केबिनेट मंत्री से ज्यादा राज्यमंत्री की संपत्ति में ईजाफा

बालाघाट. यह बालाघाट का सौभाग्य ही रहा है कि प्रदेश का खनिज और वन संपदा से परिपूर्ण जिले को प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस और साढ़े 18 सालों से सत्ताधारी भाजपा सरकार ने हमेशा महत्व दिया है, यही नहीं यहां की उपजाऊ भूमि से पहुंचने वाले नेताओं को सरकार में भी जगह मिली है. कभी कांग्रेस शासनकाल में दिवंगत लिखिराम कावरे, श्री उईके मंत्री रहे. तो भाजपा सरकार के कार्यकाल में लंबे समय तक गौरीशंकर बिसेन रहे, तत्कालीन 15 महिने के कांग्रेस शासनकाल में जिले से कांग्रेस नेत्री सुश्री हिना कावरे विधानसभा उपाध्यक्ष रही तो प्रदीप जायसवाल खनिज मंत्री रहे लेकिन डेढ़ साल बाद प्रदेश की सत्ता परिवर्तन के बाद जिले के युवा रामकिशोर कावरे को आयुष और जल संसाधन विभाग का राज्यमंत्री बनने का अवसर मिला. हालांकि इस दौरान जिले के वरिष्ठ नेता और सात बार के विधायक गौरीशंकर बिसेन, मंत्री मंडल में स्थान नहीं बना सके थे. जिन्हें बाद में सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष बनाकर राजसी सुख दिया. जिस कार्यकाल के खत्म होने से पहले ही महज चुनाव के डेढ़ माह पूर्व नर्मदा घाटी विकास का केबिनेट मंत्री बना दिया. हालांकि इस बार मंत्री बिसेन को पूर्व मंत्रालयों की अपेक्षा ज्यादा काम करने का अवसर नहीं मिला और चुनाव आ गए.  

आम चुनाव में भाजपा ने आठवीं बार गौरीशंकर बिसेन को फिर विधानसभा का टिकिट दिया हैं तो वहीं तीसरी बार रामकिशोर कावरे को पार्टी चुनाव लड़ा रही है. हाल ही में नामांकन प्रक्रिया के दौरान दोनो ही नेताओं ने अपना नामांकन जमा किया. जिसमें नामांकन के साथ दिए गए शपथ पत्र में नेताद्धय ने संपत्ति का ब्यौरा भी दिया है. जिस संपत्ति ब्यौरे में 7 बार के विधायक, दो बार के सांसद और कई कार्यकाल में केबिनेट मंत्री रहे गौरीशंकर बिसेन को उनके शिष्य और महज साढ़े तीन साल के राज्यमंत्री कार्यकाल को पूरा करने वाले रामकिशोर कावरे ने पीछे छोड़ दिया है. हालांकि प्रदेश की सत्ता परिवर्तन के बाद मंत्री मंडल विस्तार में भी गौरीशंकर बिसेन मंत्री बनने से पीछे रह गए थे.  

हाल ही में चुनावी नामांकन में भाजपा प्रत्याशी गौरीशंकर बिसेन और रामकिशोर कावरे ने जो संपत्ति का ब्यौरा दिया है. उस ब्यौरे को एक बड़े मीडिया हाउस ने अपने समाचार में प्रमुखता से स्थान दिया है. उस मीडिया खबरों की मानें तो पांच साल में भाजपा नेता गौरीशंकर बिसेन और रामकिशोर कावरे की संपत्ति में अच्छा खासा ईजाफा हुआ है. जहां पांच साल में मंत्री गौरीशंकर बिसेन की संपत्ति 2. 93 करोड़ बढ़ी है. वहीं राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे की संपत्ति में 3. 34 करोड़ का ईजाफा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मंत्री गौरीशंकर बिसेन की संपत्ति 2018 में 9. 26 करोड़ थी. वहीं 2023 में यह बढ़कर 12. 19 करोड़ हो गई. तो वहीं राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे की संपत्ति 2018 में 2. 28 करोड़ थी तो वहीं 2023 में यह संपत्ति बढ़कर 5. 62 करोड़ हो गई. हालांकि प्रदेश के और भी मंत्रियो की संपत्ति बढी है लेकिन मंत्रियों की संपत्ति के ईजाफे ने सीएम को पीछे छोड़ दिया.


Web Title : MINISTER OF STATES ASSETS INCREASE MORE THAN CABINET MINISTER