जिले के चुनावी रूझान में कांग्रेस को बढ़त, 2018 की तरह नजर आ रही तस्वीर, लाडली बहना योजना से ज्यादा ओपीएस पर भरोसा?

बालाघाट. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की मतदान पूरा हो चुका है, यह जागरूकता का परिणाम है कि बीते 2018 से ज्यादा जिले की मतदाताओ ने मतदान के प्रति जागरूकता दिख्. ााई और जिले में 85 प्रतिशत से ऊपर मतदान कर लोकतंत्र में आस्था जताई. खासकर नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में 85 प्रतिशत से ज्यादा मतदान ने ना केवल नक्सली विचारधारा को जवाब दिया बल्कि मतदान के प्रति अपनी जागरूकता भी दिखाई.  एक जानकारी के अनुसार जिले मंे जिले की 6 विधानसभाओं में अनंतिम मतदान प्रतिशत 85. 35 रहा. जिसमें सर्वाधिक 85. 60 मतदान प्रतिशत महिलाओं रहा, जबकि पुरूष और थर्ड जेंडर मतदाताओं ने 85. 18 प्रतिशत तथा 42. 86 प्रतिशत मतदान किया. हालांकि लिंगानुपात में अव्वल बालाघाट जिले में महिलाओं के मतदान का प्रतिशत, कोई नया नहीं है, इससे पूर्व 2018 के आम विधानसभा चुनाव में भी महिलाओं ने मतदान में बढ़-चढ़कर अपनी हिस्सेदारी दिखाई थी.  

गौरतलब हो कि बालाघाट जिले की 6 विधानसभाओं में 13 लाख 44 हजार 973 मतदाता है. जिसमें 6 लाख 66 हजार 723 पुरुष और 6 लाख 78 हजार 242 महिला मतदाता में 8994 दिव्‍यांग और 10596 अस्‍सी वर्ष से अधिक आयु के मतदाता भी शामिल है.  जिले में पहली बार जहां नए मतदान केन्द्र बनाए गए, वहीं चलित मतदान में भी दिव्यांग और अस्सी वर्ष से अधिक आयु वर्ग के मतदाताओं का मतदान घर-घर पहुंचकर कराया गया. जिससे भी मतदान का प्रतिशत में बढ़ोत्तरी देखी गई. जो जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के लिए लिए उपलब्धि है.  

मतदाताओं के आंकड़े पर नजर डाले तो जिले के 6 विधानसभाओं में 13 लाख से अधिक मतदाताओ में  बैहर विधानसभा में 1 लाख 13 हजार 124 पुरुष मतदाता एवं 1 लाख 18 हजार 136 महिला मतदाता तथा 2 थर्ड जेंडर मतदाता, कुल 2 लाख 31 हजार 262 मतदाता है. जिसमें बैहर में 94 हजार से अधिक 84. 51 प्रतिशत पुरुष और सवा लाख से ज्यादा 85. 79 महिला ने मतदान किया. इसी तरह लांजी विधानसभा में 1 लाख 24 हजार 888 पुरुष मतदाता एवं 1 लाख 23 हजार 869 महिला मतदाता तथा 1 थर्ड जेंडर मतदाता सहित कुल 2 लाख 48 हजार 758 मतदाता है. जिसमें एक लाख से ज्यादा पुरूष में 83. 85 प्रतिशत और एक लाख से ज्याद महिला में 85. 82 प्रतिशत महिलाओ ने मतदान किया. परसवाड़ा विधानसभा में 1 लाख 11 हजार 421 पुरुष मतदाता एवं 1 लाख 14 हजार 44 महिला मतदाता तथा 2 थर्ड जेंडर मतदाता सहित कुल 2 लाख 25 हजार 467 मतदाता है. जिसमें 95 हजार से ज्यादा पुरूष में 85. 71 प्रतिशत एवं 99 हजार से ज्यादा 87. 01 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने मतदान किया. बालाघाट विधानसभा में 1 लाख 15 हजार 299 पुरुष मतदाता एवं 1 लाख 17 हजार 534 महिला मतदाता तथा 2 थर्ड जेंडर मतदाता सहित कुल 2 लाख 32 हजार 835 मतदाता है. जिसमें 97 हजार से ज्यादा पुरूष में 84. 16 प्रतिशत और 98 हजार से ज्यादा महिला में 83. 53 प्रतिशत ने मतदान किया. वारासिवनी विधानसभा में 1 लाख 1 हजार 290 पुरुष मतदाता एवं 1 लाख 2 हजार 655 महिला मतदाता सहित कुल 2 लाख 3 हजार 945 मतदाता है, जिसमें 86 हजार से ज्यादा पुरूष में 85. 47 प्रतिशत और 87 हजार से ज्यादा महिला में 85. 20 मतदाता ने मतदान किया. वहीं कटंगी विधानसभा में 1 लाख 701 पुरुष मतदाता एवं 1 लाख 2 हजार 4 महिला मतदाता कुल 2 लाख 2 हजार 706 मतदाता है. जिसमें 87 हजार से ज्यादा पुरूष मतदाता में 87. 32 प्रतिशत और महिला मतदाता में 87 हजार से ज्यादा 86. 34 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया. इन सभी 06 विधानसभा में टोटल 07 थर्ड जेंडर मतदाता में 03 जेंडर मतदाता में 42. 86 प्रतिशत ने मतदान किया. इन सभी का कुल योग मानें तो 85. 23 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र में अपनी आस्था जताई.  

