मेरी पहचान आपसे है-अनुभा, अधिवक्ताओं से रूबरू हुई कांग्रेस प्रत्याशी अनुभा मुंजारे, परिवर्तन प्रकृति का नियम है विधानसभा में बदलाव की जरूरत

बालाघाट. बालाघाट विधानसभा में सभी राजनीतिक और निर्दलीय प्रत्याशियों का प्रचार जोरो पर है, आज से महज 6 दिन बाद प्रत्याशियों के लिए विधानसभा चुनाव का मतदान होना है. इससे पूर्व चुनाव मैदान में भाग्य अजमाने उतरे प्रत्याशी किसी भी प्रकार से प्रचार में कोई भी कसर बाकी नहीं रखना चाहते है. बालाघाट विधानसभा में कांग्रेस की प्रत्याशी अनुभा मुंजारे ने प्रचार में पूरी जान फूंक दी है, बालाघाट विधानसभा के शहर से लेकर तहसील तक उनका चुनावी प्रचार उफान है, एक नारी सब पर भारी नजर आ रही हैं, बालाघाट विधानसभा प्रत्याशी श्रीमती अनुभा मुंजारे ने 09 नवंबर गुरूवार को अधिवक्ता साथियों के साथ मुलाकात की और उन्हें बालाघाट विधानसभा में विकास की अपनी सोच से परिचित कराया. बार में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस प्रत्याशी का अधिवक्ता साथियों ने स्वागत किया और उम्मीद कि  जीतने पर वह अधिवक्ताओं की समस्याओं और निराकरण ध्यान देगी.

बार में आयोजित कार्यक्रम को एक प्रसिद्ध शेर से मेरे दिल में ना सही, तेरे दिल में ही सही, हो कहीं भी आग जलनी चाहिए.. . से अपनी संबोधन की शुरूआत करते हुए कहा कि आज बालाघाट विधानसभा में बदलाव की जरूरत है. परिवर्तन प्रकृतिक का नियम है, जिस तरह ठहरे और बहते हुए पानी में नजर आता है, उसी तरह जहां हमारी सोच खत्म होती है वहां आपकी सोच शुरू होती है. अधिवक्ता  पेशे का ना केवल वह स्वयं बल्कि हर कोई सम्मान करता है, पक्षकार को उम्मीद होती है कि वकील साहब मुझे मुसीबत से बचा लेंगे और मेरा तो अपना अनुभव भी यही है, जब भी आपके आशीर्वाद से मुझे नपाध्यक्ष बनने का अवसर मिला लेकिन विपक्षियों ने उन्हें कई बाद पद से हटा दिया, लेकिन मुझे विश्वास था कि न्यायालय ऐसा मंदिर है, जहां से मुझे न्याय मिलेगा और ना केवल न्याय के मंदिर से मुझे कुर्सी मिली बल्कि मेरी चुनाव लड़ने की अयोग्यता के खिलाफ भी फैसले में मुझे योग्यता का न्याय मिला.  

हमें अपने सबसे बड़े लोकतंत्र का देशवासी होने पर गर्व है, हर पांच साल में चुनाव आते है और लोकतंत्र के इस उत्सव में हमें संविधान ने पंच से लेकर दिल्ली की सरकार तक चुनने का अवसर दिया है.  बस हमें इसका सदुपयोग कैसे करें, यह सोचने और चिंतन करने की जरूरत है. आप सभी से मेरा पारिवारिक रिश्ता रहा है, मुझे मेरे शहर में 35 साल हो गए, मैने कभी अपने आप को बड़ा नेता नहीं माना. आज जो मेरी पहचान है, वह आपसे है. हम विकास करने वालों को वोट दे, यह वोट देते समय हमें सोचना है, मत देना मतलब मन देना है, हद्रय देना है, जब व्यक्ति वोट देने जाता है तो विचार करता है कि जिस वह वोट दे रहा है वह जीतकर आना चाहिए और यदि व्यक्ति अपने वोट का सही उपयोग नहीं करता है तो बाद में उसे पीड़ा होती है. मुझे पूरा विश्वास है कि क्षेत्र में बदलाव और परिवर्तन के लिए आप सभी कानून के ज्ञाता अपने वोट का उपयोग करें. मुझे भरोसा है कि आपका साथ, कांग्रेस के साथ होगा और मैं वादा करती हुॅं कि प्रतिनिधित्व मिलने पर अपने अधिवक्ता परिवार के लिए हो अच्छा हो सके, उसे करने का प्रयास करूंगी.

Web Title : MY IDENTITY IS WITH YOU ANUBHA, CONGRESS CANDIDATE ANUBHA MUNJARE, WHO INTERACTED WITH LAWYERS, CHANGE IS THE LAW OF NATURE, THERE IS A NEED FOR CHANGE IN THE ASSEMBLY.