बिहार के मुंगेर की श्रीश्री बड़ी दुर्गा महारानी के स्वरूप की प्रतिमा को देखने पहुंच रहे लोग,समनापुर ठाकुरटोला में विराजित प्रतिमा बनी आकर्षण का केन्द्र, पोर्टेट आर्टिस्ट युवा विशाल ने बनाई प्रतिमा

बालाघाट. बालाघाट जिला अपनी प्रचुर खनिज और वनसंपदा को लेकर पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान रखता है, इसी तरह जिले में भी प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, हर क्षेत्र में जिले की प्रतिभाओं ने अपने कला, कौशल से अपना नाम स्थापित किया है, ऐसे ही एक कलाकार है विशालगिरी गोस्वामी.  

युवा विशालगिरी गोस्वामी की रूचि बचपन से ही आर्ट कला में रही. शनैः शनैः अपनी रूचि को उन्होंने अपना पैशन बना लिया और आज वह एक सफल पोर्टेट आर्टिस्ट है, इनकी सफलता, इसी से बयां होती है कि इन्होंने शहर के नामचीन चेहरों के पोर्टेट बनाये है, जिन्हें न केवल नामचीन चेहरों ने बल्कि लोगों ने खुब पसंद किया है, युवा कलाकार विशाल का बनाया गया पोर्टेट आज भी नामचीन चेहरांे के घरो और कार्यालयो में रखा है, जिसे कोई भी नया आने वाला बड़े ही गौर से देखकर उसकी तारीफ किये बगैर नहीं रह पाता है. युवा विशाल के पोर्टेट आर्टिस्ट से एक मूर्तिकार बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है, बचपन में घरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और गणेशोत्सव के दौरान घर में वह अपने हाथो से बनाई गई भगवान श्रीकृष्ण और गणेश की प्रतिमा बनाकर उसे विराजित करते थे. कालांतर में मूर्तिकार बनने के लिए भी वह निरंतर प्रयासरत रहे और आज उनकी पहली बनाई गई मां दुर्गा की प्रतिमा लोगांे के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है.  

नगरीय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 32 निवासी युवा विशालगिरी गोस्वामी द्वारा समनापुर के ग्राम ठाकुरटोला दुर्गोत्सव समिति द्वारा विराजित की जाने वाली मां दुर्गा की पहली प्रतिमा बनाई गई है, जिसके चेहरे पर उन्होंने बिहार राज्य के मुंगेर जिले में स्थापित होने वाली श्रीश्री बड़ी दुर्गा महारानी का रूप दिया है. बताया जाता है कि प्रतिवर्ष नवरात्र में बिहार जिले के मुंगेर में श्री श्री दुर्गा महारानी को विराजित किया जाता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे 32 कहार लोग उठाते है, उस स्वरूप को युवा कलाकार विशाल गिरी ने बालाघाट के समनापुर ठाकुरटोला में विराजित प्रतिमा में देने का काम किया है, जो लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनी है.  

समनापुर के ठाकुरटोला में स्थापित दुर्गोत्सव समिति के उपाध्यक्ष शिवम कुरसाम बताते है कि ठाकुरटोला में ग्रामीणों के सहयोग से निरंतर 12 वर्षो से गांव में दुर्गोत्सव का पर्व मनाय जा रहा है. इस वर्ष पहली बार मूर्तिकार विशालगिरी गोस्वामी द्वारा बनाई गई प्रतिमा को विराजित किया गया है. जो लगभग आठ फीट की है, जिसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है और दूरदराज से मातारानी के दर्शनार्थ लोग पहुंच रहे है. लोगों की प्रतिमा आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है.

बकौल विशालगिरी गोस्वामी बताते है कि जिले के समनापुर के ठाकुरटोला में विराजित प्रतिमा, उनकी पहली प्रतिमा है, जिसे उन्होंने बिहार के मुंगेर जिले में स्थापित होने वाली श्रीश्री बड़ी दुर्गा महारानी के स्वरूप के रूप में बनाने का प्रयास किया है और जिस तरह से प्रतिमा को लेकर लोगों का अच्छा प्रतिसाद मिला है, उससे वह उत्साहित तो है ही बल्कि प्रेरित भी हो रहे है और आगामी वर्षो में यह प्रयास होगा कि और भी प्रतिमाओं का निर्माण करें, ताकि लोग मां के स्वरूप में उनकी कला को परख सके.


Web Title : PEOPLE ARRIVING TO SEE THE STATUE OF SRI SRI BADI DURGA MAHARANI OF MUNGER, BIHAR, STATUE AT SAMNAPUR THAKURTOLA, CENTRE OF ATTRACTION, PORTRAIT ARTIST YUVA VISHAL ERECTED