बालाघाट. 29 मार्च की रात्रि गौवध करने वाले सात आरोपियों में तीन आरोपियो की जमानत याचिका आज विशेष न्यायाधीश रामजीलाल ताम्रकर की अदालत ने खारिज कर दी. मामले में अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजन अभिजीत बापट ने पैरवी की थी.
माननीय न्यायालय ने याचिका खारिज करते कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले इस उद्देश्य से लॉक डाउन प्रभावी किया गया. लॉक डाउन की अवधि में अपराधिक षडयंत्र करके समाज में विद्धेष फैलाने के उद्देश्य से गौ हत्या की गई और उसका मांस एवं मांस काटने के लिए उपयोग किये गये औजार जप्त किये गये है. ऐसी स्थिति में इस मामले में आवेदकगण मिर्जा मतीन बेग, शेख जब्बार और शोऐब खान को जमानत पर छोड़ा जाना न्यायोचित प्रतित नहीं होता है. अतः आवेदकगण की ओर से प्रस्तुत धारा 493 दं. प्र. सं. का आवेदन स्वीकार योग्य न होने से निरस्त किया जाता है.
गौरतलब हो कि 29 मार्च को नगर के शांतिनगर स्थित एक कुंये से गाय के अवशेष मिले थे. गाय को काटकर उसके अवशेष को कुंये में डालने के गंभीर मामले की सूचना के बाद कोतवाली पुलिस ने मामले में कैलाश बाहेश्वर की शिकायत पर गौवंश प्रतिषेध अधिनियम की धारा 4,5 एवं 9 के तहत अपराध कायम कर जांच में लिया था. जिसमें कोतवाली पुलिस ने सात आरोपियों गुड्डु उर्फ फईम पिता दाउद खान, रफीक पिता सलीम खान, शेख जब्बार पिता शेख रहमान, मिर्जा मतीन बेग पिता मिर्जा रूस्तम बेग, शेख आमीर उर्फ राजा पिता अब्दुल, राजू उर्फ शेख राजिक पिता शेख कासिम और दादा भाई उर्फ कासिम भाई पिता शेख आमीर को गिरफ्तार करने के बाद माननीय न्यायालय में पेश किया था, जहां से उन्हें न्यायालय ने न्यायिक रिमांड पर जेल भिजवा दिया गया था. जिसमें तीन आरोपी मिर्जा मतीन बेग, शेख जब्बार और शोऐब खान द्वारा बालाघाट न्यायालय में जमानत पर रिहा किये जाने के लिए दं. प्र. सं. की धारा 439 के तहत अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत याचिका पेश की गई थी. जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दी.