एमएलबी स्कूल के प्राचार्य राजेन्द्र लटारे के सेवानिवृत्ति पर विद्यालय परिवार ने दी भावभीनी विदाई,दो बार डीईओ, पांच बार प्राचार्य रहे चुके राजेन्द्र लटाने का कार्यकाल रहा संतोषजनक

बालाघाट. कहते है कि पूत के पांव पालने में भी दिखाई देते है, यह कहावत, 30 जून को सेवानिवृत्त हुए एमएलबी प्राचार्य राजेन्द्र लटारे के अब तक के सफर और एक पिछड़े अंचल से आने के बाद जिले के शिक्षा जगत में अहम पदो पर रहने से चरितार्थ होते नजर आती है.

30 जुलाई को एमएलबी स्कूल के प्राचार्य पद से रिटायर हुए राजेन्द्र लटारे को शाला परिसर के सभाहाल में शालेय परिवार द्वारा भावभीनी विदाई गई. इस दौरान छात्राओं द्वारा रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये. जहां शाला परिवार ने उन्हंे पुष्पहार पहनाकर उनका अभिनंदन किया. इस दौरान पूरा शाला परिवार उपस्थित था.

दो बार जिला शिक्षा और लगभग पांच बार विभिन्न विद्यालयो में प्राचार्य का दायित्व बखूबी निर्वहन करने वाले रिटायर प्राचार्य राजेन्द्र लटारे का पूरा शासकीय कार्यकाल संतोषजनक और उपलब्धिपूर्ण रहा. जहां उनके जिला शिक्षा अधिकारी रहते हुए जिले में बोर्ड परीक्षा परिणाम, उच्चतम रहे, वहीं एमएलबी स्कूल में एजुकेशन ऑफ ऑल (ईएफए) के प्रारंभ करने मंे उनका अहम योगदान रहा.

जिले के पिछड़े लांजी के टेकरी निवासी की प्राथमिकी, माध्यमिक और हायर सेकेंडरी शिक्षा लांजी के शासकीय विद्यालय में हुई. जिसके बाद उन्हांेने बीएससी और एमएससी की उच्च शिक्षा, जिले के अग्रणी महाविद्यालय जटाशंकर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से हासिल की. 1982 में एमएससी करने के बाद वर्ष 83-84 में वह बेमेतरा के पं. जवाहरहाल नेहरू शासकीय महाविद्यालय मंे असिस्टेंट प्रोफेसर बन गये. जिसके बाद 1985 में शिक्षा विभाग में उनकी पहली पोस्टिंग व्याख्याता के पद पर हुई. इस दौरान वह बालाघाट, भरवेली, रजेगांव में प्राचार्य के पद पर कार्यरत रहे.  

जिनकी कार्यक्षमता को देखते हुए उन्हें दो बार जिला शिक्षा अधिकारी के पद का दायित्व भी मिला. जिसका उन्होंने बखूबी निर्वहन किया. जिला शिक्षा अधिकारी के पहले प्रभार के रूप में वे 8 अगस्त 2009 से 23 जुलाई 2012 तक जिला शिक्षा अधिकारी रहे. जिसके बाद 11 मार्च 2019 से 21 जनवरी 2021 तक उन्हांेने दोबारा जिला शिक्षा अधिकारी का दायित्व निभाया. जिसके बाद 10 सितंबर 2021 से 30 जून तक वह एमएलबी प्राचार्य के रूप में पदस्थ रहे.  प्राचार्य पद से रिटायर हुए राजेन्द्र लटारे ने कहा कि बतौर डीईओ उनकी कार्यशैली से कुछ लोग नाराज रहे हांेगे, लेकिन कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा ही उनका प्रयास सकारात्मक रहा. प्रशासनिक दृष्टि से उनका कार्यकाल, अपने अधिनस्थो के लिए कभी कष्टदायक नहीं रहा. इसी की उन्हें खुशी है.


Web Title : ON THE RETIREMENT OF MLB SCHOOL PRINCIPAL RAJENDRA LATARE, THE SCHOOL FAMILY BID A SOULFUL FAREWELL, TWO TIME DEO, FIVE TIME PRINCIPAL RAJENDRA LATANES TENURE WAS SATISFACTORY