रमेश भटेरे ने कर दिया निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान!, सोशल मीडिया पोस्ट से भटेरे के चुनाव लड़ने की चर्चा

बालाघाट. भाजपा की प्रथम सूची में लांजी से पार्टी प्रत्याशी के रूप में राजकुमार कर्राहे का नाम आने से पूर्व विधायक रमेश भटेरे और उसके समर्थक खासे नाराज है, जिसके बाद से लगातार उनके द्वारा प्रत्याशी का विरोध भी खुलकर किया जा रहा है, ऐसा नहीं है कि विरोध बैहर और कटंगी में नहीं है, बैहर में भले ही विरोध सड़क पर नजर नहीं आ रहा है लेकिन कहते है ना कि तूफान के पहले शांति होती है, तो क्या यहां भाजपा प्रत्याशी का शांत विरोध, चुनाव में तूफान का संकेत है. जबकि कटंगी में भी बाहरी प्रत्याशी को लेकर गौरव पारधी का विरोध, क्षेत्रीय नेता, राष्ट्रीय पदाधिकारियों के सामने जाहिर कर चुके है, हालांकि कटंगी का विरोध, कटंगी से अब तक मुख्यालय नहीं पहुंचा है लेकिन विरोधियों का कहना है कि उन्होंने अपना विरोध, पार्टी फोरम में रख दिया है, अब फैसला पार्टी को लेना है लेकिन लांजी में प्रत्याशी राजकुमार का खुलकर विरोध, उनकी घोषणा के बाद से जो बढ़ा तो वह मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के मंच तक भी नजर आया. जब मुख्यमंत्री ने दोनो को अपने पास बुलाया और प्रत्याशी, रमेश को कुर्सी से उठाने हाथ बढ़ाने पहुंचे तो वह वह भी पूर्व विधायक भटेरे ने प्रत्याशी को झाड़ दिया, हालांकि वह प्रेस की नजरों से नहीं बच सके.  

यहां मुख्यमंत्री के बुलावे पर पूर्व विधायक रमेश भटेरे, प्रत्याशी के साथ खड़े नजर आए लेकिन कार्यक्रम के बाद तल्खी में कोई कमी नहीं हुई. जिससे साफ है कि प्रत्याशी के विरोध में अब वह किसी प्रकार का समझौता नहीं करना चाहते है, यहां तक की वह 09 अक्टूबर को केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल तक के कार्यक्रम में नजर नहीं आए बल्कि उनके कार्यक्रम के काफी घंटे पहले उन्होंने सोशल मीडिया पेज में एक पोस्ट की.  

जिस पोस्ट के बाद से उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है, जिसको लेकर चर्चाओं का बाजार भी गर्म है, उनके निकटस्थ बताते है कि पूर्व विधायक रमेश भटेरे ने यह ऐलान कर दिया है कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे लेकिन अब समझौता नहीं करेंगे. हालांकि अब तक इस तरह से पूर्व विधायक रमेश भटेरे का कोई बयान मीडिया तक नहीं आया है लेकिन जिस तरह से वह लांजी में उनकी जगह आप नेता, राजकुमार कर्राहे को टिकिट दिये जाने के बाद से खफा चल रहे है, उससे उनके इस कदम से इंकार भी नहीं किया सकता है.  

हालांकि 09 अक्टूबर को लांजी में भाजपा प्रत्याशी राजकुमार कर्राहे के समर्थन में सभा करने पहुंचे केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने उन्हंे छोटे भाई और बड़े भाई के संस्कारों के साथ ही भाजपा की विचारो पर बिना नाम लिए समझाने का प्रयास किया, लेकिन जिस तरह से केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की सभा से पूर्व विधायक और समर्थक दूर रहे, उससे साफ है कि अब रमेश भटेरे ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का तय कर लिया है. हालांकि उनके इस चुनाव से सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को होगा, तो क्या रमेश भटेरे नहीं चाहते है कि लांजी से भाजपा प्रत्याशी जीते? यह एक बड़ा सवाल उनके उठाये जा रहे कदमों से खड़ा होने लगा है या फिर क्या उन्हें पांच साल तक बूथ स्तर तक की गई मेहनत से अपनी जीत सुनिश्चित नजर आ रही है? बहरहाल राजनीति में जो दिखता है, वह होता नहीं है और जो होता है वह दिखता नहीं है. लांजी विधानसभा में जैसे-जैसे नामांकन की तिथि नजदीक आएगी, वैसे-वैसे लगता है कि अक्टूबर को पड़ने वाली मौसम की गुलाबी ठंड में राजनीतिक गर्मी का पारा और बढ़ सकता है.  


Web Title : RAMESH BHATRE ANNOUNCES TO CONTEST AS AN INDEPENDENT CANDIDATE