8 महीनो में भी नहीं बन पाया लामता-बैहर मार्ग का क्षतिग्रस्त पुल, कंपनी की कच्छप गति पर क्षेत्रीय लोगो में नाराजगी, तो बंद हो जाएगा मार्ग पर आवागमन

बालाघाट. जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अनदेखी के कारण जिले की जनता सफर कर रही है. ऐसे कई मामले है, जो सीधे जनता के सुविधाओं से जुड़े है, लेकिन ना तो इन मामलो को लेकर जनप्रतिनिधि गंभीर है और ना ही प्रशासन, यही कारण है कि आम जनता समस्याओं का सामना कर रही है.  ताजा मामला विगत अगस्त की अतिवृष्टि से लामता-बैहर मार्ग पर नव निर्मित पुल सलंगटोला जलाशय के तेज बहाव से धराशाही हो गया था. जिसके बाद से इस मार्ग पर आवागमन को लेकर लोग, जो तकलीफ झेल रहे है, उससे लोगों को कब राहत मिलेगी, यह भी तय नहीं है. चूंकि पुलिया निर्माण का कार्य जिस उदित इंफ्रा कंट्रक्शन कंपनी रीवा द्वारा किया जाना, बताया जा रहा है, उसके कच्छप गति से चल रहे कार्यो से नहीं लगता है कि वह बरसात के पहले बन पाएगा. जिससे बरसात में इस मार्ग पर एक बार फिर लोगों को आवागमन में तकलीफों का सामना करना पड़ेगा.

एक जानकारी के अनुसार, पुलिया के नवनिर्माण की स्वीकृति के बाद लगभग 4 महीने में कंपनी, मात्र खुदाई कर बेस का काम ही कर सकी है. जिसमें लगे मजदूरों की संख्या से ही पता चलता है कि पुलिया निर्माण को लेकर कंपनी कितनी गैर जिम्मेदार है. जानकारी के अनुसार इस निर्माण कार्य में मात्र 3 से 4 मजदूर काम कर रहे है. जिससे पुल निर्माण कार्य की गति, कछुआ चाल की तरह दिखाई दे रही है.  भोंडवा पंचायत सरपंच मुकेश पाटिल और उपसरपंच जयचंद मर्सकोले की मानें तो जो बेस भी किया गया है, वह ठीक नहीं है, जिससे पुल के बन जाने के बाद भी आसपास निवासरत लोगों को बारिश के पानी से खतरा पैदा हो जाएगा. हमें नहीं लगता है कि यह बारिश के पहले पूरा हो पाएगा, चूंकि अब तक जो भी निर्माण कार्य हो पाया है, उसका ना तो कंपनी के इंजीनियर और ना ही संबंधित विभाग के किसी जिम्मेदार ने निरीक्षण किया है. यही नहीं बल्कि वर्तमान में मटेरियल सामग्री भी नहीं है, जिससे आगे का काम कैसे होगा, यह चिंतनीय नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से खुदाई कर कंपनी पुल बनाना चाह रही है, उससे पानी निकासी नहीं होने से आसपास निवासरत लोगों के लिए बरसात में तकलीफ हो सकती है, वह डूब क्षेत्र में आ सकते है. वहीं प्रतिनिधियो ने कंपनी द्वारा किए जा रहे कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कंपनी, गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं कर रही है.  

पंचायत प्रतिनिधियों की मानें तो पुल के बारिश के पूर्व तक नहीं बन पाने से परसवाड़ा से बालाघाट का यह सुगम मार्ग, बंद हो जाएगा, जिससे विद्यार्थियों की शिक्षा और व्यापार के साथ ही आवागमन पर इसका सीधा असर पड़ेगा.  ग्रामीणों का कहना है की उदित इंफ्रा कंट्रक्शन कंपनी द्वारा पुल का निर्माण कार्य धीमी गति से कराया जा रहा है, यहां पर कंपनी के जिम्मेदार कर्मचारी सुपरवाइजर एवं मैनेजर निर्माण स्थल से हमेशा नदारत रहते है, यही नहीं बल्कि एमपीआरडीसी के कोई भी जिम्मेदार अधिकारी निरीक्षण करने तक नहीं आते है. यदि आगामी बरसात होने से पहले पुल का निर्माण नही होता हैं तो लामता से परसवाड़ा  बैहर का आवागमन पूरी तरह बंद हो जाएगा.  ग्रामीणों ने शासन प्रशासन को पुल निर्माण की वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि लामता से बैहर मार्ग का पुल का निर्माण कार्य अतिशीघ्र पूरा कराया जाए अन्यथा कार्य में प्रगति नही होने पर प्रशासन  के विरुद्ध आंदोलन किया जाएगा.


Web Title : THE DAMAGED BRIDGE OF LAMTA BAIHAR ROAD COULD NOT BE BUILT EVEN IN 8 MONTHS, IF THE LOCAL PEOPLE ARE ANGRY OVER THE COMPANYS SCAFFOLD SPEED, THEN THE TRAFFIC ON THE ROAD WILL BE CLOSED