बालाघाट. सोशल मीडिया, अखबारों में रोजाना ऑनलाइन फ्रॉड के मामले सामने आने के बाद भी लोग जाने-अनजाने में ठगी का शिकार हो रहे हैं. जागरुकता की कमी और एक भूल के चलते तीन अलग-अलग मामलों तीन लोगों के साथ कुल 7 लाख 67 हजार रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. पीड़ितों ने इसकी शिकायत कोतवाली स्थित साइबर नोडल शाखा में दर्ज कराई है. किसी ने लोन पॉइंट के लालच में आकर ठग को अपनी बैंक डिटेल दे दी, तो कोई ठग के चंगुल में फंसकर यूपीआई पिन बता बैठा. बताया गया कि तीनों ही मामलों में पीड़ित शिक्षित हैं. पिछले कुछ सालों में जिले में ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़े हैं. लोग जागरूकता के अभाव में ठगी का शिकार होकर अपनी जमा-पूंजा गंवा रहे हैं. कोतवाली थाना प्रभारी केएस गेहलोत ने बताय कि पीड़ितों की शिकायत पर मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया है. कॉल डिटेल सहित अन्य जानकारियां जुटाई जा रही हैं.
साइबर नोडल शाखा में पदस्थ आर. चांदनी शांडिल्य ने बताया कि बालाघाट निवासी नरेंद्र कुमार ने शिकायत दी है कि उन्हें दो दिन पूर्व एक शख्स का परिचित बनकर कॉल आया और कहा कि तकनीकी दिक्कत के चलते उसकी तनख्वाह उसके बैंक खाते में नहीं आ पा रही, इसलिए वह अपना फोन पे डिटेल दें. नरेंद्र ने विश्वास करते हुए उसे फोन पे सहित अपने बैंक की जानकारी साझा कर दी. कथित आरोपी ने शातिर तरीके से बातों में उलझाकर पीड़िता का यूपीआई पिन मांग लिया और पलभर में उसके खाते से छह बार के ट्रांजेक्शन में 5. 46 लाख पार कर दिए.
जानकारी के अनुसार, बालाघाट निवासी अनिल जैतवार द्वारा गूगल सर्चिंग पर विश्वास करना महंगा पड़ गया. कुछ दिन पूर्व अनिल ने अपने परिचित को फोन-पे पर पेमेंट ट्रांसफर किया. ट्रांजेक्शन फेल होने पर उसने कंपनी का नंबर गूगल पर सर्च किया. पीड़ित ने जिस मोबाइल नंबर पर कॉल किया वह फर्जी निकला. ठग ने पीड़ित से एनी डेस्क एप डाउनलोड कराया और 9 बार के ट्रांजेक्शन में 1 लाख 46 हजार रुपए निकाल लिए.
नगर में रहने वालीं श्रीमती करुणा ने नोडल शाखा में शिकायत करते हुए बताया कि उसने कई साल पहले बीमा पॉलिसी ली थी. उसे मैसेज से पता चला कि उसे पॉलिसी पर रिवॉर्ड पॉइंट मिले हैं. कुछ दिन बाद एलआईसी एजेंट बनकर एक शख्स का कॉल आया, जिसने रिवॉर्ड लेने के लिए बैंक डिटेल मांगी. ठग ने उसे प्रोसेस के नाम पर धोखे से यूपीआई पिन ले लिया और खाते 75 हजार रुपए गायब हो गए.
फर्जी लगे तो तुरंत काटे कॉल
जानकारों का कहना है कि कई लोगों को दिनभर लोन, पॉलिसी, रिवॉर्ड पॉइंट सहित सिम एक्टिवेशन के नाम पर ढेरों कॉल आते हैं. इनमें अधिकतर कॉल फर्जी होते हैं. ऐसे कॉल फर्जी लगे तो तुरंत डिसकनेक्ट कर दें. अगर बातचीत करें तो अपनी बैंक डिटेल, ओटीपी, यूपीआई पिन बिल्कुल साझा न करें. गूगल पर किसी कंपनी के मोबाइल नंबर की सीरीज पर जरूर ध्यान दें. टोल फ्री नंबर पर ही कॉल करें.