रिंग रोड के अभाव में शहर में बढ़ता यातायात का बोझ-अनुराग, कांग्रेस की सरकार बनने पर रखा जायेगा रिंगरोड का प्रस्ताव

बालाघाट. कांग्रेस नारी सम्मान योजना के जिला प्रभारी एवं प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि अनुराग चतुरमोहता ने कहा कि आज सत्ताधारी भाजपा विकास यात्रा निकाल कर विकास के लंबे-चौड़े दावे कर रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि जितनी बातें की जाती है उतना तो काम ही नहीं हुआ है. बालाघाट शहर जिसके 33 वार्ड है और जनसंख्या लगभग 80 हजार से 1 लाख के बीच है और मतदाताओं की संख्या 76 हजार से ऊपर है. समय के साथ निश्चित रूप से जब किसी शहर की आबादी बढ़ेगी तो उस बढ़ती हुई आबादी का प्रभाव सर्वत्र देखने को मिलेगा. क्षेत्र के वर्तमान विधायक लगातार दो बार सांसद रहने के साथ ही साथ दस साल मंत्री रहे और 33 वर्षो से वह बालाघाट सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे है. इतना लंबा राजनीतिक नेतृत्व होने के पश्चात क्यों उन्होंने कभी बालाघाट शहर के दोनों छोर पर रिंग रोड बनाये जाने के कार्य को गंभीरता से नहीं लिया, यह समझ से परे है. रिंग रोड निर्माण में उतना बाधायें भी नहीं आती जितनी ओवरब्रिज के कार्यो में आ रही है. हम जब अपने पडोसी जिले सिवनी शहर पर ध्यान दें तो पाते है कि वहा पर जबलपुर नागपुर बायपास बन जाने एवं उसके आगे चौरई छिंदवाड़ा के तरफ बढ़े तो पाते है तो वहां पर रिंग रोड निर्माण हो जाने पर शहर पर भारी वाहनों के आवागमन से जो अतिरिक्त बोझ शहर पर पड़ता था वह समाप्त हो गया और वाहनों का आवागमन सुगम हो गया, किंतु बालाघाट शहर में हम देखते है जब भी कोई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना हो जाती है तब बहुत शोर मचाया जाता है रिंग होना चाहिये, यातायात व्यवस्था ऐसी वैसी है और तरह-तरह के आरोप लगाये जाते है पर समय गुजर जाने के बाद सब कुछ भुला दिया जाता है. यह एक संयोग और बालाघाट का सौभाग्य था कि नगर पालिका, राज्य सरकार और केन्द्र सरकार सब कुछ एक ही राजनीतिक दल की है ऐसे समय निर्माण कार्यो में कोई रूकावट आने का प्रश्न ही नहीं उठता है पर कार्य करवाये जाने के प्रति दृढ़ इच्छाशक्ति और दूरदृष्टि नहीं होने के कारण ऐसे कार्य जिसके पूर्ण होने से जनता को लाभ हो उस तरफ फोकस नहीं किया जाता.  

युवा नेता अनुराग ने कहा कि वैनगंगा नदी के साइड से जो मार्ग गायखुरी तक बनाया गया है वह सायकिल और दो पहिया वाहन तक ही सीमित है यदि चौपाया वाहन यदि कार भी वहां से गुजरती है तो थोड़ा ठीक ठाक है लेकिन बड़े भारी वाहन तो वहां से आ जा नहीं सकते, उस मार्ग के उन्नयन का जो प्रस्ताव आया तो उस पर अनेक तरह की बाधाये देखने मिली. उस मार्ग से जितना लाभ जनता को होना चाहिये वह दूर दूर तक दिखाई नहीं पड़ता. बालाघाट शहर में कनकी, गायखुरी से होते हुए एक बड़े रिंग रोड की आवश्यता है. इसके निर्माण से बालाघाट शहर पर जो बड़े और भारी वाहनों का अतिरिक्त बोझ पड़ता है वह समाप्त हो जायेगा. आवागमन भी सुगम होगा और लोगों को होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलेगा. वर्तमान समय हम देखते है कि यदि भारी वाहन अगर शहर से आवागमन करते है तो अनेक तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई मर्तबा हम देखते है कि एक टाईम निर्धारित कर दिया जाता है शहर से होकर गुजरने के लिये इससे अनेक तरह की समस्यायें उत्पन्न होती है. अगर रिंग रोड हमारे शहर में होता तो जाने आने में होने वाली सारी समस्याओं का समाधान आसानी से हो जाता. भविष्य के चुनाव में अगर कांग्रेस की सरकार प्रदेश में बनती है तो बालाघाट शहर के लिये पहली मांग रिंगरोड निर्माण की सरकार के सामने रखी जायेगी तो जनहित में वर्तमान समय की आवश्यकता है.  


Web Title : IN THE ABSENCE OF A RING ROAD, THE TRAFFIC BURDEN IN THE CITY IS INCREASING ANURAG THAKUR WILL PROPOSE A RING ROAD IF THE CONGRESS FORMS THE GOVERNMENT.