इस प्रकार जिले में कुल 6 लाख 66 हजार 723 पुरुष और 6 लाख 78 हजार 242 महिला मतदाता और 8 थर्ड जेंडर सहित कुल 13 लाख 44 हजार 973 मतदाता में 11 लाख 46 132 मतदाताओं में 5 लाख 65 हजार 631 पुरूष मतदाता 84. 86 प्रतिशत और 5 लाख 78 हजार 232 महिला मतदाताओं में 85. 59 ने मतदान किया. जिसमे महिला मतदाताओ की संख्या ज्यादा है.  चुनाव में मतदान के आंकड़े के बाद जो रूझान आ रहे है, वह कांग्रेस के  पक्ष में दिखाई दे रहे है. हालांकि अपने-अपने आंकलन के अनुसार आंकड़ो में कम-ज्यादा हो सकता है लेकिन यदि पूरा सार निकाले तो रूझानो में कांग्रेस को बढ़त दिखाई दे रही है. वहीं रूझानों के योग से 2018 की तस्वीर नजर आ रही है. ज्ञात हो कि जिले की 06 विधानसभा में 03 पर कांग्रेस और 02 सीटो पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी. वारासिवनी विधानसभा सीट निर्दलीय के खाते में आई थी लेकिन वह कांग्रेस की सीट मानी जा रही थी. बनिस्मत 2023 में हालत ऐसे ही नजर आ रहे है. बस फर्क इतना है कि विधानसभाओ में अंतर है.  

जिले में राजनीति को पत्रकारिता के माध्यम से पास से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार सोहन वैद्य, उमेश बाघरेचा, रफी अहमद अंसारी और रहीम खान की मानें तो बालाघाट में मतदान के बाद जो रूझान सामने आ रहे है, उसके अनुसार जिले में कांग्रेस को बढ़त दिखाई दे रही है. जिसमें कुछ सीटो पर टक्कर मानी जा रही है. जिसकी प्रमुख वजह कांग्रेस का एकजुट होना और भाजपा संगठन का निष्क्रिय होना माना जा रहा है. वहीं भाजपा में टिकिट बंटवारें को लेकर उपजे विरोध भी एक बड़ी वजह है. भाजपा की टिकिट वितरण के दौरान कटंगी, वारासिवनी और लांजी में जहां विरोध खुलकर दिखाई दिया. वहीं बालाघाट में भाजपा प्रत्याशी को लेकर असंमजस की स्थिति बनी रही. जबकि गुटो में बंटी कांग्रेस में इस चुनाव में एकजुटता दिखाई दी. यही नहीं बल्कि इस बार वोटों के विभाजन को लेकर भी परसवाड़ा छोड़कर अन्यत्र कहीं ऐसा दिखाई नहीं दिया. चूंकि अक्सर भाजपा को चुनाव में वोटो के बिखराव से ही फायदा मिलता रहे है, जिसके चलते इस बार ज्यादा सीटो पर बिखराव नहीं होने से भाजपा के लिए चुनावी वैतरणी पार करने में जरूर दुविधा दिखाई दे रही है. चर्चा में यह भी बात कही जा रही है कि जिस लाडली लक्ष्मी योजना को भाजपा सरकार अपना ट्रंप कार्ड मान रही थी, उससे ज्यादा कांग्रेस के ओपीएस वचना का असर चुनावी मतदान में देखा गया है. हालांकि यह पूरी खबर वरिष्ठ पत्रकारों से चर्चा और आम जनता एवं राजनीतिक जानकारों से चुनाव को लेकर दी जा रही जानकारी पर आधारित है, चूंकि जीत और हार का फैसला तो मतगणना के आंकड़ो से ही होगा, लेकिन जिस तरह से मतगणना के बाद भाजपा बैकफुट और कांग्रेस फं्रटफुट पर दिखाई दे रही है. उससे जिले में कांग्रेस को मजबूत माना जा रहा है. फिलहाल रूझान और मजबूती से आगामी 03 दिसंबर को पर्दा उठ जाएगा, जब ईव्हीएम से निकलने वाले वोट से यह साफ हो जाएगा कि किसका भाग्य चमका है और किसा सूर्य अस्त हो गया है.


Web Title : CONGRESS LEADS IN 2018 LOK SABHA ELECTIONS, TRUSTS OPS MORE THAN LADLI BEHNA SCHEME?