जिले में बंफर वोटिंग से टूटा रिकॉर्ड, 85.23 प्रतिशत मतदान, 67 प्रत्याशियों का भाग्य कैद, छुटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण रहा मतदान, ज्यादा वोटिंग से कांग्रेस और भाजपा की बड़ी धड़कने

बालाघाट. जिले में लोकतंत्र के इस महोत्सव में हर उम्र का मतदाता, अपने मताधिकार का उपयोग करने मतदान केन्द्र पहंुच रहा है. मतदाताओं में मतदान को लेकर उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि युवा, महिला और पुरूषों के साथ मतदान में बुजुर्ग भी पीछे नहीं है, लाठी के साथ ही वह सहारे से मतदान केन्द्र पहुंचकर अपना मतदान कर रहे है.

लोकतंत्र के महोत्सव में मतदाताओं ने अपने प्रतिनिधि को चुनने जो उत्साह दिखाया है, उससे जिले में इस बार वोटिंग, रिकॉर्ड पार हो गई है. बीते 2018 में जिले की सभी 06 विधानसभा मिलाकर 80 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई थी. इस बार स्वीप प्लान और बेहतर चुनाव प्रबंधन के चलते वोटिंग प्रतिशत का आंकड़ा 80 प्रतिशत से बढ़ा है, हालांकि अब तक वास्तविक आंकड़े नहीं है, लेकिन जिस तरह से देरशाम तक जो आंकड़े जारी किए गए है और जिस तरह से मतदान केन्द्रो में जनता वोटिंग समय खत्म होने के बाद भी एकत्रित है, उससे लगता है कि देररात तक मतदान केन्द्रो में होने वाली वोटिंग से वोटिंग का आंकड़ा 80 प्रतिशत से पार होगा और बालाघाट में वोटिंग का फिर एक नया रिकॉड बनेगा.

नक्सली क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदान

विगत 2018 चुनाव की अपेक्षा इस बार नक्सल प्रभावित क्षेत्र की तीनो विधानसभा में वोट प्रतिशत बढ़ा है. तीनो ही विधानसभा में सायंकाल 05 बजे तक मतदान का जो प्रतिशत आया है, उसमें मतदान प्रतिशत बढ़ोत्तर बताई जा रही है. जिसका एक प्रमुख कारण 2018 के चुनाव की अपेक्षा लगभग 34 नए मतदान केन्द्रो में हुई बढ़ोत्तरी को माना जा रहा है, जिसमें मतदाताओं को गांव में ही मतदान करने का अवसर मिला. दूसरा एक बड़ी वजह नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा को माना जा रहा है, इस बार बालाघाट पुलिस ने नक्सल प्रभावित 319 मतदान केन्द्रो में थ्री-लेयर में व्यवस्था की थी. जहां मतदान केन्द्रो में सुरक्षाबल की एक पूरी टीम तैनात थी. वहीं दूसरी लेयर में नक्सली मतदान केन्द्र के आसपास दूसरी टीम और तीसरे लेयर में जंगलों में सुरक्षाबल के जवान लगे थे. इसके अलावा ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी गई. वहीं लगातार मतदान और सुरक्षा को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के भ्रमण ने मतदाताओं में एक विश्वास पैदा किया. जिले की सभी 06 विधानसभा में कुल 85. 23 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. जिसमें 108 बैहर में 84. 81 प्रतिशत, 109 लांजी में 84. 50 प्रतिशत, 110 परसवाड़ा में 86. 37 प्रतिशत, 111 बालाघाट में 83. 84 प्रतिशत, 112 वारासिवनी में 85. 33 प्रतिशत और 113 कटंगी में 86. 83 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. जिसमें परसवाड़ा में सबसे ज्यादा 86. 37 प्रतिशत और बालाघाट में सबसे कम 83. 84 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया है.  

जिले में 85. 23 प्रतिशत मतदान,परसवाड़ा में सबसे ज्यादा और बालाघाट में सबसे कम मतदान

जिले की सभी 06 विधानसभा में कुल 85. 23 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. जिसमें 108 बैहर में 84. 81 प्रतिशत, 109 लांजी में 84. 50 प्रतिशत, 110 परसवाड़ा में 86. 37 प्रतिशत, 111 बालाघाट में 83. 84 प्रतिशत, 112 वारासिवनी में 85. 33 प्रतिशत और 113 कटंगी में 86. 83 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. जिसमें परसवाड़ा में सबसे ज्यादा 86. 37 प्रतिशत और बालाघाट में सबसे कम 83. 84 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया है.  

