भाईदूज: भाईयों को तिलक कर बहनों ने की दीर्घायु और सुखी जीवन की कामना, जेल में बहनों ने मनाया भाईदूज

बालाघाट. पांच दिवसीय दीपावली पर्व के तीसरे दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 27 अक्टूबर को भाईदूज का पर्व हिन्दु परंपरा अनुसार मनाया गया. भाई दूज का पर्व भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है. इस त्योहार को भाई टीका, यम द्वितीया आदि नामों से भी जाना जाता है.  

इस दिन बहनों ने अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना की. मान्यता है कि इस दिन मृत्यु के देवता यम अपनी बहन यमुना के बुलावे पर उनके घर भोजन के लिए आये थे. मान्यताओं अनुसार इस दिन मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना के अनेकों बार बुलाने के बाद उनके घर गए थे. यमुना ने यमराज को भोजन कराया और तिलक कर उनके खुशहाल जीवन की प्रार्थना की. प्रसन्न होकर यमराज ने बहन यमुना से वर मांगने को कहा. यमुना ने कहा आप हर साल इस दिन मेरे घर आया करो और इस दिन जो बहन अपने भाई का तिलक करेगी उसे आपका भय नहीं रहेगा. यमराज ने यमुना को आशीष प्रदान किया. कहते हैं इसी दिन से भाई दूज पर्व की शुरुआत हुई. बालाघाट मुख्यालय सहित पूरे जिले में भाईदूज का पर्व पर बहनों ने भाईयो का तिलक कर दीर्घायु और सुखी जीवन की कामना की. वहीं भाईयों ने बहनो को उपहार भेंट किये.  

बालाघाट जेल में मनाया गया भाईदूज 

बालाघाट जेल मंे भी भाईदूज का पर्व मनाया गया. यहां किन्हीं मामलो में बंद भाईयों से मिलने बहने पहुंची और भाईदूज का पर्व मनाया गया. जिसमें जेल प्रबंधन का विशेष सहयोग रहा. बहन नमिता ने बताया कि उसका भाई विगत कुछ दिनों से जेल में बंद है, जिनसे मिलने वह भाईदूज में पहुंची थी और यहां उन्होंने भाई के साथ भाईदूज मनाया. हालांकि इस दौरान बहनों की आंखे नम रही.  जेलर प्रजापति ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर भारतीय संस्कृति का पर्व भाईदूज जेल में मनाया गया. जहां बहनों ने अपने भाईयों को तिलक लगाकर और उसकी आरती उतारकर भाईदूज मनाया.  


Web Title : BHAI DOOJ: SISTERS CELEBRATE BHAI DOOJ IN JAIL