भावी शिक्षकों के साथ प्रदेश सरकार कर रही छलावा,शिक्षक पात्रता परीक्षा चयनित अभ्याथियों ने की दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को प्रारंभ करने की मांग, सौंपा ज्ञापन

बालाघाट. शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित किये गये उच्चतर माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षको ने भर्ती को लेकर लगाई गई सरकार के रूकावट पर तीखी नाराजगी जाहिर की है, अभ्याथियों का कहना है कि सरकार बेवजह भर्ती प्रक्रिया को लटकाने की काम कर रही है. भर्ती को लेकर हो रहे दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को बंद किये जाने पर अभ्यार्थियों ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की शिवराजसिंह चौहान की सरकार भावी शिक्षकों के साथ छलावा करने का काम कर रही है.  

गौरतलब हो कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के पूर्व पीईबी द्वारा वर्ष 2019 में शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया था. जिसमें चयनित अभ्यार्थियों के लिए लोक शिक्षण संचालनालय के आदेशानुसार मध्यप्रदेश उच्च. माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यार्थी, जिनका नाम प्रविधिक चयन सूची एवं प्रविधिक प्रतीक्षा सूची में है. इन सभी अभ्यार्थियों के दस्तवेजों का सत्यापन का कार्य एक जुलाई से शुरू हो चुका था. जिसके तहत जिला स्तर पर बनाये गये सत्यापन केन्द्रो पर कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेसिंग का पालन किया जा रहा था. इस दौरान किसी भी अभ्यार्थी को सत्यापन केन्द्र में पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन 4 जुलाई 2020 को लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश पर सत्यापन की कार्यवाही को प्रभाव से निरस्त कर दिया गया. जिसको लेकर, लोक परिवहन की सुगम व्यवस्था न होना तथा कोविड-19 का बढ़ता प्रभाव को वजह बताया गया. जिसको लेकर जिले के चयनित अभ्यार्थियों में भारी निराशा और सरकार के प्रति आक्रोश देखने को मिला रहा है.

आज 6 जुलाई को बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे उच्चतर माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के चयनित अभ्याथियों ने संचालनालय के आदेश पर सवाल खड़े करते हुए बंद की गई दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को पुनः प्रारंभ किये जाने की मांग की. अभ्यार्थियों ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से चयनित अभ्यार्थी, मानसिक तनाव का शिकार हो रहे है. यदि सरकार जल्द ही चयनित आवेदकों के दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को जल्द प्रारंभ नहीं करती है तो आगामी समय में सरकार के इस रवैये को लेकर प्रदेश सहित जिले भर के चयनित अभ्यार्थी उग्र आंदोलन करेंगे. अभ्यार्थियों का कहना था कि सरकार द्वारा दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को बंद किये जाने के कारण प्रदेश का भावी शिक्षक बेरोजगारी का दंश झेलकर भटकने पर मजबूर है.  

आज कलेक्ट्रेट पहुंचे चयनित अभ्यार्थियों की ओर से नवीन मंडाले, आरिफ खान, गौतम गजभिये और सुनील ऐड़े ने संयुक्त रूप से बताया कि सरकार द्वारा कोविड-19 और अभ्यर्थियों के आवागमन की सुविधा ना होने का बहाना बताते हुए सत्यापन की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया. जबकि सभी जानते है कि इस दौरान 12 वीं बोर्ड के एग्जाम और हाल ही मंे सरकार के मंत्रीमंडल का विस्तार किया गया और तो और सभी कार्यालयीन कार्य सुचारू रूप से हो रहे. जिसमें किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आ रही है, केवल शिक्षक पात्रता परीक्षा के चयनित अभ्यार्थियों के दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को कोविड-19 और लोक आवागमन को वजह बताकर बंद कर दिया है, जो कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है. जबकि जिलास्तर पर बनाये गये सत्यापन केन्द्र में सभी अभ्यार्थी पहुंचने के लिए तैयार है जिसमें अभ्यर्थी को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हो रही है, पर सरकार गलत और तर्कसंगत बहाने का आड़ लेकर अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है. जिसको लेकर सभी अभ्यार्थियों की मांग है कि शीघ,्र अतिशीघ्र सरकार के द्वारा सत्यापन की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए और सभी अभ्यार्थियों को नियुक्ति दी जायें, अगर सरकार हमारे पक्ष में कदम नहीं उठाती तो सभी अभ्यार्थी आंदोलन करने के लिए तत्पर होंगे और सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

ओबीसी महासभा के जिलाध्यक्ष सौरभ लोधी ने कहा कि प्रदेश में शिक्षित युवाओं के साथ प्रदेश की शिवराजसिंह चौहान की सरकार अन्याय करने का काम कर रही है. जहां वर्ष 2011 में संविदा शिक्षक पात्रता परीक्षा के 8 साल बाद वर्ष 2019 में शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया. जबकि नियमानुसार हर तीन साल में शिक्षको की भर्ती के लिए सरकार द्वारा परीक्षा का आयोजन किया जाना था, लेकिन प्रदेश में 15 सालों तक राज करने वाली शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया. वर्ष 2019 में शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित अभ्यार्थियों के साथ फिर सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है. चयनित अभ्यार्थियों के दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को बिना तर्कसंगत वजह के बंद कर दिया गया. जिससे प्रदेश के अलावा पूरे जिले के चयनित अभ्यार्थियों में भारी निराशा और आक्रोश का माहौल है. उन्होंने कहा कि सरकार के निर्णय से युवाओं के भविष्य पर प्रश्नचिह्रन लग गया है. यदि जल्द ही प्रदेश की शिवराजसिंह चौहान सरकार, शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित अभ्यार्थियों के दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया को प्रारंभ नहीं करती है तो ओबीसी महासभा, प्रदेश स्तर पर चयनित अभ्यार्थियों के भविष्य को लेकर अपनी आवाज बुलंद करेगी और आगामी उपचुनाव में भी प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं पर किये गये कुठाराघात को लेकर यह मुद्दा जोरशोर से उठायेगी. उन्होंने कहा कि सरकार के दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को बंद किये जाने से यदि कोई युवा, आत्मघाती कदम उठाता है तो इसकी पूरी जवाबदारी प्रदेश की सरकार की होगी.

शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित अभ्यार्थियों द्वारा आज 6 जुलाई को कलेक्ट्रेट में सीएम शिवराजसिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपने पहुंचे चयनित अभ्यार्थियों में भारती धुवारे, विद्या बिसेन, मिताली सैयाम, वैशाली भोरघड़े, प्रिती खांडेकर, परमेश्वरी हारडे, राखी ठाकरे, मेघना विश्वकर्मा, गौरीशंकर लिमजे, नंदकिशोर उके, प्रमोद बोरकर, सूर्यपाल मेश्राम, दुर्गेश ऐड़े, वैभव आयतेकर, दिलीप पारधी, अजय बिसेन, लुकेन्द्र शिव, राकेश गजभिये, सुनील बिसेन सहित अन्य बड़ी संख्या में अभ्यार्थी उपस्थित थे.


Web Title : THE STATE GOVERNMENT IS DOING A MEMORANDUM WITH PROSPECTIVE TEACHERS, TEACHER ELIGIBILITY TEST SEEKING COMMENCEMENT OF DOCUMENT VERIFICATION PROCESS BY SELECTED CANDIDATES.