41 सौ किमी की यात्रा कर वापस बालाघाट लौटी तिरंगा यात्रा, तिरंगा यात्रा के आगमन पर आंबेडकर चौक में किया गया स्वागत, संघर्ष से मिली आजादी को संभालने की जरूरत-राकेश

बालाघाट. देश की एकता और राष्ट्रप्रेम का जागरण करने की मंशा से अजादी के अमृत महोत्सव पर 7 नवंबर को बालाघाट से कच्छ (गुजरात) के लिए मां फाउंडेशन अध्यक्ष राकेश सेवईवार और श्रीमती सुनीता राकेश सेवईवार के नेतृत्व में निकली तिरंगा यात्रा आज 12 दिन के सफर के बाद 18 नवंबर को बालाघाट पहुंची. जिसका आंबेडकर चौक में विहिप जिलाध्यक्ष संजीव भाऊ अग्रवाल, सब्जी विक्रेता संघ संतोष धुवारे, सुमित चौरे, राजेश गंगवानी, रमेश पालेवार, डिलेश पालेवार, डॉ. तरूण विजयवार, विक्की पालेवार, जिला अधिवक्ता कार्यकारिणी सदस्य नरेन्द्र धुवारे, भाजयुमो जिलाध्यक्ष गजेन्द्र भारद्वाज, नगर अध्यक्ष मोनु श्रीवास्तव, मिंटु जायसवाल, मोनु बंशकार सहित अन्य लोगों ने पुष्पहार पहनाकर तिरंगा यात्रा का स्वागत किया. गौरतलब हो कि बीते 7 नवंबर को बालाघाट से निकली इस यात्रा को पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने तिरंगा देकर रवाना किया था.

आजादी का अमृत महोत्सव पर देश की एकता और अखंडता का संदेश देने निकली यह यात्रा बालाघाट से प्रारंभ होकर ओंमकारेश्वर, केवड़िया, पावागढ़, मूल द्धारिका, सोमनाथ, पोरबंदर, नागेश्वर, चोटिला, भुज, कच्छ पहुंची. जहां बॉर्डर पर तिरंगा यात्रा का संदेश देकर यात्रा अंबाजी, कोटेश्वर महादेव, माउंटआबू, गांधीनगर, डकोरजी और उज्जैन होते हुए आज 18 नवंबर को बालाघाट पहुंची. गौरतलब हो कि इस तिरंगा यात्रा में जिले से 40 लोग शामिल थे. जिन्होंने जहां-जहां से तिरंगा यात्रा गुजरी, वहां-वहां राष्ट्रप्रेम का संदेश दिया.

यात्रा की अगुवाही कर रहे मां फाउंडेशन जिलाध्यक्ष राकेश सेवईवार ने बताया कि तिरंगा यात्रा का पूरा अनुभव उत्साहित कर देने वाला था. जहां-जहां से भी यह यात्रा पहुंची, वहां-वहां तिरंगे का सम्मान करते हुए यात्रा को लोगों ने हाथो-हाथ लेकर तिरंगा यात्रा के यात्रियों को पूरा मान दिया. गुजरात के गांधीनगर में यात्रा का सम्मान भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत भाई ने किया. जहां तिरंगे के साथ ही अतिथि देवो भवः की परंपरा के तहत यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया. आजादी के अमृत महोत्सव पर निकली इस तिरंगा यात्रा के दौरान जिस तरह से हमें सम्मान मिला है, उससे लगता है कि देश आजादी की आजादी को अक्षुण्ण बनाये रखने और उसे संभालने की जरूरत है क्योंकि यह आजादी हमें बड़े मुश्किलों से मिली है.  


Web Title : TIRANGA YATRA RETURNS TO BALAGHAT AFTER 4100 KM JOURNEY, WELCOME AT AMBEDKAR CHOWK ON ARRIVAL OF TIRANGA YATRA, NEED TO HANDLE FREEDOM FROM STRUGGLE RAKESH