हर-हर महादेव और जयश्रीराम की दीप ज्योत से जगमगाया कोटेश्वर धाम, महाशिवरात्रि पर्व पर दादा कोटेश्वर धाम में प्रज्जलवित किए गए 11611 दीप

बालाघाट. दुनिया में स्थापित शिवलिंग मंदिरो में जिले के लांजी कोटेश्वर का शिवलिंग अपनी महत्ता और सिद्धस्थल के लिए जाना जाता है. महाशिवरात्रि पर दशको से कोटेश्वर धाम में भगवान शंकर के सिद्ध शिवलिंग की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. यहां भक्तों का बाबा कोटेश्वर शिवलिंग के दर्शन करने क्षेत्र के अलावा दूर-दराज से लोग आते है. जिसके कारण महाशिवरात्रि पर अल सुबह से ही यहां भक्तों की भीड़ लग जाती है. महाशिवरात्रि पर्व से ही लांजी में मेला संस्कृति के तहत सात दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है.

कोटेश्वर धाम शिवलिंग की मान्यता है कि कभी यहां से कोई खाली हाथ नहीं लौटा है. कालांतर के बाद से बाबा कोटेश्वर को लेकर बड़ी आस्था और धार्मिक अनुयायी ने कभी डरावने वाले लगने वाले स्थल के क्षेत्र को रमणीय और पर्यटक के रूप में बना दिया है.  पत्थरों की चट्टान मंे हस्तशिल्प के बेजोड़ कलाकारी में बना यह मंदिर, पुरातन संस्कृति से परिचय करता है, पुरातात्विक धरोहर और लांजी की अंतर्राष्ट्रीय पहचान बन चुके कोटेश्वर धाम को लेकर लोगों की परवान चढ़ती भक्ति का ही परिणाम है कि महाशिवरात्रि में ना केवल मंदिरों को आकर्षक रूप से सजाया जाता है बल्कि महाशिवरात्रि पर आने वाले दर्शनार्थियों के लिए भी दर्शन करने की सुलभ व्यवस्था की गई है.  

महाशिवरात्रि पर यहां 11 हजार 611 दीपों की रोशनी की गई. दीपों की रोशनी से जगमगाए कोटेश्वर धाम की छटा देखते ही बनती थी. शिवभक्तों ने 11,611 दीपों से भगवान शिव के जयघोष हर-हर महादेव, जय श्रीराम, स्वास्तिक की आकृति ने दीप ज्योत के कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया.   यहां भगवान कोटेश्वर धाम की आकृति के साथ नंदी की रंगोली कलाकारी को जीवंत कर दिया. गौरतलब हो कि प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि और सावन माह में भगवान कोटेश्वर धाम में भीड़ उमड़ी है, जिसका नजारा शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर्व पर देखा गया. कोटेश्वर धाम में सुबह सेही लोगों की दर्शन करने को लेकर लोग लाईन में खड़े थे. महाशिवरात्रि से कोटेश्वर धाम के पूजन के साथ ही सप्ताह तक आयोजित होने वाले मेले के चलते, लोग यहां पहुंचते है. महाशिवरात्रि पर रामदल, धूनी दरबार और अन्य सेवाधारियों ने दीप प्रज्जलवित कर कोटेश्वर धाम को दीप ज्योत से रोशन कर दिया.


Web Title : KOTESHWAR DHAM ILLUMINATED WITH THE LAMP OF HAR HAR MAHADEV AND JAI SHRI RAM, 11611 LAMPS LIT IN DADA KOTESHWAR DHAM ON MAHASHIVRATRI FESTIVAL