तो खटाई में पड़ सकती है समय पर धान खरीदी, स्वसहायता समूह की महिलाओं और सोसायटी कर्मचारियों ने जताया विरोध

बालाघाट. जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा उपार्जन के लिए  ई-उपार्जन पोर्टल पर जिन किसानों ने 10 अक्टूबर तक पंजीयन कराया है, उसमें जिले में कुल 1,17,596 कृषकों का पंजीयन किया गया है. समर्थन मूल्य पर फसल उपार्जन के लिए कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा द्वारा जिले में 178 खरीदी केन्द्रों की स्थापना की है. साथ ही 24 नवंबर आज से किसानों के स्लॉट बुक की प्रक्रिया प्रारंभ हो रही है. एक जानकारी के अनुसार इस वर्ष धान कॉमन का समर्थन मूल्य 2183 रूपये प्रति क्विंटल एवं धान ग्रेड-ए 2203 रूपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. जिस दर पर आगामी 01 दिसंबर से जिले में पंजीकृत किसानों से धान खरीदी का कार्य प्रारंभ किया जाएगा, जो आगामी 19 जनवरी तक चलेगा, लेकिन इससे पहले ही धान खरीदी की प्रशासनिक तैयारी खटाई में पड़ती दिखाई दे रही है.

धान खरीदी को लेकर सोसायटी कर्मचारी और स्वसहायता समूह की महिलाएं खिलाफ में खड़ी हो गई है. दोनो के तर्क वाजिब है और दोनो को ही प्रशासन से जवाब का इंतजार है. जिससे समर्थन मूल्य पर धान खरीदी पर फिलहाल संकट के बादल नजर आ रहे है, अब इस संकट को प्रशासन कैसे दूर करेगा, यह तो भविष्य बताएगा लेकिन धान खरीदी को लेकर प्रशासन के सामने संघर्षपूर्ण स्थिति बन गई है.

गौरतलब हो कि बीते वर्ष, सरकार के निर्देश पर जिले में लगभग 30 स्वसहायता समूह से धान खरीदी करवाई गई थी. जिन्हें इस बार धान खरीदी से दूर कर दिया गया है. जिससे स्वसहायता समूह की महिलाएं आक्रोशित है और शुक्रवार 24 नवंबर को स्वसहायता समूह की महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर, स्पष्ट चेतावनी दी कि जब तक स्वसहायता समूह को धान खरीदी केन्द्र बनाने का निर्णय नहीं हो जाता है, जब तक स्लॉट बुकिंग बंद की जाए. वहीं दूसरी ओर धान खरीदी के केन्द्र बनाए गए सोसायटी कर्मचारियों ने उनका कमीशन नहीं मिलने और धान खरीदी के निर्देशानुसार धान खरीदी, संभव नहीं होने की बात कहकर, खरीदी कार्य को लेकर अरूचि जाहिर की है. जिससे धान खरीदी कार्य समय पर शुरू होगा, इसको लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.  

स्वसहायता समूह को धान खरीदी के केन्द्र नहीं बनाए जाने पर गोंडवाना स्वसहायता समूह माना की महिला भगवती उइके ने बताया कि बीते वर्ष परसामऊ और गढ़ी दो जगह की खरीदी का दायित्व समूह को दिया गया था. हमने बेहतर तरीके से खरीदी की और समय पर अपना ऑडिट कराया और किसी प्रकार की कोई साल्टेज भी ना होने के बावजूद इस साल हमें धान खरीदी से पृथक कर दिया गया है. उनका कहना है कि सोसायटियो से दिक्कत आने के बावजूद उन्हें केन्द्र बनाया गया और हमने अच्छा काम किया फिर भी केन्द्र क्यों नहीं बनाया गया. इसलिए जब तक हमारा केन्द्र का निर्धारण नहीं हो जाता, तब तक स्लॉट बुकिंग ना करें, अन्यथा वह धान खरीदी नहीं होने देगी.

नारी शक्ति आजीविका स्वसहायता समूह की महिला कौशल्या वछले ने कहा कि पिछले वर्ष हमने बेहतर खरीदी की थी. अच्छे से खरीदी के बावजूद हमें धान खरीदी में शामिल नहीं किया गया है. जबकि गर्मी में जब गेंहू की खरीदी का वक्त था, सोसायटी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे. उन्होंने कहा कि यह अच्छा काम करने वाली महिलाओं के काम पर सवाल है, जब तक स्वसहायता समूह को धान खरीदी केन्द्र बनाए जाने का निर्णय नहीं हो जाता है, तब तक स्लॉट बुकिंग को रोका जाए.

दूसरी ओर 24 नवंबर को धान खरीदी को लेकर दोपहर 12 बजे  बुलाई गई सोसायटी कर्मचारियों की बैठक दोपहर 02 बजे शुरू होने से वैसे ही खफा, कर्मचारियों ने प्रशासन के समक्ष अपने कमीशन की बात रखी. जिस पर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से सोसायटी कर्मचारियों ने नाराजगी जाहिर की है. जिलाध्यक्ष पी. सी. चौहान ने जब तक समितियों को पिछला बकाया भुगतान नहीं हो जाता है, तब तक वह धान खरीदी को लेकर अभी कोई विचार नहीं करेंगे. आगामी दिनों में सोसायटी कर्मचारियों की बैठक के बाद ही धान खरीदी को लेकर निर्णय लिया जाएगा. यही नहीं बल्कि धान खरीदी केन्द्र को लेकर जारी दिशा निर्देश पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि इन दिशा निर्देशों का पालन संभव नहीं हैं. उन्हांेने कहा कि धान खरीदी में आने वाली व्यवहारिक समस्या, उपार्जन के दौरान भंडारण, परिवहन सहित अन्य समस्याओं के संतोषजनक निराकरण नहीं होने तक वह धान खरीदी के निर्णय पर अपनी सहमति नहीं दे सकते है.


Web Title : WOMEN AND SOCIETY EMPLOYEES OF SELF HELP GROUPS PROTEST AGAINST TIMELY PROCUREMENT OF PADDY