67 प्रत्याशियों का भाग्य ईव्हीएम में कैद, 03 दिसंबर को खुलेगा किस्मत

जिले की 06 विधानसभा में विधानसभा निर्वाचन के लिए 17 नवंबर को प्रातः 07 बजे से मतदान प्रारंभ हो गया है. प्रातः निर्धारित समय में मॉकपोल कराया गया. जिसके बाद मतदान की प्रक्रिया शुरू की गई. मतदान में शहर की अपेक्षा गांव में मतदान को लेकर प्रातः से ही मतदान केन्द्रो में भीड़ जुटना शुरू हो गई थी. मतदान केन्द्रो में जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. मिश्रा और पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ के निर्देशन में मतदान और सुरक्षा को लेकर पूरे इंतजाम किए गए है. इसके अलावा दोनो ही अधिकारियों ने हवाई भ्रमण कर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के मतदान केन्द्रो का दौरा किया. जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. मिश्रा ने बताया कि जिले के 06 विधानसभा में में तीन नक्सल प्रभावित लांजी, परसवाड़ा और बैहर विधानसभा क्षेत्र में प्रातः 07 बजे से अपरान्ह 03 बजे तक विधानसभा बालाघाट, वारासिवनी और कटंगी में सायंकाल 06 बजे तक मतदान कराया गया. जिले में कुल 1675 मतदान केन्द्र बनाए गए है. जिसमें नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 319 मतदान केन्द्र है,  जिले के 925 मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग, 101 पर सीसीटीवी के अलावा आयोग द्वारा नवीनतम निर्देशों के आधार पर चिन्हित 104 मतदान केंद्र पर जहां 3 या 3 से अधिक स्‍थलों पर 5 मतदान केंद्र स्‍थापित किये गए है. ऐसे चिन्‍हांकित मतदान केंद्रो पर प्रेक्षकों, जिला निर्वाचन अधिकारी, आईजी, एसपी के अलावा आयोग भी अपनी पैनी नजर रख रहे है. इन केंद्रों पर होने वाली स्थितियों को सीधे जिले के कंट्रोल रूम से देखा जा रहा था. जिले के 06 विधानसभा में 67 प्रत्याशियांे के भाग्य मतदाताओं ने ईव्हीएम में कैद कर दिया है. 03 दिसंबर को ही पता चलेगा कि ईव्हीएम से किसका सूरज चमका और किसका अस्त हो गया.  

आम मतदाताओं के साथ प्रत्याशियों, प्रशासनिक अधिकारियों और समाजसेवियों ने किया मतदान

जिले में प्रातः से ही अपने-अपने मतदान केन्द्र में आम मतदाताओं के साथ ही चुनाव मंे भाग्य अजमा रहे प्रत्याशियों, प्रशासनिक अधिकारियों और समाजसेवियों ने भी मतदान कर लोकतंत्र के इस महायज्ञ में अपने मतों की आहूति डाली. जिसमें प्रत्याशी गौरीशंकर बिसेन ने धर्मपत्नी रेखा बिसेन, अनुभा मुंजारे ने पुत्र शांतनु मुंजारे, विशाल बिसेन, रामकिशोर कावरे ने धर्मपत्नी कीर्ति कावरे, प्रदीप जायसवाल ने परिवार के साथ मतदान केन्द्र में मतदान किया. इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारी में जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा एवं पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने भी धर्मपत्नी के साथ मतदान केन्द्र पहुंचकर मतदान किया. समाजसेवी राजेश पाठक ने कॉपरेटिव्ह बैंक में बनाए गए मतदान केन्द्र में मतदान किया.  

जिले में पिंक और हरित मतदान कर रहे आकर्षित

जिले में जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा महिलाओं के पिंक और हरियाली को दर्शाते मतदान केन्द्र बनाए है. जिनकी खासियत है कि पिंक मतदान केन्द्र में जहां मतदान केन्द्र के अमले में पूरी महिलाए थी. वहीं हरित मतदान केन्द्र को हरे पत्तो से सजाया गया है. जो मतदाताओं को आकर्षित कर रहे थे.   

हेलिकाप्टर से नक्सल प्रभावित क्षेत्रो के मतदान केन्द्र पहुंचे कलेक्टर और एसपी

जिले में 1675 मतदान केन्द्रो में 319 मतदान केन्द्र नक्सल प्रभावित क्षेत्र में है, जिसमें 34 नए बूथ बनाए गए है. जहां हो रहे मतदान का जायजा लेने हेलिकाप्टर से जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर डॉ. गिरीश मिश्रा और एसपी समीर सौरभ हवाई निरीक्षण करते हुए नक्सल प्रभावित बड़गांव के एक मतदान केन्द्र पहुंचे. यहां उन्होंने मतदान केन्द्र का जायजा लिया.  

ज्यादा वोटिंग से कांग्रेस और भाजपा की बड़ी धड़कने, दोनो का दावा जीत रहे हम चुनाव

जिले में बीते 2018 से ज्यादा 2023 के आम विधानसभा चुनाव में बंफर वोटिंग ने राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा की धड़कनों को बड़ा दिया है. हालांकि दोनो ही दलो का दावा है कि ज्यादा वोटिंग से उन्हें फायदा हो रहा है और वह चुनाव जीत रहे है. फिलहाल इस बार जनता ने मतदान के पहले और मतदान के बाद जो खामोशी दिखाई है, उसने राजनीतिक दलो के प्रत्याशियों ने खामोश कर दिया है. जिले की सभी 06 विधानसभा सीटो पर हालांकि मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है, लेकिन बंफर वोटिंग ने दोनो ही दलो के प्रत्याशियों के गणितीय आंकड़े को गड़बड़ा दिया है, अब जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है यह तो 03 दिसंबर को ही पता चलेगा.


Web Title : A RECORD OF 85.23 PER CENT VOTER TURNOUT WAS RECORDED IN THE DISTRICT, THE FATE OF 67 CANDIDATES WAS CAPTURED, EXCEPT FOR SPORADIC INCIDENTS, VOTING WAS PEACEFUL.