बाल श्रम रोकने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का सतत निरीक्षण करंे-कलेक्टर

बालाघाट. 14 जून को कलेक्टर दीपक आर्य की अध्यक्षता में बाल श्रम उन्मूलन के लिए गठित जिला स्तरीय टास्कफोर्स समिति की बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें बाल श्रम विरोध दिवस 12 जून की समीक्षा की गई.

कलेक्टर आर्य ने बैठक में बाल एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध वं विनियमन) अभियान 1996 के संशोधित प्रावधान 2016 की धारा 17 के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकार के तहत निर्देश दिये कि बाल श्रमिक (14 वर्ष से कम उम्र) एवं किशोर श्रमिक (18 वर्ष से कम उम्र) बालक/बालिकाओं को नियोजित करने वाले संभावित सभी संस्थाओं का शत-प्रतिशत निरीक्षण किया जाए. अधिनियम के प्रावधानों का उल्लघंन करने वाले स्थापनाओं में नियोजकोंध्मालिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाए. अधिनियमों के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये. चूंकि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा बाल श्रम एवं किशोर श्रमिक को मानव समाज में बहुत ही संवेदनशील मुद्दा माना गया है. नये प्रावधान में उल्लघंन कर्ताओं के लिए अधिकतम 03 वर्ष का कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थ दण्ड से दण्डित किया जाना प्रावधानित किया गया है.

कलेक्टर  आर्य ने निरीक्षण संबंधी प्रगति प्रतिवेदन से प्रतिमाह अवगत कराये जाने के निर्देश दिये. बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा प्रर्वतन कार्य संबंधी सुझाव भी दिये गये. बैठक में जिला श्रम अधिकारी सुश्री दामिनी सिंह, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती लीना चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी श्री मेश्राम, जिला खाद्य अधिकारी श्रीमती ज्योति बघेल, नोडल अधिकारी, विशेष पुलिस किशोर इकाई एवं स्वैच्छिक संगठन उपस्थित थे.


Web Title : CONTINUOUS INSPECTION OF COMMERCIAL ESTABLISHMENTS TO PREVENT CHILD LABOUR COLLECTOR