सुदर्शन क्रिया ने बदल दी जिन्दगी, आर्ट आँफ लिविंग के योग शिविर का सत्संग के साथ समापन, 21 दिसंबर से दो चरणो में होगा शिविर

बालाघाट. सुदर्शन क्रिया ने मेरी जिंदगी बदल ली. हैप्पीनेस योग शिविर में जीवन प्रबंधन, तनावमुक्त, रोग प्रतिरोधी, प्रसन्नचित्त शांत मन से आज मैं स्वयं को खुशी, शांति और मजबूत आत्मविश्वास महसुस कर रहा हॅु, यह भाव आर्ट ऑफ लिविंग के समापन अवसर पर शिविर के दौरान योग, ध्यान, प्राणायाम, आसन और सुदर्शन क्रिया का प्रशिक्षण ले चुके लगभग सभी साधकों ने व्यक्त किये.  

गौरतलब हो कि 30 नवंबर से 5 दिसंबर तक हैप्पीनेस सेंटर भटेरा मार्ग पर आर्ट ऑफ लिविंग का हैप्पीनेस शिविर का आयोजन किया गया था. जहां प्रातः 6. 30 बजे से प्रातः 9 बजे तक मानसिक और शारीरिक स्वास्थता के सरल उपायो को शिविर के माध्यम से कराये गये योग, ध्यान, प्राणायाम, आसन और सुदर्शन क्रिया के माध्यम से नवसाधकों ने सीखा.

शिविर का समापन 5 दिसंबर को सत्संग गान, ध्यान और नृत्य की मस्ती के साथ किया गया. शिविरार्थी साधको ने अपने अनुभवों में बताया कि हैप्पीनेस कोर्स के माध्यम से एकाग्रता में वृद्धी, मजबूत याददाश्त, आत्मविश्वास में बढ़ोतरी, निर्णय लेने की क्षमता में विकास, संबंधों में मधुरता, उच्च कार्य क्षमता और उर्जा, नेतृत्व क्षमता में विकास, परिस्थितियों और व्यक्तियों से निपटने की कुशलता एवं विचारों में स्वच्छता, शारीरिक एवं मानसिक विकास आदि समस्याओं से लड़ने की आत्मशक्ति मिली है, यह सब संभव हो सका है शिविर में विशेष तौर से प्रभावी सुदर्शन क्रिया, ध्यान और प्राणायाम से.  

साधकों ने बताया कि तनावग्रस्त एवं शारीरिक तौर पर अस्वस्थय जीवन जीने वाले जिंदगी को बदलने और स्वयं में बदलाव लाने के लिए वे एक बार आर्ट ऑफ लिविंग के हैप्पीनेस कार्यक्रम का हिस्सा जरूर बने. जिंदगी में परिवर्तन की नई उर्जा, स्प्रिट लेकर जीवन जीने का आनंद ही आनंद मिलेगा.  

प्रशिक्षक सुरजीतसिंह ठाकुर ने कहा कि अध्यात्म हमारी धरोहर है और हमने यदि इसका प्रयोग कर लिया तो हम अपने जीवन के मूल्यों को पा सकते है. शिविर में शामिल हुए प्रशिक्षणार्थियों की मांग पर पुनः आनन्द अनुभूति शिविर शिविर आगामी 21 दिसंबर से हैप्पीनेस सेंटर ग्रेसियस कॉलेज भवन में दो चरणो में आयोजित किया जायेगा. जिसमें प्रातः 6. 30 से 9 बजे तक और सायंकाल 5 बजे से 8. 30 बजे तक. उन्होंने कहा कि हम सभी का उद्देश्य ही हिंसामुक्त और तनावमुक्त जीवन जीने की कला से लोगों को परिचित कराना है. यह संकल्प हम सभी का होना चाहिये है. जिसे आज मिशन के रूप में श्री श्री द्वार पूरे विश्व के 152 से भी अधिक देशों में चलाया जा रहा है और इसके मूल में खुशी और स्वतंत्रता का अनुभव कराना है.

साधकों ने बांटे अपने विचार

शिविर में शामिल प्रतिभागियों ने कहा कि हमने शिविर के दौरान जीवन जीने की कला सीखी के साथ ही सुदर्शन क्रिया, योग, ध्यान, प्राणायाम के माध्यम से दैनिक जीवन को कैसे व्यवस्थित करें यह सीखा. वहीं राष्ट्र, समाज एवं अपने समाज की जिम्मेदारी लेकर हम किस तरह जिम्मेदारी पूर्वक मानव उत्थान के लिये अपना हम योगदान दे सकते हैं, यह हमें शिविर में सीखने मिला. आज भागदौड़ की इस दुनिया में जीवन की खुशी और आनंद कहीं खो गया है और हम तनावग्रस्त जीवन जी रहे हैं. सुदर्शन क्रिया करने के बाद मन में खुशी, उमंग, उत्साह, स्वतंत्रता का एक नया एहसास होने लगा है. आर्ट ऑफ लिविंग के आनंद अनुभूती शिविर  की ध्यान योग ने हमारा नजरिया ही बदल दिया. चित्त को शांत और मन प्रसन्न करने वाले शिविर ने जीवन में नया बदलाव लाया है.  


Web Title : SUDARSHAN KRIYA CHANGES LIFE, ART OF LIVING YOGA CAMP CONCLUDES WITH SATSANG, CAMP TO BE HELD IN TWO PHASES FROM DECEMBER 21