फर्जी अंकसूची मामले में पुलिस को मिली एजेंटो की जानकारी, हो सकता है फर्जी मार्कशीट का बड़ा खुलासा

बालाघाट. फर्जी मार्कशीट के आधार पर बालाघाट डाक संभाग के तहत ग्रामीण डाकसेवक डाकपाल की नौकरी हासिल करने वाले गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस को फर्जी मार्कशीट बनाने वाले एजेंटों के बारे मंे जानकारी मिली है. जिसके बाद यह संभावना जताई जा रही है कि फर्जी मार्कशीट का एक बड़ा खुलासा हो सकता है.

गौरतलब हो कि बालाघाट डाक संभाग के तहत ग्रामीण डाकसेवक डाकपाल की निकाली गई भर्ती में बिहार पटना के नदावाबाढ़ पोस्ट अंतर्गत डुमनिया निवासी चंदनकुमार पिता रामयतनसिंह यादव, बिहार नालंदा के थरथरीडीह निवासी शिवशंकर कुमार पिता भीम यादव, बिहार सीवान के असाव निवासी रंजित पिता कैलाश पारित, रोहित कुमार पिता अमरेश यादव और राजस्थान करौली के कुडगांव निवासी मनीष कुमार पिता मंटूलाल मीना, चयनित हुए थे. जिसमें रोहित को छोड़कर सभी ने अपनी नौकरी ज्वाईन कर ली थी. जिनके द्वारा नौकरी के दौरान प्रस्तुत किये गये कागजों की जांच के दौरान 10 वीं की मार्कशीट फर्जी पाये जाने के बाद जहां डाक विभाग ने इन्हें तत्काल नौकरी से बर्खास्त कर दिया था. वहीं इस मामले मंे कोतवाली थाना में भी शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें पुलिस ने सभी पांच आरोपी चंदनकुमार पिता रामयतनसिंह यादव, शिवशंकर कुमार पिता भीम यादव, रंजित पिता कैलाश पारित, मनीष कुमार पिता मंटूलाल मीना और रोहित कुमार पिता अमरेश यादव के खिलाफ धारा 468, 471 एवं 120 बी के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है. जिसमंे पुलिस ने चार आरोपियो चंदन कुमार यादव, शिवशंकर यादव, रंजित परित और मनीष मीना को गिरफ्तार कर लिया था. जिनसे पूछताछ में पुलिस को फर्जी अंकसूची बनाने वाले एजेंटो का पता चला है. जिन्होंने आवेदकों से 40 से 60 हजार रूपये में लेकर उन्हें तमिलनाडु और नई दिल्ली बोर्ड की अंकसूची प्रदाय की थी. जिसके आधार पर आरोपियों ने डाक विभाग में नौकरी हासिल की थी.

कोतवाली थाना प्रभारी कमलसिंह गेहलोत ने बताया कि फर्जी अंकसूची लगाकर नौकरी हासिल करने वाले चार गिरफ्तार आरोपियो से पूछताछ में पता चला है कि रंजीत परित ने बिहार निवासी शमीम खान, मनीष मीना ने राजस्थान कोटा निवासी राजेन्द्र और चंदन एवं शिवशंकर ने बिहार शरीफ निवासी पंकजसिंह से तमिलनाडु और नई दिल्ली बोर्ड की 10 वीं की फर्जी मार्कशीट बनवाकर, उसे डाक विभाग की नौकरी हासिल करने में लगाया था. फिलहाल इस मामले में आरोपियों से और पूछताछ जारी है.  

वहीं पुलिस सूत्रों की मानें तो आरोपियों से फर्जी अंकसूची बनाने वाले एजंेटो की जानकारी के बाद अब पुलिस, एक टीम गठित कर एजेंटो की तलाश में जुटेगी. जिनसे पूरे फर्जी मार्कशीट रैकेट का खुलासा हो सकता है. फिलहाल इस मामले में जैसे-जैसे पुलिस की विवेचना आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नये खुलासे हो रहे हैं.


Web Title : POLICE GET INFORMATION ABOUT AGENTS IN FAKE MARKSHEET CASE, MAY REVEAL FAKE MARKSHEETS