गोंगलई मंडी में हमालों की कमी से किसान हो रहे परेशान, व्यापारी भी हमाल नहीं होने से किसानों की नही खरीद रहे धान, किसानों ने किया हंगामा

बालाघाट. अक्सर सुर्खियो में रहने वाली कृषि उपज मंडी गोंगलई, एक बार पुनः सुर्खियो में है, क्योंकि अपनी उपज लेकर मंडी पहुंच रहे किसानो को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.  

किसानो की मानें तो मंडी में हमालो की कमी से धान खरीदी का कार्य प्रभावित हो रहा है और समय पर धान की बोली, धान भराई, वजन एवं धान का उठाव कार्य ना होने के कारण परेशान होना पड़ रहा है तो वही हमाल की समस्या के चलते  व्यापारी भी किसानो से रबी की धान खरीदने में कन्नी काट रहे है. जानकारी मिली है कि व्यापारी रोजाना सिर्फ एक-एक शेड में ढेर बनाकर रखी गई किसानो की धान खरीद रहे है. इस तरह गोंगलई कृषि मंडी में व्यापारियों और मंडी प्रशासन द्वारा तानाशाह रवैया अपनाकर बेवजह किसानो को परेशान किया जा रहा है. जबकि किसानो का कहना है कि मंडी प्रशासन या फिर व्यापारियों को ही हमालो की व्यवस्था करनी चाहियें.  

वर्तमान में तेज गर्मी का मौसम है, ऐसे ऐसे में लोग घरो में आराम कर रहे, लेकिन बेबस, लाचार और सहमा किसान, गोंगलई कृषि मंडी में धूप की तपिश में सुलग रहा है.

3 मई को शिकायत मिली कि अव्यवस्थाओं के कारण व्यापारियों ने एक ही शेड में ढेर बनाकर रखी गई कुछ ही किसानो की धान खरीदी और हमालो की कमी होने का हवाला देकर शेष किसानो की धान खरीदने से इंकार कर दिया. जिसके बाद किसान आक्रोशित हो उठे और उन्होने   मंडी प्रशासन पर अपना आक्रोश दिखाया. इस दौरान जनपद उपाध्यक्ष जुगल बम्बुरें भी कृषि मंडी पहुंचे और उन्होने किसानो को साथ लेकर विरोध जताया.  

जनपद उपाध्यक्ष जुगल बम्बुरे ने कहा कि पिछले दो-तीन दिनो से हर एक किसान अपनी उपज की जागरानी कर रहा है, लेकिन व्यापारियों के द्वारा उनकी धान नही खरीदी जा रही है. यहां पर हमालो की कमी होने के कारण भी कार्य प्रभावित हो रहा है. जिसके पीछे मंडी प्रशासन की घोर लापरवाही है. बम्बुरे ने मंडी के अधिकारी-कर्मचारियों और व्यापारीयों पर सांठगाठ के आरोप लगाये. उन्होने कहा कि यहां के व्यापारी और मंडी प्रशासन नही चाहते कि कोई किसान अपनी धान लेकर मंडी आये. व्यापारियों द्वारा बाहर के बाहर किसानो की धान औने पौने दाम में खरीदने की रणनीति बनाई जा रही है. यही वजह है कि अपनी धान लेकर मंडी पहुंच रहे किसानो को बेवजह परेशान किया जा रहा है. कृषि मंडी में भी किसानो को धान की फसल का सही दाम नही दिया जा रहा है. किसानो की मांग है कि रबी की फसल भी समर्थन मूल्य पर खरीदी जाये, ताकि किसानो की आर्थिक स्थिति को और भी ज्यादा मजबूत किया जा सके.   

सिर्फ 19 हमालो का है पंजीयन

सुत्रो की माने तो कभी गोंगलई कृषि मंडी में हमालो की कोई कमी नही थी. शाम तक किसान फसल की कीमत लेकर घर पहुंच जाता था, लेकिन आज हालात विपरित है. व्यवस्थाओं के अभाव में किसानो को 2-3 दिनो तक मंडी में अपनी उपज की रखवाली करनी पड़ रही है. मंडी में सिर्फ 19 हमालो का पंजीयन है. जिसमें लगभग 10-12 हमाल ही कार्य कर रहे है. ऐसे में किसानो को परेशान होना पड़ रहा है. जागरूक नागरिकों और किसानों ने जिला प्रशासन से किसानो की समस्याओं के देखते हुए मंडी में हमालो की व्यवस्था करवायें जाने की बात कही है अन्यथा मंडी परिसर में बहुत जल्द बड़ा विरोध देखने मिल सकता है.


Web Title : FARMERS ARE SUFFERING DUE TO SHORTAGE OF HAMALS IN GONGLAI MANDI, TRADERS ARE ALSO NOT BUYING PADDY FOR FARMERS DUE TO LACK OF HULL, FARMERS CREATE RUCKUS