स्व. कुशाभाऊ ठाकरे की जयन्ती पर भाजपा कार्यालय में संगीतमय सुन्दरकांड का किया गया पाठ

बालाघाट. 30 अगस्त को भाजपा कार्यालय में स्व. कुशाभाऊ ठाकरे की जयंती पर संगीतमय सुन्दरकाण्ड का आयोजन किया गया. जयंती कार्यक्रम पर आयोजित संगीतमय सुंदरकांड पाठ में विधायक गौरीशंकर बिसेन, जिला अध्यक्ष रमेश भटेरे, आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे, दिलीप चौरासिया, सत्यनारायण अग्रवाल, संजय खंडेलवाल, संजय मिश्रा, गौरव पारधी, श्रीमती मौसम हरिनखेरे, श्रीमती भारती पारधी, सुरजीतसिंह ठाकुर, रूपेश वैध, सुमित यादव, मनोज हरिनखेरे, भारत चौधरी, अजय सोनी, राकेश सेवईवर, गुलशन भाटिया, खिमेंद्र गौतम, वीना कनौजिया, मीनाक्षी हरिनखेरे, कृष्णा सिंह, गौरी लिल्हरे, भारती ठाकुर, सारिका बिसेन, गरिमा गौतम, राजेश लिल्हारे, पप्पू बिसेन, बसंत पावर, अखिलेश चौरे, अंकुश बाजपेई, पंकज कुर्वे, प्रज्जवल चौरसिया, हिमांशु चौकसे एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे.

भाजपा जिला अध्यक्ष रमेश भटेरे ने कहा कि जन कल्याण ही कुशाभाऊ ठाकरे जी के जीवन का लक्ष्य था. उन्होंने जीवनपर्यंत मूल्यों पर आधारित राजनीति का अनुसरण किया. अपनी साधारण जीवन-शैली और निष्काम कर्मयोग से उन्होंने यह सिद्ध कर दिया था कि समाज में राजनीतिक-शक्ति की तुलना में नैतिक-शक्ति की प्रभावशीलता और मान्यता ज्यादा है.  

पूर्व मंत्री एवं विधायक गौरीशंकर बिसेन ने सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए स्व. कुशाभाऊ ठाकरे की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका सम्पूर्ण जीवन पारदर्शी रहा. सिद्धांतों के प्रति उनकी सजगता, सतर्कता और समर्पण सार्वजनिक जीवन में बिरले में ही देखने को मिलती है. उन्होंने सदैव सत्ता की जगह संगठन में कार्य करने को प्राथमिकता दी. किसी भी संगठन को गढ़ने के लिए जरूरी सभी गुण उनमें कूट-कूट कर भरे थे. वे बिना थके संगठन की जड़ों को मजबूत करने के लिए लगातार जुटे रहते थे. वे बड़ी से बड़ी बात सरलता से कह देते थे. शायद इसलिए कार्यकर्ताओं से काम लेने की उनकी क्षमता बेमिसाल थी. कुशाभाऊ जी ने कार्यकर्ताओं के राजनीतिक-संस्कारों को तराशा है. वे आजीवन सत्य के पक्षधर बने रहे. सत्य और संगठन के हितों की खातिर वे कभी भी कोई समझौता नहीं करते थे और न ही किसी विपरित परिस्थिति में वे किसी के आगे घुटने टेकते थे. सत्य और सिद्धांत की जमीन पर सत्ता और संगठन का बड़े से बड़ा व्यक्ति उन्हें झुका नहीं सकता था.

उन्होंने कहा कि कुशाभाऊ जी के जीवन की सादगी, सरलता, निश्छलता,  सामर्थ्य और विनम्रता को लोगों ने निकटता से देखा और महसूस किया है. दो जोड़ी धोती-कुर्ता, चादर और माता पिता की एक फोटो तक सीमित टिन के एक छोटे से बक्से में समा जाने वाली उनकी छोटी-सी दुनिया का नैतिक धरातल कितना विशाल, व्यापक और विराट था, यह हम लोगों ने नजदीक से जाना है. उत्तर एवं मध्य भारत के विभिन्न राज्यों में पार्टी ने जो शानदार सफलता पाई है, उसमें कुशाभाऊ जी की राजनीतिक-साधना का महत्त्वपूर्ण योगदान है. ठाकरे जी का संपूर्ण जीवन भाजपा को ही समर्पित रहा है. संगठन ही उनके लिए परिवार था और उनकी सारी जिंदगी भाजपा के आंगन में ही बीती. जनसंघ के जमाने से संगठन के लिए समर्पित ठाकरे जी भाजपा की संगठनात्मक-संरचना के प्रमुख शिल्पकारों में से एक थे.

उन्होंने कहा कि ठाकरे जी की जिंदगी का स्पष्ट संदेश यह है कि सत्ता सिर्फ जन-कल्याण के लक्ष्यों को हासिल करने का साधन होना चाहिए. उनके संपूर्ण जीवन काल का स्मरण कर यही कहा जा सकता है कि ठाकरे जी जैसे कालजयी समर्पित व्यक्तित्व के उदाहरण बिरले ही कहीं मिल पायेंगे. उनसे प्रेरणा लेकर हम अपने जीवन को वैसा बनाने का प्रयास करें और उनके जन्मशताब्दी वर्ष में श्रेष्ठ संगठन को खड़ा करने का संकल्प लें, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.


Web Title : SELF. MUSICAL SUNDERKAND RECITED AT BJP OFFICE ON KUSHABHAU THACKERAYS BIRTH ANNIVERSARY