नाबालिक बालिका के दुष्कर्मी को 20 वर्ष का कारावास

बालाघाट. आरक्षी केन्द्र लालबर्रा के मामले में पत्नी की तरह रखकर नाबालिक बालिका से दुष्कर्म के आरोपी बल्लारपुर निवासी 25 वर्षीय युवक शक्ति पिता दलपत पंद्रे को वारासिवनी न्यायालय के माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीश शिवलाल केवट (पास्को एक्ट) की अदालत ने दोषी पाते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं चार सौ रूपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया है. अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजन अधिकारी शशिकांत पाटिल ने पैरवी की थी.   

मीडिया प्रभारी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विमल सिंह नेे बताया कि घटना 25 अप्रैल 2018 की है. जब पीड़िता की बड़ी बहन की शादी में डेकोरेशन का काम करने वाला आरोपी मिला और विवाह की बात कहकर 3-4 बार सुनसान जगह में रात के समय उसके साथ शारीरिक संबंध बनाये. जिससे वह गर्भवती हो गई. जिसकी जानकारी पीड़िता द्वारा दिये जाने पर आरोपी ने गर्भपात की दवा दिया लेकिन गर्भपात नहीं हो सका. जिसके बाद आरोपी ने पीड़िता को घर ले जाकर पत्नी के रूप में रख लिया, जहां उसने 27 जुलाई 2019 को उसने नवजात पुत्री को जन्म दिया. जिसके बाद आरोपी काम करने जा रहा है, कहकर छोड़कर चला गया और वापस नहीं आया.  

जिसके बाद पीडिता ने अपने माता-पिता के साथ जाकर घटना की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई. उक्त घटना के संबंध में थाना लालबर्रा में अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया. विवेचना के उपरंात अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया. माननीय न्यायालय ने विचारण उपरांत धारा- 366ए भादवि. के अंतर्गत 05 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं सौ रूपये के अर्थदण्ड, धारा- 376(3) भादवि. के अंतर्गत 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं सौ रूपये के अर्थदण्ड, धारा- 5(ठ)(ञ)(पप) पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं दो सौ रूपये के अर्थदण्ड से दंडित करने का फैसला दिया है.


Web Title : MINOR GIRL RAPIST GETS 20 YEARS IN JAIL