एचसीएल के निजीकरण का क्षेत्र के जागरूक नागरिकों ने किया विरोध

बालाघाट. जब जिले के मलाजखंड में ताम्र खनन के लिए हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड की स्थापना की गई थी, तब क्षेत्रीय लोगों की जमीने अधिग्रहित कर यह विश्वास दिलाया गया था कि खदान में क्षेत्रीय लोगों को काम के साथ ही क्षेत्र का विकास किया जायेगा, लेकिन आज हालत विपरित है, एचसीएल में अधिकांश कर्मी क्षेत्र के न होकर बाहर के है, यही नहीं बल्कि पार्ट-पार्ट में कई निजी कंपनी भूमिगत खदान का काम कर रही है, जिसमें भी क्षेत्रीय लोगों को रोजगार देने के वादे को दरकिनार कर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़,  आंघप्रदेश सहित अन्य प्रदेशो से मजदूरों को लाया गया है, जिससे क्षेत्र में खदान खुलने का जो रोजगार के रूप में हक और अधिकार क्षेत्रीय लोगों को मिलना चाहिये था, वह नहीं मिल पा रहा है, यह हम नहीं बल्कि 22 नवंबर को एचसीएल के निजीकरण की विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के बाद प्रदर्शन कर रहे क्षेत्रीय जागरूक लोगों की अगुवाही कर रहे युवा नेता द्रोपकिशोर मेरावी ने कही.  

द्रोपकिशोर मेरावी ने बताया कि विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि सरकार एचसीएल का निजीकरण करने जा रही है, जिसको लेकर दो बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि अपने निजी हेलिकाप्टर से 22 को सुबह पहुंचे और प्रबंधन से चर्चा करने के बाद दोपहर रवाना हो गये. जिससे एचसीएल के निजीकरण को लेकर क्षेत्र के जागरूक नागरिकों ने विरोध की आवाज बुलंद की और एचसीएल प्रबंधन एवं मलाजखंड पुलिस को आवेदन देकर खदान के निजीकरण नहीं किये जाने की मांग की है. बावजूद इसके यदि सरकार, प्रबंधन, खदान के निजीकरण नहीं किये जाने पर कोई कदम नहीं उठाते है तो इसके खिलाफ आगामी दिसंबर माह में बड़ा आंदोलन एचसीएल के निजीकरण के खिलाफ किया जायेगा.  

एचसीएल के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे द्रोपकिशोर मेरावी, हेमलाल धुर्वे, सी. एन. झा, साहेबसिंह मेरावी, डेलसिंह मरकाम, श्रीमती इंद्रा मेरावी, श्रीमती शांति टेकाम, राजेन्द्र मेरावी, शौकीलाल मेरावी, बिसन पुसाम, बसंत मेरावी और गोविंद गौतम ने दिये गये आवेदन के माध्यम से एचसीएल प्रबंधन और मलाजखंड पुलिस को अवगत कराया कि विश्वसनीय सूत्रो से पता चला है कि 22 नवंबर को हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड ताम्र परियोजना मलाजखंड को बहुचर्चित कंपनी द्वारा ठेके पर लेने प्रतिनिधिमंडल पहुंचे है और प्रबंधन निजीकरण प्रक्रिया कर रहा है. जो क्षेत्रीय जनता के साथ धोखा एवं अन्याय है और परियोजना के स्थापना के उद्देश्यों के विपरित है. परियोजना के निजी हाथो में जाने से क्षेत्र के विकास, रोजगार एवं अन्य चीजों पर इसका अत्यधिक प्रभाव पड़ेगा. जिसकी भरपाई किया जाना संभव नहीं है, लेकिन हम निजीकरण नहीं होने देगे.  

उन्होंने कहा कि प्रशासन एवं एचसीएल प्रबंधन से उम्मीद है कि निजीकरण को लेकर क्षेत्रीय संगठनों, जनप्रतिनिधियों एवं यूनियन पदाधिकारियों के साथ चर्चा की जाये, जिसके लिए प्रबंधन समय निर्धारित कर सभी को आमंत्रित करें अन्यथा गुपचुप हो रहे निजीकरण का तीव्र विरोध दर्ज किया जायेगा.  


Web Title : AWARE CITIZENS OF THE REGION PROTEST AGAINST PRIVATISATION OF HCL