इन नारियों के दिमाग से सुलझे कई सायबर क्राईम, सॉयबर अपराधों को सुलझाती नारी शक्ति

बालाघाट. महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ावा देने और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के मकसद से हर साल 8 मार्च को अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. यह दिन विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए, महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है.  

यह दिन जीवन के हर पहलुओं में महिलाओं की उपलब्धि का जश्न मनाने का दिन है. आज महिलाओं ने अपनी रचनात्मकता, ताकत और चमक से दुनिया के कैनवास को रंग दिया है. जमीन से लेकर आसमान और सेना से लेकर खिलाड़ी तक हर फील्ड में महिलाओं ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है.  बात करें बालाघाट जिले में जनवरी 2018 में खुले सायबर नोडल थाना की तो, यहां सायबर अपराध के दर्ज होने से लेकर उन्हें खोजबीन का सारा काम महिला, पुलिसकर्मी निभा रही है.  

बढ़ते डिजिटलाईजेशन के इस दौर में सायबर अपराध तेजी से बढ़े है, जिसे अपराध को किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है, लेकिन सायबर नोडल थाना की नारी शक्ति का दिमाग, इन अपराधो को क्रेक करने में शातिर हो गया है. सायबर नोडल थाना में काम कर रही तीन महिला पुलिसकर्मी मेघा तिवारी, चांदनी शांडिल्य और शिखा मिसारे, बालाघाट के सायबर नोडल थाना में सायबर अपराधों की जांच-पड़ताल में अहम भूमिका निभा रही है. जिनकी मदद से पुलिस ने कई बड़े सायबर अपराधो में ना केवल उपलब्धि हासिल की है, बल्कि कई चेहरों को खुशी भी दी है.  

जैसे-जैसे आधुनिक युग में डिजिटल का उपयोग बढ़ रहा है, वैसे-वैसे सायबर अपराध भी बढ़ रहे है, ऐसे में सायबर अपराधो को क्रेक करना एक बड़ी चुनौती है और इन चुनौतियों को यह तीनो महिला पुलिसकर्मी परिणाम में बदल रही है.  सायबर नोडल थाना में वर्ष 2018 से कार्य कर रही मेघा तिवारी की मानें तो यह एक चैलेजिंग जॉब है, चूंकि जिस वक्त व्यक्ति के साथ ऑनलाईन फ्राड होता है, उसी वक्त उसके साथ हुए सायबर अपराध की जानकारी हमें ना केवल लोड करनी होती है बल्कि फ्राड से जुड़े बैंक और साईड को उसकी जानकारी भी भेजनी होती है. जिसमें कई दफा, हमें देररात्रि में भी यह काम करना पड़ता है.  

उनकी मानें तो काम में किसी प्रकार की असुरक्षा तो नहीं है, लेकिन बढ़ते सायबर अपराध में लोगों में जागरूकता की कमी, अपराध को बढ़ा रही है. जिससे हमें जागरूक रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सायबर अपराधो की बढ़ती संख्या, यह दर्शाती है कि लोग, मोबाईल को उपयोग तो करते है लेकिन मोबाईल में हमें कैसे सायबर अपराधो से बचना है, यह जानकारी नहीं है. वहीं सायबर अपराध नए-नए तरीको से सायबर अपराध को जन्म दे रहे है. वर्तमान में ऑनलाईन ट्रांजेक्शन से ऑनलाईन ठगी, सोशल मीडिया साईड फेसबुक, इंस्टाग्राम से सायबर अपराध सामने आ रहे है. जिसके लिए जरूरी है कि यूजर्स जागरूक रहे. सोशल साईड की प्रोफाईल को लॉक करें और स्ट्रांग पासवर्ड के साथ यह भी जानकारी रखे कि किसी अनजान लिंक या दोस्त को स्वीकार ना करें. उन्होंने कहा कि इन दिनो महिलाओं को घर बैठे पैसा कमाने के लिए पेंसिल पैकेजिंग के नाम से ठगने के कई प्रकरण सामने आए है, जिसमें अधिकांश शिकार महिलाए है, जिस पर हमें यह ध्यान देना है कि घर बैठे पैसे नहीं कमाए जा सकते है.  

लोगों को सायबर अपराध से राहत दिलाने के साथ ही जागरूक कर रही इन महिला पुलिसकर्मियों की मानें तो अक्सर हमें लोगों के गुस्से का भी सामना करना पड़ता है, अक्सर ऐसे कुछ प्रकरणो में हमें शिकायतकर्ता का गुस्सा भी सहना पड़ा है, लेकिन हम समझते है कि ऑनलाईन फ्राड से ठगे गए व्यक्ति पर क्या बीत रही है.  अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सायबर अपराधो से लड़ती इन महिलाएं, दोहरी जिम्मेदारी निभा रही है, घर के साथ नौकरी की जिम्मेदारी उठा रही, इन तीनो महिलाओं ने अपने कार्य से साबित कर दिया है कि महिलाए चाहे तो कुछ भी मुमकिन नहीं है.  


Web Title : MANY CYBERCRIMES, WOMEN POWER SOLVING CYBER CRIMES FROM THE MINDS OF THESE WOMEN