नक्सली क्षेत्र में वोटिंग से मतदाताओं ने दिया नक्सली विचारधारा को जवाब, मतदाताओं ने लोकतंत्र पर जताया भरोसा, प्रशासन और पुलिस वोटिंग से उत्साहित

बालाघाट. जिले की तीन नक्सल प्रभावित विधानसभा बैहर, परसवाड़ा और लांजी में जिस तरह से 85 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने वोटिंग की है, उसे नक्सली विचाराधारा से बदलाव का शुभ संकेत माना जा रहा है. नक्सली क्षेत्र में 85 प्रतिशत से ज्यादा और कई मतदान केन्द्रो में 99 प्रतिशत मतदान प्रशासन और पुलिस के लिए उत्साहित कर देने वाला है कि जिले में नक्सली, अब पैर नहीं पसार रहा है. घोर नक्सल प्रभावित सीतापाला और दुगलई में बंपर वोटिंग कर मतदाताओं ने लोकतंत्र को स्वीकार किया है. नक्सली क्षेत्र में रिकॉर्डतोड़ वोटिंग, निश्चित ही प्रशासन और पुलिस के सार्थक प्रयास का परिणाम है लेकिन यह बालाघाट पुलिस के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है कि पुलिस ने नक्सली क्षेत्र में निवासरत मतदाताओं में विश्वास पैदा किया कि हम सब एक ही है. जिस पर विश्वास कर मतदाताओं ने नक्सली विचारधारा को अपने मतदान से जवाब दिया.

जिले की तीन नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 85 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. जिसमें भी पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं का मतदान प्रतिशत ज्यादा है. प्रशासनिक जानकारी अनुसार जिले की तीन नक्सल प्रभावित 108 बैहर में 84. 51 पुरुष, 85. 79 महिला-कुल 85. 16 प्रतिशत, 109लांजी विधानसभा में 83. 53 पुरुष, 85. 76 महिला-कुल 84. 64 प्रतिशत तथा 110परसवाड़ा विधानसभा में 85. 97 पुरुष, 86. 98 महिला एवं 50 प्रतिशत अन्‍य-कुल 86. 48 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग कर लोकतंत्र पर भरोसा जताया है, जिसका हमेशा नक्सली विरोध करते रहे है.  

निर्वाचन कार्यालय से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार जिले की 6 विधानसभाओं में अनंतिम मतदान प्रतिशत 85. 35 इसमें 85. 60 प्रतिशत महिलाओं का और 85. 18 प्रतिशत पुरुषो तथा 42. 86 अन्‍य जेंडर ने मतदान किया.  नक्सल प्रभावित क्षेत्र की बैहर विधानसभा में 90 प्रतिशत से अधिक मतदान होने वाले केंद्रो की संख्‍या 38,  75 प्रतिशत से कम मतदान होने वाले केंद्रो की संख्‍या 10 है. इसी तरह लांजी में 90 प्रतिशत से अधिक वाले मतदान केंद्र 31, 75 प्रतिशत से कम वाले 11, परसवाड़ा में 90 प्रतिशत से अधिक वाले 59 और 75 प्रतिशत से कम वाले 5 है.  

एक जानकारी के अनुसार जिले के नक्सल प्रभावित बैहर के 172, लांजी के 85 और परसवाड़ा के 62 मिलाकर कुल 319 मतदान केन्द्रो में मतदान प्रतिशत लगभग 70 प्रतिशत है, जो अपने-आप में यह साबित करने के लिए काफी है कि नक्सली क्षेत्र का मतदाता की लोकतंत्र पर आस्था है और वह चाहता है कि वह लोकतंत्र के विश्वास के साथ वह विकास की राह में आगे बढ़े. नक्सल प्रभावित विधानसभा के अति नक्सल क्षेत्र कोद्दापार, कदला खराड़ी, सर्रा, माटे, खारा, दुगलई, तालाबोड़ी, जलदीडांड, झकोरदा और माडी में 80 से 99 प्रतिशत मतदान, नक्सली विचाराधारा के खत्म होने का शुभ संकेत है. जो साबित करता है कि प्रशासन और पुलिस इन क्षेत्रो में ग्रामीणों में यह भरोसा और विश्वास पैदा करने में कामयाब रही कि लोकतंत्र में ही उनकी हर समस्या का हल है और उस विश्वास से ही नक्सली क्षेत्र के मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर, लोकतंत्र के इस महोत्सव में अपने मतो की आहूति देकर एक रिकॉर्ड कायम किया.


Web Title : VOTERS GIVE REPLY TO NAXAL IDEOLOGY BY VOTING IN NAXAL AREA, VOTERS EXPRESS FAITH IN DEMOCRACY, ADMINISTRATION AND POLICE ARE ENCOURAGED BY VOTING