चीतल के मटन के शक में वनविभाग ने बरामद किया मुर्गे का मटन,शक में पकड़कर लाये आदिवासियों की की पिटाई, अब मामले से पल्ला झाड़ रहा विभाग

बालाघाट. वनक्षेत्र से वनसंपदा और रेत के अवैध दोहन रोकने में नाकाम साबित हो रहा, जिले का वनअमला, अब अपनी जबरदस्ती की कार्यवाही को लेकर चर्चा में है. बताया जाता है कि चीतल के मटन के शक में वनविभाग की टीम ने तीन आदिवासियों को पकड़कर ले आया और शक में उनकी जमकर पिटाई की. वनविभाग की कार्यवाही से प्रताड़ित आदिवासियों का कहना था कि उन पर बेवजह ही शिकार का मामला कबूल करने के लिए वनविभाग के अधिकारी, कर्मचारियों ने दबाव बनाया.  

मामला दक्षिण वनपरिक्षेत्र चरेगांव अंतर्गत ग्राम पंचायत भालेवाड़ा के चाचेरी का है. जहां के वनकर्मियों ने एक घर में दबिश दी. जिसके बाद वहां बने मटन को चीतल का मटन समझकर वनकर्मी ले आये. जहां से उन्होंने तीन आदिवासी संतोष परते, मूलचंद यादव और सुमर परते को पकड़कर ले आई और उनकी जमकर पिटाई की.  

घटना की जानकारी के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और उन्होंने विरोध करते हुए बेवजह ही आदिवासियों को फंसाने का आरोप वनविभाग के कर्मियों पर लगाया. बताया जाता है कि वनविभाग द्वारा चीतल के मटन के शक में पकड़कर लाये गये संतोष परते के घर में मेहमान आये थे. जिनकी मेहमानी के लिए मुर्गे का मटन बनाया गया था. बताया जाता है कि इस घटना के बाद वनकर्मी बेवजह ही चीतल का मटन बनाने के झूठे मामले में पकड़कर लाये गये लोगों पर दबाव बना रहे थे. जबकि वनविभाग की मानें तो उन्हें सूचना मिली थी कि चाचेरी के किसी घर में चीतल का शिकार कर उसका मटन बनाया जा रहा है.  

मामले की जानकारी मिलने के बाद जनपद अध्यक्ष पूरनलाल ठाकरे, भालेवाड़ा सरपंच अरूप ईडपाचे, उपसरपंच पति विजेंद्र ठाकरे एवं सभी ग्रामीणों वनविभाग कार्यालय पहुंचे. जहां उनकी मौजूदगी में मटन की जांच में यह पाया गया कि वनविभाग की टीम जो मटन बरामद कर लाई है, वह चीतल का न होकर मुर्गे का है.  

इस घटना के बाद वनविभाग के आला अधिकारी जवाब देने से बचते नजर आये. हालांकि रेंजर मुकेश मेरावी ने जवाब देते हुए बताया कि वनविभाग को सूचना मिली थी कि ग्राम चचेरी में किसी घर में चीतल का मटन बनाया जा रहा है. जिसके आधार पर वनविभाग की टीम वहां पहुंची थी. बाद में पता चला कि मटन मुर्गे का है. चीतल के मटन के शक में कुछ लोगों को पूछताछ के लिए लाया गया था. जिनके साथ कोई मारपीट नहीं की गई है.  

Web Title : IN THE CASE OF CHITALS MUTTON, THE FOREST DEPARTMENT RECOVERED THE CHICKEN MUTTON, CAUGHT IN DOUBT AND THRASHED THE TRIBALS, NOW THE DEPARTMENT IS OVERSTATING THE MATTER.