सरकार अंतिम समय तक ओबीसी के आरक्षण की लड़ाई लड़ने कृतसंकल्पित-गौरीशंकर बिसेन, आरक्षण ओबीसी का अधिकार

बालाघाट. ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आये फैसले के बाद भाजपा सरकार बैकफुट पर है और कांग्रेस हमलावर है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारी प्रारंभ कर दी है. जिससे साफ है कि सरकार भले ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर रिव्यु पिटिशन दायर करने की बात कह रही है लेकिन रिव्यु पिटिशन पर ओबीसी के हक में फैसला आयेगा की नहीं? इसको लेकर भी सरकार अनिश्चित है, जिसके चलते ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार, सरकार के निर्देश पर भाजपा स्वयं को प्रेसवार्ता के माध्यम से ओबीसी का हितैषी बताने में जुटी है, ताकि फैसले से नाराज ओबीसी मतदाता के आक्रोश को कम किया जा सके.

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और निर्वाचन आयोग की निकाय और पंचायत चुनाव को लेेकर दिखाई जा रही सक्रियता के बीच 13 मई को भाजपा कार्यालय मंे प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया. जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने सरकार के ओबीसी के किये गये कार्यो, ओबीसी मुख्यमंत्री, ओबीसी आयोेग के गठन को संवैधानिक दर्जा दिये जाने जैसी अन्य ओबीसी हितैषी कार्यो को गिनाते हुए ओबीसी आरक्षण को निकाय औैर  पंचायत चुनाव में समाप्त करने के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया. इस दौरान आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे, भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश भटेरे भी मौजूद थे.  

उन्होंने कहा कि अंतिम समय तक ओबीसी की लड़ाई लड़ाई जायेगी. फिर न्यायालय के विधि और न्याय संगत फैसले का स्वीकार किया जायेगा.

उन्होेंने बताया कि हमारी ही सरकार ने प्रदेश में ओबीसी का सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सर्वे किया. जिसमें पता चला कि 48 प्रतिशत ओबीसी मतदाता है. कांग्रेस ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण की बात कही थी, लेकिन हमने महाजन आयोग की तरह 35 प्रतिशत आरक्षण देने की बात सरकार से कही है.

उन्होने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ही पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देेकर अधिकार दिया. केन्द्र और प्रदेश की सरकार पिछड़ा वर्ग के कल्याण को लेकर तत्पर है और कल्याण का काम भी कर रही है.

उन्होंने बताया कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर सरकार और पार्टी पूरी तरह से तैयार है, हमारी मान्यता है कि ओबीसी आरक्षण के साथ ही चुनाव हो, लेकिन कांग्रेस चुनाव को टालना चाहती है, कांग्रेस तैयार नहीं है और उसकी हालत असहाय है. जब कांग्रेस सत्ता में थी तो चुनाव नहीं कर सकी और रोजगार एवं सेवा के क्षेत्र में जो 27 प्रतिशत ओबीसी को आरक्षण देने की बात कही थी, उसमें भी वह न्यायालय में अपना पक्ष नहीं रख सकी और मामला खारिज हो गया.  

आयोग अध्यक्ष श्री बिसेन ने कहा कि ओबीसी को लेकर सरकार ने अंतिम समय तक दृढ़ता से पक्ष रखा. आयोग का प्रतिवेदन भी समय-सीमा में रख दिया गया और उसका डिटेल प्रतिवेदन भी चला गया है.  

सरकार अंतिम समय तक ओबीसी के आरक्षण की लड़ाई लड़ने कृतसंकल्पित है. हमारा भी मानना है कि ओबीसी को आरक्षण मिलना चाहिये, जो पूर्व मंे मिल रहा था. जिसके आधार पर सरकार पंचायत चुनाव करा रही थी लेकिन कांग्रेस से जुड़े याचिकाकर्ताओं को यह रास नहीं आया और वे ओबीसी आरक्षण को लेकर न्यायालय में चले गये.  

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण नहीं होने से नुकसान तो होगा, चूंकि ओबीसी वार्डो में सामान्य रूप से चुनाव होगा तो इसका असर जरूर पड़ेगा, लेकिन जनता जागरूक है और वह स्थानीय परिस्थिति के आधार पर मतदान करेगी.

उन्होंने बताया कि ओबीसी आरक्षण नहीं होने से कुछ नगरीय निकाय और लगभग 118 ग्राम पंचायतो में भ्रम की स्थिति है.  


Web Title : GOVERNMENT IS READY TO FIGHT FOR RESERVATION OF OBCS TILL THE LAST MOMENT GAURISHANKAR BISEN, RIGHT OF RESERVATION OBC