बालाघाट. गरीब परिवारों के 5 लाख रूपये तक के ईलाज के लिए केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना के तहत बनाये गये आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद पात्र परिवार के बीमार बेटे के ऑपरेशन ने मना कर दिया है. जिसके बाद पिता ने बेटे के ऑपरेशन के लिए लग रहे 70 हजार रूपये की मदद की मांग कलेक्टर से की है. अपनी इस मांग को लेकर बेटे के साथ पिता रामलाल सोनवाने गत दिवस आयोजित जनसुनवाई में शिकायत देने पहुंचा था. उसे उम्मीद है कि प्रशासन उसकी गुहार को सुनेगा और उसके बेटे के लिए सहायता राशि प्रदान करेगा, ताकि उसके बेटे का ऑपरेशन हो सके.
नगरीय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 24 निवासी रामलाल सोनवाने के 12 वर्षीय पुत्र नरेन्द्र सोनवाने को पेशाब की जगह में पथरी की शिकायत है, जिसका परिवार विगत 6 वर्षो से ईलाज करवा रहा है, जिसके ईलाज में पिता रामलाल सोनवाने ने पास के जितने रूपये पैसे थे, वह लगा दिया है, तीन बार ऑपरेशन कराये लेकिन बेटे की बीमारी ठीक नहीं हो सकी. जब उसे पता चला कि रायपुर में बेटा का ईलाज हो सकता है तो वह बेटे को लेकर रायपुर अस्पताल पहुंचा. जहां उसे चिकित्सक ने ऑपरेशन के लिए 70 हजार रूपये खर्च बताया है. जिस पर पिता ने अपना आयुष्मान कार्ड अस्पताल प्रबंधन को दिखाया लेकिन अस्पताल प्रबंधन आयुष्मान कार्ड पर ऑपरेशन करने तैयार नहीं है, अस्पताल ने साफ कर दिया है कि जब तक ऑपरेशन की राशि नहीं मिलेगी. तब तक ऑपरेशन नहीं हो सकता है. जिसके चलते गरीब पिता ने बेटे के ऑपरेशन के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है, गत दिवस वह प्रति मंगलवार आयोजित जनसुनवाई में पहुंचा और बेटे के ऑपरेशन में आ रहे 70 हजार रूपये के खर्च की सहायता के लिए कलेक्टर को आवेदन दिया है.
आयुष्मान कार्ड से 5 लाख रूपये के निःशुल्क ईलाज का पात्र हितग्राही होने के बावजूर नरेन्द्र सोनवाने बेटे के ऑपरेशन के लिए 70 हजार रूपये खर्च नहीं कर पा रहा है, यह विडंबना कहे या दुर्भाग्य, जहां सरकार अपने बड़े-बड़े प्रचार माध्यमों से आयुष्मान से पांच लाख रूपये का निःशुल्क ईलाज कराने का दावा करती है, वहीं कार्डधारी पात्र हितग्राहियों को स्टेट बदलने पर आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिल पा रहा है, अब पीड़ित रामलाल सोनवाने के बेटे की जिंदगी आयुष्मान कार्ड और प्रशासन की मदद के बीच है, या तो प्रशासन उसके बेटे के ईलाज के लिए उसे आयुष्मान कार्ड से फायदा दिलवाये या फिर प्रशासन गरीब परिवार को मिलने वाली बीमारी सहायता से उसकी मदद करें, ताकि उसका 12 वर्षीय बेटा जो पथरी की बीमारी से रात-दिन परेशान है, उसे उपचार मिल सके और वह स्वस्थ्य हो सके.