संत शिरोमणी गुरू रविदास के विचारों को समाज करे आत्मसात-मनघटे,अनुयायियो ने मनाई संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की 644 जयंती

बालाघाट. संत रविदास का जन्म मध्यकालीन युग में उस समय हुआ था, जब समाज कई वर्णो में बंटाा था. रूढ़िवादिता, आडंबर, अंधविश्वास, अस्पृश्यता एवं कुप्रथायें समाज में चरम सीमा में थी. दलित, शोषित समाज मे जन्मे क्रांति नायक युगपुरूष संत रविदास महाराज ने मानवता एवं नैतिकता का संदेश दिया. जिन्होंने सिद्ध कर दिया कि किसी भी जाति में जन्म लेने से व्यक्ति उंचा-नीचा नहीं हो जाता है, उसका कर्म ही प्रधान होता है. इसलिए सतगुरू रविदास महाराज को संतो में सर्वश्रेष्ठ संत शिरोमणी की उपाधी दी गई. आज समाज सद्गुरू द्वारा दिये गये विचारों को आत्मसात करें. यह बात अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन के संरक्षक डी. पी. मनघटे ने कही.  

नगर के बुढ़ी स्थित अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन के सामाजिक भवन में संत शिरोमणी गुरू रविदास जी की 644 वीं जयंती सामाजिक बंधुओं श्रद्वा, भाव और उत्साह के साथ मनाई गई. जयंती पर प्रातः 10 बजे सभी सामाजिक अनुयायियों द्वारा संत शिरोमणी रविदास जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पूजन किया गया. जिसके बाद दोपहर 2 से 3 बजे तक धर्म संगठन के भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं धार्मिक गीत गाये गये. दोपहर 3 बजे से आयोजित मंचीय कार्यक्रम में सामाजिक बंधुओं ने संत शिरोमणी जी के जीवन वृतांत पर विचार प्रकाश डालते हुए सामाज को कुरीतियों, आडंबर, अंधविश्वास से दूर रहकर संत रविदास जी के विचारों को आत्मसात करने की बात कही गई. इस दौरान सामाजिक अनुयायी मौजूद थे. कार्यक्रम के समापन पर शाम को सामाजिक महाप्रसाद का वितरण किया गया.  

इस दौरान अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन संरक्षक डी. पी. मनघटे, अध्यक्ष हरिचंद्र महोबे, महासचिव जी. एल. बारेकर, उपाध्यक्ष रामेश्वर मनघटे, रमेश महोबे, लालदास बारेकर, सचिव महेश तरवरे, कोषाध्यक्ष भैयालाल मोहबे, कार्यालय सचिव अरविंद बोरकर, संगठन मंत्री साहेबलाल बरैये, डॉ. अनिल भोंडेकर, प्रवक्ता धर्मेन्द्र कुरील, विधिक सलाहकार अधि. एम. आर. भोंडेकर, नगर अध्यक्ष अनिल बारेकर, युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष प्रकाश जगने, धर्म प्रचारक सुभाष खरोले, महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष श्रीमती निर्मला मालेश, उपाध्यक्ष श्रीमती रत्ना भोंडेकर, दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया प्रदेश अध्यक्ष चरनदास ढेंगरे, कोषाध्यक्ष के. एस. मेश्राम, समाजसेवी जी. एल. टांडेकर सहित सामाजिक अनुयायी शामिल थे.  


Web Title : SOCIETY TO IMBIBE THE IDEAS OF SANT SHIROMANI GURU RAVIDAS, THE FOLLOWERS CELEBRATED THE 644 BIRTH ANNIVERSARY OF SANT SHIROMANI GURU RAVIDAS JI.