वनकर्मियों से परेशान होकर आदिवासी बिरजू मेरावी ने लगा ली फांसी!, जांच में जुटी पुलिस, एसडीओ फारेस्ट में कहा कि संज्ञान में नहीं

बालाघाट. लांजी थाना क्षेत्र अंतर्गत देवरबेली पंचायत के उलटनाला निवासी लगभग 35 वर्षीय बिरजू पिता सुक्कल मरावी ने अपने ही घर में बीती रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. फांसी से पूर्व मोबाईल पर रिकॉर्ड किये गये ऑडियो में उसने वनकर्मियों रेंजर और सिपाहियों से परेशान होकर आत्महत्या किये जाने की बात रिकॉर्ड की है. जिससे आशंका व्यक्त की जा रही है कि वनकर्मियों से प्रताड़ित होकर बिरजू ने आत्महत्या की है. हालांकि पत्नी और ग्रामीणों ने बताया कि रात-बेरात वनकर्मी आकर अतिक्रमण में उसे सालों कैद की सजा की धमकी देकर उसका घर जेसीबी से तोड़ने की धमकी देते थे. जिससे व्यथित होकर उसने आत्महत्या की है.  

घटना के बाद देवरबेली पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में शव बरामद कर पंचनामा कार्यवाही के बाद शव का पीएम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया हैं. वहीं पुलिस अब मामले की जांच में जुट गई है. जबकि फारेस्ट एसडीओ आदिवासी बिरजू मेरावी की आत्महत्या की घटना की बात तो स्वीकारते है लेकिन वनकर्मियों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या किये जाने के सवाल पर उनका कहना है कि यह उनके संज्ञान में नहीं है.  

घटनाक्रम के अनुसार बिरजू मेरावी द्वारा वनक्षेत्र की जमीन पर मकान बनाये जाने पर वनविभाग द्वारा उसे नोटिस जारी किया गया था. जिस पर लगभग 23 हजार रूपये जुर्माना किया गया था. हालांकि मामला 6 जून 2022 का बताया जाता है, जिसको लेकर लगातार वनकर्मी उसके घर रात-बेरात आते रहते थे. बताया जाता है कि बीते मंगलवार को भी फारेस्ट ऑफिस गया था लेकिन उसे दूसरे दिन आने की बात कही गई थी और बुधवार की रात बिरजू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

सामान्य वनमंडल के अंतर्गत आने वाले इस मामले में बिरजू की आत्महत्या किये जाने पर आरोपो की सुई रेंजर अभिषेक जाट, द्वारकाप्रसाद मिश्रा, राहुल उके, उचारिया, रामसखा पर उठ रही है. जिन पर आरोप है कि वह कभी भी बिरजू के घर आकर उससे पैसो की मांग करते थे.  

पत्नी बुद्धनबाई ने कहा कि वनविभाग के लोग, डेढ़ साल से परेशान कर रहे थे. पैसे नहीं देने पर  जेसीबी से घर तोड़ें देने की धमकी देते थे. जिन्हें पति ने 3 हजार और 2 मुर्गे भी दिये थे. ग्रामीणों की भी मानें तो सिपाही और रेंजर आधी रात को भी आते है, कभी भी आ जाते है, खेती मत करो यहां से भाग जाओं बोलते है और धमकी देते है. पैसे मांगते है और घर द्वार को तोड़कर फेंक देंने की बात कहते है. जनपद सदस्य वन सभापति महेश चौधरी ने बताया कि उन्हें पता चला है कि वनकर्मियों की प्रताड़ना के कारण बिरजू द्वारा आत्महत्या किये जाने की जानकारी परिजनों और ग्रामीणों द्वारा बताई जा रही है.  

बताया जाता है कि बिरजू पर वन विभाग की जमीन पर मकान बनाने के कारण प्रकरण दर्ज किया गया था. जिसमें उस पर 23 हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया था, लेकिन मृतक बिरजू की पत्नी के मुताबिक लगभग 30 से 40 हजार रूपयों की मांग की जा रही थी. जल, जंगल और जमीन को अपना भगवान मानने वाले आदिवासी, बिरजू मरावी ने वन विभाग की प्रताड़ना से तंग आकर मौत को गले लगा लिया.

वहीं मामले की जानकारी के बाद लांजी विधायक हीना कावरे भी उलटनाला पहुंची थी. जहां उन्होंने परिवार से चर्चा कर घटनाक्रम की जानकारी ली. प्रेस से चर्चा करते हुए सुश्री कावरे ने बताया कि यह अतिक्रमण का मामला था. जिसके लिए वनकर्मियों द्वारा परेशान करने की जानकारी पत्नी से मिली है. जिससे लगता है कि यह इंटेंसनली किया गया है. किसी को भी अधिकार नहीं है, चूंकि क्षेत्र बड़ा है, इसलिए यह जानकारी समय से पूर्व नहीं मिल पाती है लोग यदि उन्हें आकर बताये तो वह निश्चित ही ऐसे मामलो में कार्यवाही करवायेगी. पीड़ित परिवार को सहायता के लिए कलेक्टर से चर्चा की गई है. जिन्होंने 50 हजार रूपये सहायता राशि स्वीकृत करने की बात कही है.

इनका कहना है

देवरबेली के उलटनाले में बिरजू मरावी ने घर के पीछे कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जिसे उसकी पत्नी द्वारा फांसी से उतारकर रख दिया गया. मौके पर एसडीएम, जनपद सीईओ, मैं स्वयं और लांजी थाना प्रभारी पहुंचे थे. जानकारी में पता चला कि वन अपराध का प्रकरण पिछले वर्ष दर्ज किया गया था. जिसकी जांच के संबंध में कुछ दिन पहले नोटिस भी मिला था. एक ऑडियों मिला है. जिसमें आत्महत्या से पूर्व मृतक ने फारेस्ट डिपार्टमेंट के लोगों का नाम लिया है. जिसकी जांच करवाई जायेगी. मामले की जांच में जो भी तथ्य आयंगे. उसके आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी.

दुर्गेश आर्मो, एसडीओपी लांजी


Web Title : UPSET WITH FOREST PERSONNEL, TRIBAL BIRJU MERAVI HANGED HIMSELF!