहीं बल्कि कांग्रेस और अन्य पार्टियां विरोध कर रही है.
सिंचाई परियोजनाओं का मुख्यमंत्री चौहान ने किया लोकार्पण एवं भूमिपूजन, आयुष मंत्री कावरे भी रहे शामिल
बालाघाट. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आज 14 दिसंबर को भोपाल के मिंटो हॉल से वर्चुअल माध्यम से जल संसाधन विभाग की प्रदेश की 50 सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया. इस कार्यक्रम कार्यक्रम में मध्यप्रदेश शासन के राज्य मंत्री आयुष स्वतंत्र प्रभार एवं जल संसाधन विभाग रामकिशोर कावरे भी उपस्थित थे. मंत्री श्री कावरे ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश की 50 सिंचाई परियोजना का लोकार्पण एवं भूमिपूजन होने से प्रदेश की कृषि सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी और इससे प्रदेश के किसानों को बड़ा लाभ होगा.