कोविड जांच के कारण ईलाज में हुई देरी से मरीज की मौत!,वाहन नहीं मिलने से बैलगाड़ी में परिजन ले गये मृतक का शव, जांच के कारण उपचार में की गई देरी-आरोप

लालबर्रा (कमलेश खरोले). एक फिल्म आई थी एमबीबीएस, जिसमें गंभीर रूप से ईलाज के लिए पहले फार्म भरना जरूरी है या ईलाज कराना जरूरी, इस विषय को उठाया गया था. कोरोना महामारी के दौरान भी कुछ ऐसे ही हालत है, निजी अस्पताल तो निजी अस्पताल अब शासकीय अस्पतालों में भी ईलाज कराने जाने पर पहले कोविड जांच कराने की बात कहने लगे है, जिसके बाद ही मरीज का उपचार शुरू हो पा रहा है, जिसका खामियाजा लालबर्रा क्षेत्र के बोरी निवासी 49 वर्षीय रमेश चंदेश्वर को अपनी मौत से चुकाना पड़ा. जिसके बाद उसके शव को वाहन नसीब नहीं हो सका और घंटो वाहन की तलाश में भटकते परिजनों को अंततः बैलगाड़ी में रखकर शव ले जाना पड़ा. यह सब उस विधानसभा क्षेत्र के हालत है, जहां से विधायक कई बार प्रदेश शासन मंे मंत्री रह चुके है और सालों से इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे है. जिनके अक्सर भाषणो में लालबर्रा के गांव-गांव के विकास की गूंज सुनाई देती है लेकिन कभी क्षेत्र को एक शव वाहन उपलब्ध नहीं हो सका. जिसके कारण लोग अपने मृत परिजनों को बैलगाड़ी में ले जाने मजबूर है.

कोविड जांच के कारण उपचार में विलंब से हुई मौत, परिजनों ने लगाया आरोप

कोरोना महामारी संक्रमण पूरे देश में बहुत तेजी से फैल रहा है और हर वर्ग उसकी चपेट में आ रहा है. शासन- प्रशासन द्वारा कोविड-19 के रोकथाम के लिए उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन वह भी नाकाफी है, 14 अप्रैल को कोरोना जांच के कारण ईलाज में हुई देरी से एक मरीज की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि परिजनों ने घर से रमेश को लाते वक्त स्वस्थ था और बाइक में उसे स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था. जिसके बाद डॉक्टरों द्वारा कोरोना टेस्ट के लिए लगभग 1 घंटे तक इंतजार करवाया गया. इस दौरान उन्हें बेहतर उपचार मिल जाता तो शायद उनकी मृत्यु नहीं होती. कोरेाना जांच में हुई देरी को परिजनों ने मौत का कारण बताया है. बताया जाता है कि 14 अप्रैल बुधवार को बरघाट बोरी निवासी 49 वर्षीय रमेश चंदेश्वर को पिछले एक सप्ताह से खांसी थी. खांसी नहीं रूकने से परिजन उसे बाईक से लेकर बुधवार की दोपहर 12. 30 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लालबर्रा आये थे. जहां चिकित्सकों द्वारा उसका पहला कोरोना कोविड-19 टेस्ट कराने के लिए कहा गया. इस दौरान लगभग एक घंटे तक वह मरीज भवन में लगी हुई  पायरी में बैठकर इधर-उधर ईलाज के लिए तड़पता रहा. जिसकी कोविड टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद जब परिजन उसके लेकर अस्पताल के बेड पर पहुंचे तो वहां उसने दम तोड़ दिया. यदि बढ़ते कोरोना संक्रमण दौर में अगर चिकित्सक लेटलतीफी न करते हुए समय पर मरीज का प्राथमिक उपचार ही कर देते तो संभवतः रमेश चंदेश्वर की जान बचाई जा सकती थी. जिसके बाद अब यह मांग उठने लगी है कि जिला प्रशासन को स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी को आदेशित करना चाहिए कि अगर कोई मरीज इलाज करवाने आता है तो कोरोना टेस्ट के साथ ही प्राथमिक उपचार भी तत्काल दिया जायें, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो.

वाहन न मिलने से परिजनों को बैलगाड़ी में ही ले जाना पड़ा शव 

दोपहर 12. 30 बजे अस्पताल लाये गये मरीज रमेश चंदेश्वर के कोरोना टेस्ट के कारण ईलाज में हुई देरी से दोपहर लगभग डेढ़ से पौने दो बजे उसकी मौत हो गई. जिसके बाद से शाम 5 बजें तक लगभग परिजन शव को घर ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था के लिए भटकते रहे. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी शव ले जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई और ना ही कोई प्राइवेट वाहन मिल पाया. ऐसी स्थिति में मजबूरीवश परिजनों को बैलगाड़ी में ही मृतक के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना पड़ा. जिससे स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है जबकि अभी तो हालात सामान्य ही है अगर ऐसी घटनाएं बढ़ती रही तो स्थिति चौंकाने वाली होगी.

शव वाहन की खली कमी

जनपद पंचायत लालबर्रा अंतर्गत 77 ग्राम पंचायत के 104 ग्राम आते हैं और इतना बड़ा क्षेत्र होने के बावजूद भी स्वास्थ्य केंद्र लालबर्रा में शव वाहन ना होने से क्षेत्रवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं. जबकि बालाघाट लालबर्रा विधानसभा क्षेत्र का 30 वर्षों से पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक प्रतिनिधित्व कर रहे है. लेकिन आज तक लालबर्रा में स्वास्थ्य केंद्र को एक शव वाहन उपलब्ध है. जिसके कारण बुधवार को मोहगांव बोरी निवासी 49 वर्षीय रमेश चंदेश्वर की उपचार के अभाव में मौत होने पर शव को घर ले जाने के लिए परिजनों को करीब 3 घंटे भटकना पड़ा और जब वाहन नहीं मिला तो परिजन शव को अंतिम संस्कार के बैलगाड़ी में लेकर गये.

इनका कहना है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लालबर्रा में शव वाहन की उपलब्धता न होने के कारण परिजनों को शव बैलगाड़ी में ही ले जाना पड़ा.  

ऋत्विक पटेल, बीएमओ सामु. स्वास्थ्य केंद्र, लालबर्रा


Web Title : DEATH OF PATIENT DUE TO DELAY IN TREATMENT DUE TO COVID TEST!, BODY OF DECEASED TAKEN BY FAMILY IN BULLOCK CART DUE TO NON AVAILABILITY OF VEHICLE, DELAY IN TREATMENT DUE TO INVESTIGATION