दिव्यांग रामदयाल, अब फिर से बनेगा अतिथि शिक्षक

बालाघाट. दोनों हाथों से 80 प्रतिशत दिव्यांग रामदयाल धुर्वे अतिथि शिक्षक का काम छूट जाने के कारण बहुत परेशान था और वह मदद की आस लेकर आज 26 जुलाई को कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा के पास पहुंचा था. कलेक्टर डॉ. मिश्रा ने उसे निराश नहीं किया और उसकी परिस्थिति को देखकर उसे आश्वस्त किया कि उसकी समस्या का हल निकाला जायेगा. कलेक्टर डॉ. मिश्रा की पहल पर रामदयाल धुर्वे को फिर से अतिथि शिक्षक का काम मिल गया है और वह अब खुश है.

बैहर विकासखंड के ग्राम कोयलीखापा के आमाटोला का निवासी रामदयाल धुर्वे दोनों हाथों से दिव्यांग है. हाथों से वह ठीक से काम नहीं कर पाता है, लेकिन पैरों से वह सक्षम है. रामदयाल ने बताया कि वह वर्ष 2014 से 2019 तक गढ़ी संकुल में अतिथि शिक्षक के रूप में काम कर चुका है. लेकिन शाला में पद भर जाने के कारण उसे अतिथि शिक्षक के कार्य से पृथक कर दिया गया है. अतिथि शिक्षक का कार्य छूट जाने से वह बहुत परेशान था. कलेक्टर डॉ. मिश्रा ने सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग राहुल नायक एवं जिला शिक्षा अधिकारी श्री अश्विनी उपाध्याय को निर्देशित किया कि रामदयाल को अतिथि शिक्षक का काम दिलाने के लिए पहल करें.

सहायक आयुक्त राहुल नायक ने गढ़ी संकुल के प्राचार्य से चर्चा की और रामदयाल धुर्वे को शासकीय प्राथमिक शाला घुरसीबेहरा में अतिथि शिक्षक श्रेणी-3 के रूप में प्राथमिकता से रखने कहा. संकुल प्राचार्य ने भी इस पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है. रामदयाल धुर्वे ने बताया कि वह हाथों से लिख नहीं सकता है, जिसके कारण वह पैरों से लिखने का काम करता है.


Web Title : DIVYANG RAMDAYAL, WILL NOW BECOME GUEST TEACHER AGAIN