मेहरा तालाब से अतिक्रमण हटाने अतिक्रमणकारियों को नपा ने दिया नोटिस, हम आत्मदाह कर लेंगे पर जगह नहीं छोड़ेंगे, नपा अतिक्रमण हटाने में कर रहा भेदभाव

बालाघाट. नगरीय क्षेत्र में स्थित कई तालाब अतिक्रमण में खो चुके है, शहरी क्षेत्र के कुठ ऐसे नामचीन तालाब है, जहां आज बड़े-बड़े लोगों के भवन खड़े है या फिर व्यवसायिक कॉम्पलेक्स, लेकिन राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण का आदेश लेकर नपा शहरी क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 14 स्थित मेहरा तालाब में वर्षो से जमे अतिक्रमणकारियों को हटाने नोटिस जारी कर रही है, जबकि नगरीय क्षेत्र के अन्य तालाबों पर किये गये अतिक्रमण पर नपा प्रशासन मौन साधे है, जो कई संदेह और सवालों को खड़ा करता है, सवाल यह है कि तालाब में अतिक्रमण कर जलस्त्रोत को खत्म करने वालों के खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही एक समान क्यों नहीं हो रही है? वही मेहरा तालाब पर में भी बैठे अतिक्रमणकारियों का आरोप है कि मेहरा तालाब में अतिक्रमण हटाने में नपा प्रशासन भेदभाव कर रहा है, वह केवल कुछ गिनती के लोगों से अपने अतिक्रमण हटाने की बात कर रहा है, जबकि तालाब क्षेत्र में ही कई रसूखदार और बड़े लोगों के भवन के साथ ही सामाजिक भवन स्थित है, जिसे हटाने को लेकर नपा ने कोई नोटिस जारी नहीं किया है. जिससे वह नपा प्रशासन की भेदभाव कार्यवाही से नाराज है और हमारी मांग है कि यदि हमें अतिक्रमण के नाम पर हटाया जाता है तो पहले हमारे लिए वैकल्पिक जगह की व्यवस्था की जायें या फिर वह अतिक्रमण हटाने पर आत्मदाह कर अपनी जान दे दंेगें.

गौरतलब हो कि नगरपालिका द्वारा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशानुसार नगरपालिका सीमा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 14 स्थित मेहरा तालाब के अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए जानकारी अनुसार 16 लोगों को नोटिस जारी कर निर्देश दिये है कि वह अपना अतिक्रमण हटा ले, अन्यथा 24 दिसंबर को नपा नियमानुसार कार्यवाही कर तालाब में किये गये अतिक्रमण को हटा देगी.  

नपा द्वारा मेहरा तालाब में किये गये अतिक्रमण कार्यवाही को लेकर जद में आ रहे गरीब परिवारों के लोगों ने आज नगरपालिका पहुंचकर अपनी आपबीती बताई और तालाब में बने उनके अतिक्रमण हटाने के पहले उनके लिए वैकल्पिक जगह की व्यवस्था करने की मांग की गई.  

अतिक्रमणकारियों का कहना था कि वह, उस स्थल पर वर्षो से रह रहे है, भले ही प्रशासन के लिए वह मेहरा तालाब की जगह हो, लेकिन उस तालाब में अपना घर बनाकर वह इस ठिठुरती ठंड में आश्रय पाये हुए है. उस जगह में वर्षो से रहने से परिवार के नये सदस्यों की जन्म की खुशी और अपनों को विदा करने की यादें जुड़ी है, यदि प्रशासन उन्हें वहां से बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था किये हटाता है तो वह आत्मदाह कर लंेगे.  

बहरहाल प्रशासन का रूख क्या होता है यह तो 24 दिसंबर को पता चलेगा लेकिन अतिक्रमण हटाने और वहां पुनः अतिक्रमण न हो, इसकी मॉनिटरिंग को लेकर प्रशासन पर कई सवाल खड़े होते रहे है, नगर में एक साल पहले युद्धस्तर पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई थी लेकिन उसके बाद प्रशासन उसे भुल गये. आलम यह है कि अब फिर वहां अतिक्रमण पसर चुका है. जिसे पुनः हटाने प्रशासन का समय और संसाधन दोनो उपयोग होंगे.  


Web Title : NOPA NOTICES TO ENCROACHERS REMOVING ENCROACHMENTS FROM MEHRA POND, WE WILL IMMOLATE BUT WILL NOT LEAVE THE PLACE, DISCRIMINATION IN REMOVAL OF NOPA ENCROACHMENT