राम के बाण से रावण का दहन, श्रीराम मंदिर से निकली श्रीराम शोभायात्रा, प्रशासन की मौजूदगी में किया गया रावण का दहन

बालाघाट. कोरोना के असर के बीच विजयादशमी का पर्व आज 25 अक्टूबर को सादगी से मनाया गया. प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष विजयादशमी पर किये जाने वाले रावण दहन में आम जनता की मौजूदगी कम रही. शाम लगभग 5. 45 बजे नगर के उत्कृष्ट विद्यालय में असत्य के प्रतिक अहंकारी रावण का भगवान श्रीराम के बाण से दहन हो गया. इस दौरान प्रशासनिक अमला मौजूद था.

विजयादशमी पर रावण दहन के लिए परंपरा का निर्वहन करते हुए कोविड-19 से बचाव की सावधानियों का पालन करते हुए महावीर सेवादल समिति द्वारा प्रतिकात्मक रूप से भगवान श्रीराम की शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें भगवान श्रीराम (प्रखर जैन) और लक्ष्मण (तन्मय शर्मा) का स्वरूप धारण किया गया था. नये श्रीराम मंदिर से बाजे-गाजे के साथ भगवान श्रीराम की शोभायात्रा श्रीराम मंदिर से प्रारंभ होकर सर्किट हाउस मार्ग से नगर के उत्कृष्ट विद्यालय पहुंची. जहां परंपरानुसार रावण के पुतले की परिक्रमा उपरांत भगवान राम के बाणों से रावण का दहन किया गया.

  रावण दहन स्थल पर इस वर्ष केवल रावण का ही पुतला रखा गया था. जो केवल 5 मिनट में ही धू-धू कर स्वाहा हो गया. कोविड-19 महामारी को देखते हुए इस वर्ष प्रतिकात्मक रूप से किये गये रावण दहन स्थल पर आम जनता की संख्या भी काफी कम रही.

श्रीराम शोभायात्रा में महावीर सेवादल समिति पदाधिकारी कुलदीप गांधी, गुलशन भाटिया, रमेश रंगलानी, दिलीप चौरसिया, अभय कोचर, आनंद कोछड़ सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे. वहीं रावण दहन स्थल पर कलेक्टर दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी, एसडीएम के. सी. बोपचे, तहसीलदार रामबाबु देवांगन सहित पुलिस अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे.  

नहीं निकला महावीर का स्वरूप

प्रतिवर्ष मुख्यालय में पानीपत के दशहरा के तर्ज पर विजयादशमी पर निकाले जाने वाले चल समारोह में प्रमुख आकर्षण का केन्द्र महावीर का स्वरूप होता है, 40 किलो वजनी के मुकुट को धारण करने वाला युवा, पूरे 40 दिन की तपस्या के बाद इसे ग्रहण करता है. मुख्यालय में मनाये जाने वाले 56 वर्ष के दशहरा आयोजन में यह पहला अवसर था कि इस बार महावीर का स्वरूप मंदिर से बाहर नहीं निकला. चूंकि इस वर्ष कोविड-19 के कारण जिला प्रशासन द्वारा महावीर स्वरूप धारण करने की अनुमति प्रदान नहीं की गई थी. हालांकि शोभायात्रा के अंतिम समय में महावीर सेवादल समिति पदाधिकारी कुलदीप गांधी के अनुसार महावीर स्वरूप धारण करने की अनुमति मिलने से प्रतिकात्मक रूप से महावीर का स्वरूप धारण करने वाले युवा विक्रम त्रिवेदी को मंदिर में महावीर का स्वरूप धारण कराया गया.  

प्रशासनिक निर्देश का पालन करते हुए किया गया रावण दहन

महावीर सेवादल समिति के पदाधिकारी कुलदीप गांधी ने बताया कि जिले में बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या के मद्देनजर ऐतिहात तौर पर प्रतिकात्मक रूप से परंपरा का निर्वहन करते हुए रावण दहन के निर्देश दिये गये थे. जिसका अक्षरशः पालन करते हुए महावीर सेवादल समिति द्वारा सीमित संख्या में लोगों की उपस्थिति के साथ नये श्रीराम मंदिर से भगवान श्रीराम की शोभायात्रा निकाली गई और रावण दहन स्थल पहुंचकर रावण का दहन किया गया.  


Web Title : RAVANS COMBUSTION WITH RAMS ARROW, SRIRAM SHOBHAYATRA FROM SRIRAM TEMPLE, RAVANS COMBUSTION IN THE PRESENCE OF ADMINISTRATION