बालाघाट. लेनदेन की मामले की जांच के लिए एक पखवाड़ा से 123 वीं सीआरपीएफ कैंप भरवेली पहुंचे दिल्ली स्थित 55 वीं सीआरपीएफ बटालियन विनोद कुमार सिंह की संदेहास्पद मौत का खुलासा बिसरा जांच रिपोर्ट के बाद ही होगा. बालाघाट मंे मृतक जवान की पीएम रिपोर्ट में पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक ने मौत को लेकर कोई ओपनियन नहीं दिया है. जिससे पुलिस अब जवान की मौत का रहस्य का पता करने प्रिजर्व किया गया बिसरा जांच के लिए भेजेगी. जिसकी रिपोर्ट के बाद ही यह साफ हो पायेगा कि जवान की मौत की वास्तविक वजह क्या थी. हालांकि इस मामले की विवेचना कर रहे भरवेली थाना उपनिरीक्षक मो. शाहिद द्वारा जांच कर दी गई है.
गौरतलब हो कि उत्तरप्रदेश के मुराबाद जिला अंतर्गत ठाकुर द्वार तहसील के पोस्ट पसियापुरा ग्राम बंकावाला निवासी 33 वर्षीय विनोद कुमार पिता फकीरा सिंह, दिल्ली स्थित 55 वीं सीआरपीएफ बटालियन में पदस्थ था. जो बालाघाट सीआरपीएफ कैंप में पदस्थ एक जवान से रूपये के लेनदेन की शिकायत के बाद मामले की जांच के लिए 10 अगस्त को बालाघाट आया था. जिसकी 123 वीं सीआरपीएफ बटालियन के बैरिक हट क्रमांक 7 में गत 25 एवं 26 अगस्त की दरमियानी मौत हो गई थी. जिसकी मौत के बाद नजर आ रहे प्रारंभिक लक्षण जवान की मायनर हार्ट अटैक के प्रतित हो रहे थे. हालांकि बालाघाट मंे जवान के शव के हुए पोस्टमार्टम में पीएम करने वाले चिकित्सक द्वारा कोई ओपेनियन नहीं देने से जवान की मौत का मामला संदेहास्पद हो गया है.
इनका कहना है
सीआरपीएफ कैंप में जवान की मौत मामले में जवान का बिसरा प्रिजर्व कर लिया गया है. जिसे जांच के लिए भिजवाया जायेगा. बालाघाट में हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चिकित्सक ने कोई ओपेनियन नहीं दिया है. मामले की जांच जारी है.
मो. शाहिद, उपनिरीक्षक, भरवेली थाना