अब सड़क पर पशु मिले तो पशु मालिक को भरना होगा पांच हजार का जुर्माना, सरकार लाने जा रही अध्यादेश, 60 साल पुराने नपा कानून में बदलाव

बालाघाट. सड़को पर विचरण करने वाले आवारा मवेशियों को लेकर नगरपालिका पुराने कानून के तहत मवेशी के पकड़ाये जाने पर 50 रूपये जुर्माना करती थी, जिससे आवारा मवेशी मालिक को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता था लेकिन अब नगरपालिका के 60 साल पुराने कानून में बदलाव के बाद सरकार जो अध्यादेश लाने जा रही है, उसके तहत अब आवारा मवेशी पकड़ाये जाने पर पशु मालिक को निर्धारित पुराने कानून के तहत 50 रूपये जुर्माना का 100 गुना राशि अदा करनी होगी, अर्थात अब पशु मालिक पर 5 हजार रूपये जुर्माना लगाया जायेगा.

गौरतलब हो कि सड़को पर आवारा विचरण करने वाले मवेशियों से अक्सर दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है कई घटनाओं में तो आवारा मवेशी ही दुर्घटना की मुख्य वजह बनते है, अब तक निर्देशों के तहत गाहे-बगाहे नगरपालिका कार्यवाही करती थी. आवारा मवेशियों के खिलाफ कार्यवाही बालाघाट नगरपालिका की कार्यवाही भी मनमर्जी से होती थी. हाल ही के दिनो में एक दिन नगरपालिका ने सड़क सुरक्षा समिति के निर्देशो के बाद आवारा मवेशियों को पकड़ने की कार्यवाही की फिर वह ढाक के तीन पात जैसी कहावत नजर आने लगी. एक बार नगरपालिका, नगरीय क्षेत्र में आवारा मवेशियों को लेकर बेफ्रिक नजर आ रही है. जिससे नगरीय क्षेत्र की सड़को और वार्डो पर आवारा मवेशियों का दिखाई देना आम बात हो गई है.

लगातार सड़क पर आवारा मवेशियों के विचरण करने को लेकर होने वाली दुर्घटनाओं के बाद कुछ जागरूक लोगों ने मामले में याचिका माननीय हाईकोर्ट में लगाई थी. जिस पर माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति को प्रवास के दौरान जब सड़क पर मवेशी मिले तो उन्होंने इसको लेकर एक टिप्पणी करते हुए कहा था कि ‘सड़कों पर पशु रहना गंभीर समस्या है. कितने दिनों से यह दिक्कत है, यह ठीक नहीं. जल्द ही समस्या का स्थाई समाधान होना चाहिए. ’ इसी टिप्पणी के बाद राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तर पर बैठक के बाद एक्ट को संशोधित करने पर सहमति बनी. सड़क के बीच पशु दिखने पर मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की टिप्पणी से नगर निगम और नगरपालिका के 60 साल से भी ज्यादा पुराने कानून में बदलाव हो गया है, जिसके बाद संशोधित एक्ट को राज्य सरकार अध्यादेश लाकर लागू करने जा रही है. जिसमें प्रावधान है कि यदि सड़क पर पशु मिले तो मालिक को 100 गुना यानी पांच हजार रुपए तक जुर्माना भरना होगा. जिसकी विधि विभाग ने नगरीय विकास विभाग के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जायेगा. हालांकि सरकार इसे बजट सत्र में लाने की तैयारी में थी, लेकिन समय से पहले बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने से सरकार अब इसे अध्यादेश के माध्यम से लागु करने की तैयारी में है.  

जिसको लेकर नगरपालिका अधिकारी सतीश मटसेनिया कोई जानकारी नहीं होने की बात कह रहे है. उनके अनुसार ऐसी कोई जानकारी उनके संज्ञान में नहीं है, या तो वह अखबार नहीं पढ़ते है या फिर इस खबर के पूर्व से ही निर्धारित कानूनों के बावजूद भी नगरीय क्षेत्र में आवारा मवेशी को लेकर कार्यवाही चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात की तरह ही नजर आई है. आवारा मवेशियों को लेकर बड़ी-बड़ी बात प्रेस प्रतिनिधियों से करने वाले सीएमओ सतीश मटसेनिया ने कभी किसी आवारा मवेशी मालिकों के खिलाफ कोई सख्त कार्यवाही नहीं की. जिसके चलते आज भी शहरी सड़को पर आवारा मवेशियों की संख्या यथावत बनी है.  


Web Title : NOW IF ANIMALS ARE FOUND ON THE ROAD, THE ANIMAL OWNER WILL HAVE TO PAY A FINE OF 5,000 RUPEES, THE GOVERNMENT IS GOING TO BRING ORDINANCE, CHANGES IN THE 60 YEAR OLD NAPA LAW.