बालाघाट नामकरण को हुए 124 वर्ष, पुरातत्व संग्रहालय में मनाई गई बालाघाट नामकरण वर्षगांठ

बालाघाट. नगर के आम्बेडर चौक स्थित इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय में आज 31 दिसंबर को बालाघाट नामकरण की 124 वीं वर्षगाँठ मनाई गई. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि भूगर्भशास्त्री डॉ. संतोष सक्सेना, कार्यक्रम अध्यक्ष रिटायर्ड आयकर अधिकारी सुभाष गुप्ता और सेवानिवृत्त शिक्षक गणेश प्रसाद यादव एवं सेवानिवृत्त डिप्टी रेंजर कुलदीप बिल्थरे के विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे. कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए इतिहास एवं पुरातत्वविद् डॉ. वीरेन्द्र सिंह गहरवार ने बताया कि बालाघाट का नामकरण सन् 1895 में किया गया था. इससे पूर्व बालाघाट को बुढ़ा-बुढ़ी के नाम से जाना जाता था. आज बालाघाट नामकरण को पूरे 124 वर्ष हो गये है. अंग्रेज शासनकाल 1914 में बालाघाट जिले के 6 पुरातात्विक स्थलों को संरक्षित किया था. जो वर्तमान में केन्द्र सरकार के अधीन है. जबकि राज्य सरकार ने 1988 में हट्टा की बावली तथा 2019 में धनसुवा का गोंसाई मंदिर अपने अधिपत्य में लिया है. इसके अलावा बालाघाट में और कई पुरातात्विक स्थल है. बालाघाट के अन्य असंरक्षित पुरातात्विक स्थलों को संरक्षित करने की कार्यवाही प्रारंभ हैं. पुरातत्व संग्रहालय में पृथक-पृथक दीर्घाओं का निर्माण किया जा रहा है. जिसके तहत बुढ़ी मार्ग में एक बोर्ड लगाया जायेगा.   जिसमें बालाघाट का प्राचीन नाम बुढ़ी अंकित होगा. मुख्य अतिथि डॉ. सक्सेना ने जिले में भूगर्भ संपदा के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि बालाघाट के भविष्य के लिए जल संसाधन को संरक्षित करने की आवश्यकता है उन्होंने जिलेवासियों से जल संरक्षण की बात भी कही. कार्यक्रम अध्यक्ष श्री गुप्ता ने पुरातत्व संपदा को संरक्षित करने के लिए कार्यवाही करने की बात कही. इसके अलावा अन्य वक्ताओं ने पुरातत्व संग्रहालय में पुरातत्व अवशेषों को संरक्षित करने पर जोर देते हुए कहा कि पुरातत्व अवशेषों को देखकर आने वाली पीढ़ी, अपनी विरासत को याद रखेगी. कार्यक्रम के अंत में सभी ने जल, जंगल और पुरातत्व को बचाये रखने का संकल्प लिया. इस अवसर पर नववर्ष 2020 के आगमन पर सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें कवियों द्वारा स्वर रचनायें प्रस्तुत की गई.  

कार्यक्रम में मिश्रीलाल लाल साहू, आर. एस. कुरैशी, डी. बी. राहंगडाले, राजेश ब्रम्हे, अखिलेश कुमार पटले, वेंकट गेडाम, अंकित उपाध्याय, शुभांगिनी साहू, आंचल नगपुरे, रिया राहंगडाले, दुर्गा कोलबावने, समीता दुधेले, स्मृति देशमुख, योगेन्द्र तोमर सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे.  

Web Title : BALAGHAT NAMING 124 YEARS CELEBRATED AT ARCHAEOLOGICAL MUSEUM, BALAGHAT NAMING ANNIVERSARY