मथुरावासियों को कंस के अत्याचार से मुक्ति दिलाने श्रीकृष्ण हुए थे अवतरित - कृष्णा दुबे

बालाघाट. शहर के वार्ड नंबर 25 प्रेम नगर में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय उद्यान में एकता महिला मंडल के तत्वावधान में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह सोमवार से जारी है. कथा का वाचन रोज दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक बम्हनी बंजरा मंडला से पधारे कथा वाचक पंडित परिणित कृष्णा दुबे द्वारा किया जा रहा है. शुक्रवार को महाराज ने श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा सुनाई. कथा सुनाते हुए बताया कि भगवान श्री हरि विष्णु आठवें अवतार में देवकी और वसुदेव के पुत्र श्रीकृष्ण के रूप में मथुरा में अवतरित हुए थे. मथुरा में राक्षस कंस के अत्याचार से वहां के लोग परेशान थे. इसके अलावा उसने देव लोक तक अपना आतंक मचा रखा था. वैसे तो राक्षस कंस श्रीकृष्ण के रिश्ते में मामा लगते थे. महाराज ने बताया कि कंस को पता था कि देवकी की आठवीं संतान उनका वध करेगी. इसलिए जब भी देवकी को संतान होती, कंस उसे मार देता था. आठवीं संतान के रूप भगवान ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतरित हुए. तभी रातों-रात वसुदेव ने यमुना नदी पार करके श्रीकृष्ण को गोकुल लेकर चले गए. वहां पर यशोदा और नंद के घर छोड़ दिया. गाेकुल में भगवान की पूरी बाल लीला हुई. उसके बाद मथुरा आकर कंस का वध किया और सभी को अत्याचार से मुक्त कराया. आज 13 जनवरी को गोवर्धन पूजा व दही हांडी की कथा सुनाई जाएगी. कथा सुनने के लिए रोज श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है.

Web Title : KRISHNA INCARNATED TO LIBERATE THE PEOPLE OF MATHURA FROM THE TYRANNY OF KANSA KRISHNA DUBEY