अस्थायी पटाखा लायसेंसी में कितने लायसेंसी चला रहे दुकानें?, स्थायी लायसेंसी ने बनवा रखे है वर्करों के नाम लायसेंस?

बालाघाट. जिले में अस्थायी पटाखा दुकानदारों ने मुख्यालय के उत्कृष्ट विद्यालय मैदान में, दुकाने लगा ली है या लगाने वाले है, धनतेरस से लगभग सभी दुकानें, प्रारंभ हो जाएगी. पूर्व में दिए गए अस्थायी पटाखा दुकान एशोसिएशन पदाधिकारी निर्मल सोनी की मानें तो लगभग 54, अस्थायी दुकानदारों के स्टॉल तैयार किए गए है. जबकि बालाघाट में अस्थायी और स्थायी लायसेंसी की प्रशासनिक संख्या 104 है, जिसमें तकरीबन 5 से 6 ही स्थायी लायसेंसी है, जबकि सभी लायसेंसी अस्थायी है, यदि संख्या पर गौर करें तो करीब-करीब 99 लोग अस्थायी लायसेंसी है, जिसमें केवल 54 दुकानदारों ने ही दुकानों को लायसेंस बनाया है, ताज्जुब इस बात का है कि बाकी लायसेंसी व्यवसायियों ने जब, दुकान नहीं लगानी थी तो लायसेंस क्यों रिनिव कराया या फिर वह लायसेंसी अस्थायी दुकानदार, आखिर कहां अपने लायसेंस का उपयोग कर रहे है.  

दरअसल, बालाघाट जिले में विगत लंबे समय से कुछ पटाखा व्यवसायियों ने अपने अधिनस्थ अमले के नाम से पटाखा लायसेंस बनाकर रखा है, जो ही प्रतिवर्ष, इन लायसेंस को रिनुवल करते है, आखिर इसके पीछे, बड़ा पटाखा व्यवसायियों की क्या मंशा है, यह तो वे ही बता सकते है या फिर प्रशासनिक जांच में इसकी जानकारी मिल सकती है, लेकिन सूत्रों की मानें तो उनके लायसेंस को किराए पर दिया जाता है, अर्थात, बिना लायसेंसी से किराए के लायसेंस में दुकान को संचालित कराया जाता है, जिसमें भी उस पटाखा व्यवसायी के आदमी होते है, ताकि उनके पटाखों के भंडारण को खपाया जा सके. सूत्रों की मानें तो जिसमें एक बड़ा नेटवर्क, काम करता है. बालाघाट में यह खेल लंबे समय से किया जा रहा है.

खास बात यह है कि भरवेली के पटाखा लायसेंसी के लिए दुकानों को चलाने की भरवेली में अनुमति दिए जाने के बावजूद, भरवेली के लायसेंस पर दुकानदारों के बालाघाट में दुकाने संचालित करने की जानकारी मिल रही है, हालांकि यह जानकारी अपुष्ट सूत्रों से मिली है, लेकिन इसकी पुष्टि प्रशासनिक जांच में की जा सकती है. चूंकि बालाघाट जिला नक्सल प्रभावित जिला होने और कई सालों पहले बालाघाट में अवैध रूप से संचालित पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से कई मानव जिंदगी के खत्म होने तथा नक्सलियों के मिलने वाले डंप में दीपावली पर बिकने वाले रस्सी बमों का मिलना, पटाखा विक्रय की दृष्टि से एक संवेदनशील मामला है, जिससे पटाखा किन हाथो से किन हाथो में बेचा जा रहा है, इस पर निगरानी जरूरी है, ताकि पटाखों को, मिस विक्रय और मिस उपयोग होने से बचाया जा सके.


Web Title : HOW MANY LICENSED SHOPS ARE RUNNING IN TEMPORARY FIRECRACKER LICENSES?, PERMANENT LICENSEES HAVE MADE LICENSES IN THE NAMES OF WORKERS?